डीएनबी भारत डेस्क
अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के विरोध में आज द ग्रेट भीम-आर्मी नालंदा ने आक्रोश मार्च निकाला। संगठन के अध्यक्ष रजनीश कुमार पासवान के नेतृत्व में निकाले गए इस मार्च में कार्यकर्ताओं ने आर.एस.एस. प्रमुख मोहन भागवत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अस्पताल चौराहा पर पुतला फूंकने का काम किया।
प्रदर्शनकारियों का कहना था कि डॉ. भीमराव अंबेडकर द्वारा संविधान में लाए गए आरक्षण का प्रावधान आर्थिक आधार पर नहीं, बल्कि सामाजिक भेदभाव और शोषण के आधार पर किया गया था। उन्होंने आरोप लगाया कि सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला संविधान के अनुच्छेद 341 और 342 का उल्लंघन करता है।
संगठन ने राष्ट्रपति और सरकार से मांग की है कि वे 1 अगस्त 2024 के इस आदेश को निरस्त करें और एक अध्यादेश लाकर आरक्षण को नौवीं अनुसूची में शामिल करे।प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो 21 अगस्त 2024 को पूरे भारत में बंद का आह्वान किया जाएगा। उन्होंने जाति आधारित जनगणना कराने और उसके आधार पर आरक्षण का दायरा बढ़ाने की भी मांग की।
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