यक्ष्मा मरीजों को उपचार के साथ साथ रोजगार से जोड़ने की योजना हो रही है शुरू

 

डीएनबी भारत डेस्क

बेगूसराय जिले के खोदावंदपुर समुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में सरकार यक्ष्मा मरीजों को उपचार व पौष्टिक आहार लेने के लिए निक्षय पोषण राशि भी उपलब्ध करवा रही है। साथ ही कई संस्थाओं एवं आम लोगों के लिए सरकार निक्षय मित्र योजना का भी संचालन कर रही है। इसके तहत कोई भी व्यक्ति टीबी मरीजों को गोद लेकर पौष्टिक आहार व अन्य प्रकार से सहयोग कर सकता है। वहीं, कुछ संस्थाएं यक्ष्मा मरीजों को स्वरोजगार भी उपलब्ध करा रही है।

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इसी क्रम में खोदावन्दपुर प्रखंड के एमडीआर टीबी मरीज को आईआईएच संस्था के सहयोग से सिलाई मशीनजीविका उपार्जन के लिए दी गई। बीडिओ नवनीत नमन, बी एच एम मनीष कुमार ने टीबी मुक्त हेतु MDR मरीज दौलतपुर प्रखंड अंतर्गत अभिषेक कुमार को सिलाई मशीन देकर जीविका उपार्जन के लिए नसीहत दी और बताया कि प्रखंड में और कई कार्यक्रम किए जा रहे हैं। इसके लिए हम सब मिलकर संकल्पित हैं कि जिले को जल्द से जल्द टीबी मुक्त बनाया जाए।

उन्होंने बताया स्वास्थ्य विभाग की टीम प्रखंड द्वारा टीबी मुक्त करने की पहल की जा रही है । स्वास्थ्य प्रबंधक मनीष कुमार ने बताया कि टीबी पूर्ण रूप से ठीक होने वाली बीमारी है। बशर्ते मरीज नियमित रूप से दवा का सेवन करें। टीबी के रोगियों में नि:शुल्क दवा का वितरण सरकारी अस्पतालों की ओर से किया जाता है। प्रत्येक प्रखंड में स्पुटम जांच की व्यवस्था की गई है।

वहीं, लगातार 3 हफ्तों से खांसी का आना और आगे भी जारी रहना, खांसी के साथ खून का आना, छाती में दर्द और सांस का फूलना, वजन का कम होना और ज्यादा थकान महसूस होना, शाम को बुखार का आना और ठंड लगना, रात में पसीना आना आदि इसके लक्षण हैं। मौके पर WHO के सर्विलेंस  मेडिकल ऑफिसर, गीतिका शंकर, आईआईएच के राजकुमार, लैब टेक्नीशियन मनोज कुमार, बी सी एम वकील मोची सहित अन्य कर्मी उपस्थित रहे।

बेगूसराय खोदावंदपुर संवाददाता नितेश कुमार की रिपोर्ट

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