डीएनबी भारत डेस्क
कृषि विभाग के मंत्री मंगल पांडेय ने पटना के ज्ञान भवन में आयोजित मखाना महोत्सव, 2024 का उद्घाटन किया। कृषि मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि मखाना के उत्पादन, विपणन एवं प्रसंस्करण करके इसे हर थाल तक पहुँचाना सुनिश्चित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि मखाना उत्पादक किसान को यह भरोसा दिया जाये कि मखाना उत्पादन में उनका भविष्य है। मखाना किसानों की आय में वृद्धि का स्रोत है।
उन्होंने कहा कि व्यापारियों को गुणवत्ता, मानक एवं विपणन में प्रतियोगिता का सामना करने हेतु राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय मानकों का पालन करना होगा, जिससे अधिक लाभ मिल सके। हमें आधुनिक यंत्रों का प्रयोग कर मखाना के उत्पादन एवं प्रसंस्करण को बढ़ावा देना होगा। उन्होंने कहा कि मखाना महोत्सव का आयोजन देश के अन्य राज्यों में भी किया जायेगा, ताकि इसका व्यापक प्रचार-प्रसार हो सके।
उन्होंने कहा कि बिहार की मिट्टी की जैव विविधता एवं विशिष्ट जलवायु मानव हितार्थ अनेक फसलों को फलने-फूलने के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान करती है। इन्हीं फसलों में मखाना एक जलीय फसल है, जिसके पूरे देश में उत्पादन का 85 प्रतिशत से अधिक उत्पादन बिहार में होता है। प्राचीन काल से मखाना का उपयोग स्वास्थ्यप्रद भोजन एवं धार्मिक अनुष्ठान में शुभ सामग्री के रूप में किया जाता रहा है।
उन्होंने कहा कि बिहार, भारत में मखाना का शीर्ष उत्पादक राज्य है। मखाना फसल आजीविका सृजन, मूल्यवर्द्धन, विपणन और निर्यात प्रोत्साहन के लिए पर्याप्त अवसर प्रदान करती है। मखाना उत्तरी बिहार का एक महत्वपूर्ण फसल है, जिसपर लाखों किसानों की आजीविका आश्रित है।
मंत्री ने कहा कि 16 अगस्त, 2022 को भारत सरकार द्वारा मिथिला मखाना को जीआई टैग प्रदान किया गया है, जो मखाना उत्पादन के क्षेत्र में बिहार की विशिष्टता को दर्शाता है। साथ ही, इस आयोजन के दौरान उत्पाद से संबंधित विकसित नई तकनीक का प्रदर्शन और मखाना क्षेत्र के विकास की दिशा में राज्य सरकार द्वारा उठाए गए प्रगतिशील कदम को भी साझा किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि राज्य के किसानों और उद्यमियों के बीच अन्तर्राष्ट्रीय बाजार की पहुंच अभी सीमित है, इस आयोजन द्वारा एपीडा की मदद से राज्य के लिए निर्यात की सम्भावनाओं का विस्तार करने और मखाना और इसके मूल्यसंवर्द्धित उत्पादों को निर्यातकों के साथ सम्पर्क स्थापित करके कई निर्यात स्थानों तक ले जाने में मदद करेगा।
उन्होंने बताया कि मखाना का निर्यात पड़ोसी देशों के साथ-साथ संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाईटेड किंगडम, ऑस्ट्रेलिया तथा खाड़ी देशों में भी की जाती है। मखाना के कई स्वास्थ्य लाभों के कारण निकट भविष्य में इसकी मांग में वृद्धि होने की उम्मीद है। उत्पादन के दृष्टिकोण से स्थानीय बाजार की तुलना में राष्ट्रीय बाजारों में मखाना की कीमत लगभग दोगुनी है। बिहार में मखाना की खेती कुल 27,663 हेक्टेयर में की जाती है, जबकि 56,326 मीट्रिक टन बीज/गुड़ी उत्पादन किया जाता है।
राज्य में मखाना विकास हेतु अनुसंधान एवं विकास संस्थान के रूप में आईसीएआर आईसीईआर, मखाना अनुसंधान केन्द्र, दरभंगा तथा भोला पासवान शास्त्री, कृषि महाविद्यालय, पूर्णियाँ कार्यरत है। स्वर्ण वैदेही एवं सबौर मखाना-1, मखाना की उन्नत प्रजाती है। मखाना की खेती तालाब एवं खेत दोनों में की जाती है। दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी, पूर्णियाँ, कटिहार, सहरसा, मधेपुरा, सुपौल, अररिया तथा किशनगंज मखाना के प्रमुख उत्पादक जिला है।
