पुत्र और वंश की सुरक्षा हेतु महिलाओं ने पीपल वृक्ष की पूजा और परिक्रमा की, भीष्म पितामह ने…

 

डीएनबी भारत डेस्क 

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वीरपुर प्रखंड क्षेत्र के नौला, डीह, भवानंदपुर, वीरपुर पूर्वी, वीरपुर पश्चिम, गेंन्हरपुर, जगदर, पर्रा पंचायत की सेकरौं महिलाओं ने 13 नंबर सोमवार को अहले सुबह से ही अपने अपने नजदीक के पीपल वृक्ष के पास जाकर मौन भाव से अखंड सौभाग्य प्राप्ति के लिए पुजा अर्चना के पश्चात पीपल वृक्ष की 108 बार परिक्रमा की।

उक्त पंचायतों के पीपल वृक्ष के पास पुजा करा रहे पंडितों ने बताया कि महाभारत काल में अश्वत्थामा के द्वारा चलाए गए बाण से उत्तरा के गर्भ में पल रहे बच्चे की मौत हो गई थी। जिससे वंश में कोई भी पिंडदान करने वाला नहीं बचा था। तब भीष्म पितामह ने उत्तरा को इस व्रत के बारे में करने और व्रत करने से संबंधित विधि को बताया था। तब से यह व्रत सौभाग्यवती महिलाओं के द्वारा सौभाग्य की रक्षा और पुत्र प्राप्ति के उद्देश्यों से किया जा रहा है। ऐसा शास्त्रों में वर्णित है।

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