समस्तीपुर: स्वास्थ्य विभाग में नौकरी दिलाने के नाम पर बीस लोगों से 90 लाख रुपये की ठगी, आमलोगों ने ठग को पकड़ कर किया पुलिस के हवाले

 

डीएनबी भारत डेस्क

समस्तीपुर जिले में स्वास्थ्य विभाग में नौकरी दिलाने के नाम पर पटना व जहानाबाद जिले के आठ लोगों से लगभग 90 लाख रुपए की धोखाधड़ी किए जाने का मामला सामने आया है। इसको लेकर पीड़ितों ने नगर थाना क्षेत्र के पंजाबी कॉलोनी से एक व्यक्ति को पकड़ कर पुलिस को सौंपा है। आरोपी की पहचान मुजफ्फरपुर जिले के राजेश रौशन के रूप में रूप में हुई है।जिससे पुलिस पूछताछ में जुटी हुई है।

आरोपी ने लगभग 30 लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं पटना, के निदेशक के नाम से जारी बुनियादी स्वास्थ्य कार्यकर्त्ता के पद के लिए नियुक्ति पत्र भी दिया हुआ था। आरोप है कि उसने कुछ लोगों को वैशाली जिले के प्रतापटांड़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भगवानपुर वैशाली, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र टेढ़ागाछी किशनगंज में योगदान का बकायादा मोहर व पदाधिकारी के सिग्नेचर के साथ लेटर भी दिया हुआ था। इतना ही नही उसने उन लोगों का नेशनल पेंशन सिस्टम का कार्ड भी बनवाकर दिया हुआ था।

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पीड़ितों का कहना था कि जब ट्रेजरी से उन लोगों को कॉल आने और वेरिफिकेशन के बाद मामले का खुलासा हुआ। जिसके बाद उनके साथ फ्रॉड किए जाने का अहसास हुआ। इसके बाद उन लोगों ने मुजफ्फरपुर के रहने वाले राजेश रौशन, जिसे वह लोग अमित पाण्डेय के नाम से जानते थे, का पता लगाने लगे। वह लोग पिछले छह महीनों से उसकी तलाश कर रहे थे। उसके समस्तीपुर शहर में रहने की जानकारी मिलने के बाद उसे पकड़ने के लिए पिछले दो दिनों से समस्तीपुर में डेरा जमाए हुए थे।

इस दौरान उन लोगों रेलवे स्टेशन आदि पर रात गुजार कर काटी। राजेश रौशन पर आरोप है कि उसने कई लोगों से स्वास्थ्य विभाग में क्लर्क के पद पर नौकरी दिलाने के नाम पर पांच लाख से लेकर 15 लाख रुपए की ठगी की है। इस मामले को लेकर नाटकीय घटनाक्रम का दौर चलता रहा। कभी एग्रीमेंट बनाकर पीड़ितों को उनके रुपए लौटाने तो कभी कुछ किया जा रहा था। ऐसे होते-होते दोपहर तक पीड़ितों से न कोई आवेदन लिया गया था और न ही पुलिस इसमें अपने स्तर से कुछ खास कार्रवाई ही कर रही थी जहानाबाद जिले के घोषी थाना क्षेत्र के रहने वाले बिहारी साव के पुत्र पन्नालाल ने कहा है कि घोषी के ही रहने वाले उनके साथी विमलेश कुमार के जरिए पटना के धर्मेंद्र कुमार गुप्ता (डीके) नाम के व्यक्ति से जान-पहचान हुई थी।

जहां रुपए लेकर स्वास्थ्य विभाग में नौकरी दिलाने वाले अमित पाण्डेय नाम के व्यक्ति ने अभी स्वास्थ्य विभाग में कलर्क, चपरासी के पद पर अभी बहाली होने और उसमें उसकी सेटिंग होने की बात कही गई। इसमें अधिकतम 20 लोगों की बहाली करवाने की उसने बात कही थी और कलर्क के लिए छह लाख रुपए एवं चपरासी के लिए चार लाख रुपए देने की बात हुई थी। इसके बाद उसने और विमलेश ने महाजन से सूद पर, जेवर और जमीन बेचकर तथा कर्ज लेकर उसे नगद व खाते पर उसे लगभग 70 लाख रुपए दिया। इसके बाद उन्होंने अपने परिवार के लड़को से 20 लाख रुपए लेकर उसे दिया। जिसके बाद धीरे-धीरे उसका भेद खुल गया।

समस्तीपुर संवाददाता अफरोज आलम की रिपोर्ट

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