कृषि मंत्री ने कहा कि एक जिला एक उत्पाद के तहत् राज्य के 06 जिलों दरभंगा, मधुबनी, सुपौल, सहरसा, कटिहार एवं अररिया में मखाना उत्पाद नामित है। मखाना के आर्थिक महत्व को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार के द्वारा मखाना विकास योजना का संचालन वर्ष 2019-20 से किया जा रहा है, जिसके अन्तर्गत मखाना के उन्नत प्रभेदों के बीज उत्पादन एवं प्रत्यक्षण तथा क्षेत्र विस्तार को बढ़ावा देने हेतु सहायतानुदान का प्रावधान किया गया है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की पहल से मखाना भण्डारण की भी सहायता वर्ष 2023-24 से मखाना उत्पादकों को दी जा रही है, जिसमें भण्डारण इकाई पर 75 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार राज्य में चयनित 7 सेक्टर्स में मखाना को भी शामिल किया गया है, जिसके अन्तर्गत मखाना प्रोसेसिंग को बढ़ावा देने हेतु बिहार कृषि निवेश प्रोत्साहन नीति के तहत् प्रोसेसिंग के क्षेत्र में प्रोत्साहन के लिए पूंजीगत अनुदान का प्रावधान है।
इस योजना के तहत् व्यक्तिगत निवेशक के लिए प्रोजेक्ट कॉस्ट का 15 प्रतिशत (प्रोजेक्ट कॉस्ट न्यूनतम 0.25 करोड़ रूपये एवं अधिकतम 5.00 करोड़ रूपये) एवं एफ॰पी॰सी॰ (फार्मर्स प्रोड्युसर कंपनी) के लिए प्रोजेक्ट कॉस्ट का 25 प्रतिशत कैपिटल सब्सिडी देने का प्रावधान किया गया है।
मंगल पाण्डेय ने कहा कि मखाना महोत्सव, 2024 के आयोजन का मुख्य उद्देश्य मखाना एवं इसके प्रसंस्कृत उत्पाद एवं निर्यात क्षमता को बढ़ाना है। इस महोत्सव में मखाना के प्रगतिशील कृषकों एवं उत्पादक कंपनी, देश एवं राज्य के प्रमुख निर्यातकों, ट्रेडर्स, वैज्ञानिक आदि को आमंत्रित किया गया है।
मखाना विकास की प्रमुख झलकियाँ
- विभिन्न ग्रेड के मखाना एवं मखाना उत्पाद का प्रदर्शन।
- क्रेता-विक्रेता सम्मेलन।
- मखाना हार्वेस्टिंग एवं पॉपिंग में मशीन का उपयोग, कीट एवं रोग प्रबंधन, भौगोलिक सूचक रजिस्ट्री के लाभ, आदि पर तकनीकी सत्र।
- मखाना के विभिन्न उत्पादों के लिए 20 से अधिक स्टॉल
मखाना महोत्सव, 2024 दो दिनों तक चलेगा, जिसके प्रथम दिन पैनल चर्चा के माध्यम से महत्वपूर्ण बिंदुओं पर जैसे मखाना के उत्पादन में वृद्धि की संभावना, पोस्ट हार्वेस्ट मैनेजमेंट, यंत्रीकरण, देश के बाजार के लिए बिहार के मखाना की आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करना, वैश्विक पहुंच के लिए बिहार के मखाना की मार्केटिंग रणनीतियों को बढ़ाना आदि। देश के प्रमुख निर्यातक केएमएस एक्सपोर्ट्स, डीपी ग्रूप आदि, संस्थागत क्रेता, बिग बास्केट, रिलायन्स, फ्लिपकार्ट, डाबर इंडिया, स्विग्गी आदि भाग लेंगे।
बिहार तथा अन्य राज्यों स्थित कई प्रोसेसर भाग ले रहे हैं। यथा – फार्मले, मिस्टर मखाना, मखाना वर्ल्ड, मखायो, एमबीए मखानावाला, मिथिला नैचुरल्स प्राइवेट लिमिटेड, मधुबनी, फार्म-टू-फैक्ट्री, पूर्णिया, कोशिआन्चल फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड, सुपौल, ऑर्गेनिक सत्त्वा, इत्यादि।
मखाना किसानों को कृषि ऋण की जानकारी सुचारु रूप से प्राप्त हो इसलिए राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति, बिहार द्वारा भी स्टॉल लगाया जा रहा है। खाद्य प्रसंकरण इकाईयों के लिए बिहार सरकार द्वारा दी जा रही सहायताओं की जानकारी साझा करने हेतु उद्योग विभाग, बिहार सरकार द्वारा भी स्टॉल लगाया जा रहा है। इस्टर्न सेन्ट्रल रेलवे के प्रतिनिधि, इंडिया पोस्ट एवं बिहार स्थित एयरपोर्ट प्रतिनिधि भी भाग ले रहे है। मखाना व्यंजन प्रतियोगिता के अंतिम चरण का आयोजन भी महोत्सव के प्रथम दिन किया जायेगा जिसमें मखाना से बने भिन्न व्यंजनों जिनका होटल प्रबंधन संस्थान, बोधगया तथा हाजीपुर एवं ताज सिटी के शेफ द्वारा मूल्यांकन किया जायेगा। लोगों में सुपरफूड मखाना के औषधीय एवं पोषक गुणों के प्रति आम लोगों के बीच जागरूकता हेतु राज्य के प्रमुख स्वास्थ्य संस्थानों के विशेषज्ञ डॉक्टर भी मखाना महोत्सव के दूसरे दिन भाग ले रहे हैं।
इस अवसर पर सचिव, कृषि विभाग, बिहार संजय कुमार अग्रवाल, कृषि निदेशक मुकेश कुमार लाल, प्रबंध निदेशक, बिहार राज्य बीज निगम डाॅ आलोक रंजन घोष, निदेशक, उद्यान अभिषेक कुमार, उप महानिदेशक, कृषि अभियंत्रण, आईसीएआर, नई दिल्ली डाॅ एस एन झा, अपर सचिव शैलेन्द्र कुमार, संयुक्त सचिव द्वय मदन कुमार एवं मनोज कुमार, माननीय मंत्री के आप्त सचिव अमिताभ सिंह, विशेष कार्य पदाधिकारी सुनिल कुमार, अपर निदेशक (शष्य) धनंजयपति त्रिपाठी, संयुक्त निदेशक उद्यान द्वय राधा रमण और पवन कुमार सहित अन्य पदाधिकारी तथा प्रतिभागी किसानगण उपस्थित थे।