विश्वकवि के रूप में दिनकर को प्रस्तुत करने की आवश्यकता – राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर

DNB BHARAT DESK

दिनकर की सभी रचनाओं का डिजिटिलाइजेशन किया जाए

ऊपर सिर पर कनक छत्र, भीतर काले के काले, शर्माते नहीं जगत में जाति पूछने वाले।

दिनकर कवि थे, ऋषि थे, भविष्य वक्ता थे ‌-गिरीराज सिंह।

डीएनबी भारत डेस्क

विश्वकवि के रूप में रामधारी सिंह दिनकर को प्रस्तुत करने की आवश्यकता है। ताकि पूरे संसार में लोग उनको जानें ,आज उस दिशा में प्रयास करने की आवश्यकता है। यही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। उक्त बातें सोमवार को दिनकर उच्च विद्यालय सिमरिया में राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की 116 वीं जयंती समारोह को संबोधित करते हुए बतौर मुख्य अतिथि सह बिहार के महामहिम राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा। उन्होंने कहा दिनकर ने समाज के हर व्यक्ति को आह्वान किया है कि राष्ट्रभक्ति एवं समाज सेवा से बढ़कर कुछ नहीं होता है। सभी को समाज और राष्ट्र की सेवा करनी चाहिए।हम सबों को राष्ट्रकवि दिनकर पर गर्व है।की वह हमारे गांव, समाज, जिला, प्रदेश और देश में जन्म लिए।

विश्वकवि के रूप में दिनकर को प्रस्तुत करने की आवश्यकता - राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर 2उनकी रचनाएं में सभी विषयों पर लेखन व कविता लिखी है।वैसी कविता और काव्य का भाग नहीं है।जिसको दिनकर जी ने स्पर्श नहीं किया हो। समाज सुधारने के उद्देश्य रखकर सबके सामने पेश होते हैं।उनकी हर कविता राष्ट्र प्रेम से प्रेरित होती है।प्रेम श्रृंगार से प्रेरित होती है ‌। दिनकर जी को दैविक शक्ति रही होगी ‌‌। आगे उन्होंने बेगूसराय डीएम सहित दिनकर समिति से आग्रह किया है कि शेक्सपियर की तरह दिनकर जी की सभी रचनाओं का डिजिटिलाइजेशन किया जाए। उनके सभी साहित्य आनलाइन साहित्य एवं कविता उपलब्ध होनी चाहिए। ताकि देश के अलावा विश्व के दिनकर प्रेमी गूगल पर एक क्लिक में सर्च कर दिनकर की कविता व साहित्य को पढ़ सकते हैं।गवर्नर ने कहा आज अपने देश में जाति पूछने का धंधा शुरू हो गया है।

विश्वकवि के रूप में दिनकर को प्रस्तुत करने की आवश्यकता - राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर 3जिस पर दिनकर जी ने अपने जमाने में लिखा था, ऊपर सिर पर कवच क्षत्र भीतर काले के काले, शर्माते नहीं जगत में जाति पूछने वाले। उन्होंने कहा यह देश की राजनीति पर दिनकर की टिप्पणी है।उन्होंने कहा सिमरिया आकर अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। सिमरिया की दीवार पर उनकी कविता लेखन देखकर मन प्रसन्न हो गया। सिमरिया के हर घर में दिनकर साहित्य होनी चाहिए। उन्होंने स्थानीय सांसद सह केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के द्वारा बेगूसराय जिला को बाढ़ ग्रस्त घोषित किए जाने की मांग पर कहा बेगूसराय बाढ़ प्रभावित हैं। डीएम बेगूसराय इसकी रिपोर्ट बनाकर मंत्रालय को अविलंब भेजें। ताकि मंत्रालय और सरकार द्वारा परिस्थिति अनुरुप सही निर्णय करेंगे।

विश्वकवि के रूप में दिनकर को प्रस्तुत करने की आवश्यकता - राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर 4वहीं बिहार सरकार के सहकारिता एवं वन पर्यावरण मंत्री डा प्रेम कुमार ने कहा कि दिनकर की कविता को पढ़ने के बाद देश प्रेम जागृत हो जाता है। उनके जैसे कवि आज तक दूसरे कोई नहीं हुए हैं। उन्होंने राज्यसभा में कहा था कि हिन्दी की निंदा करना बंद कीजिए, हिन्दी की निंदा से देश की आत्मा को गहरी चोट पहुंचती है। वहीं केन्द्रीय वस्त्र मंत्री सह स्थानीय सांसद गिरिराज सिंह ने कहा कि एक हाथ में कमल लिए, एक हाथ में धर्म दिव्य विज्ञान लेकर उठने वाला है इस धरती पर इंसान ‌। दिनकर जी ने उस वक्त इस कविता की रचना की थी।जिस समय भाजपा व संघ का पता नहीं था उस समय दिनकर ने रचना की थी।जो आज शत प्रतिशत सही हो रहा है। उन्होंने कहा दिनकर कवि थे, ऋषि थे, भविष्य वक्ता थे ‌।

विश्वकवि के रूप में दिनकर को प्रस्तुत करने की आवश्यकता - राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर 5राष्ट्र निर्माण में जो तटस्थ रहेगा उसका समय लिखेगा इतिहास। दिनकर की कविता केवल शब्द नहीं होता है बल्कि राष्ट्रप्रेम, राष्ट्र निर्माता, सशक्त भारत की राजनीति का संदेश देता है। उन्होंने कहा आज अगर दिनकर होते तो भारत की जो स्थिति है।उस पर दिनकर लिखते सहनशीलता को अपनाकर हिन्दू कभी नहीं जीता है, किसी लक्ष्य के लिए नहीं अपमान हलाहल पीता है। उन्होंने राज्यपाल महोदय से आग्रह किया है कि बेगूसराय जिला को बाढ़ प्रभावित क्षेत्र घोषित किया जाए। बेगूसराय जिला गंगा नदी, गंडक एवं बलान नदी से घिरा है। बेगूसराय में डेढ़ लाख हेक्टेयर किसान खेती करते हैं ‌।

विश्वकवि के रूप में दिनकर को प्रस्तुत करने की आवश्यकता - राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर 6साथ ही रबी फसल के लिए खाद बीज उपलब्ध कराया जाए। बेगूसराय को बचाने का प्रयास करें।  समारोह की अध्यक्षता दिनकर स्मृति विकास समिति सिमरिया के अध्यक्ष कृष्ण कुमार शर्मा एवं संचालन राजेश कुमार ने किया। समारोह का शुभारंभ एवं समापन राष्ट्र गान कलाकार सान्या, रश्मि के द्वारा एवं सभी आगंतुकों द्वारा गाकर किया गया। दिनकर जी की रचना कलम आज उनकी जय बोल सहित कई रचनाओं को सान्या, रश्मि, विजय कुमार , लक्ष्मण देव द्वारा प्रस्तुत किया गया।आगत अतिथियों को समिति के सदस्य द्वारा प्रतीक चिन्ह और चादर ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर जयंती समारोह का शुभारंभ किया।

बेगूसराय बीहट संवाददाता धरमवीर कुमार की रिपोर्ट

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