अंतरराष्ट्रीय एमएसएमई दिवस : सूरत में कपड़ा उद्योग से जुड़ी एमएसएमई इकाइयों ने की ‘ऊर्जा दक्षता एवं वित्त कार्यशाला’ की तैयारी
डीएनबी भारत डेस्क
अहमदाबाद/सूरत : कपड़ा उद्योग में ऊर्जा दक्षता को प्रोत्साहन देने के लिये गुजरात ऊर्जा विकास एजेंसी (जेडा), गुजरात प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (जीपीसीबी), साउथ गुजरात टेक्सटाइल प्रोसेसर्स एसोसिएशन (एसजीटीपीए) और डब्ल्यू आर आई इंडिया साथ मिलकर आगामी 27 जून को अंतरराष्ट्रीय एमएसएमई दिवस पर सूरत में ‘ऊर्जा दक्षता एवं वित्त कार्यशाला’ का आयोजन करेंगे। भारत के ‘टेक्सटाइल पावर हाउस’ के रूप में अपनी पहचान रखने वाले सूरत जिले के कुटीर, लघु एवं मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) को इस कार्यशाला से लाभ मिलेगा। कार्यशाला में प्रौद्योगिकी प्रदाताओं और वित्तीय एजेंसियों के प्रतिनिधियों के बीच संवाद होगा। इस कार्यशाला का लक्ष्य कपड़ा क्षेत्र से जुड़ी एमएसएमई इकाइयों, नीति निर्माताओं, ऊर्जा-दक्ष प्रौद्योगिकी के प्रदाताओं और भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) जैसी वित्तपोषण एजेंसियों सहित 80 से अधिक हितधारकों को एक मंच पर लाना है।
इस कार्यशाला के माध्यम से कपड़ा क्षेत्र से जुड़ी एमएसएमई इकाइयों को महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों, वित्तीय संसाधनों और ज्ञान तक पहुंच बनाने का अवसर मिलेगा। इन इकाइयों के सतत विकास के लिये यह तीनों ही चीजें बेहद जरूरी हैं। इतना ही नहीं, इन एमएसएमई इकाइयों द्वारा ऊर्जा की बचत करने वाली प्रौद्योगिकियों को अपनाये जाने से उनकी उत्पादन लागत में काफी कमी लायी जा सकती है। साथ ही ऊर्जा के खर्च में भी 30 प्रतिशत तक की कटौती की जा सकती है, उत्पादकता बढ़ायी जा सकती है और नियम-कायदों का पालन सुनिश्चित किया जा सकता है। ऐसा होने से ये कुटीर, लघु एवं मध्यम औद्योगिक इकाइयां और भी ज्यादा प्रतिस्पर्द्धी बनेंगी। साथ ही उनकी उत्पादन लागत में भी कमी आयेगी।
इस कार्यशाला में कपड़ा मंत्रालय के उप निदेशक (तकनीकी) श्री सौरभ सिन्हा, जीपीसीबी के डॉक्टर जिग्नाशा ऊजा और जेडा में वरिष्ठ परियोजना अधिशासी अधिकारी अमिता पांडेय सहित केन्द्र और राज्य सरकार के अनेक वरिष्ठ अधिकारी कपड़ा उत्पादन क्षेत्र में ऊर्जा दक्षता रूपांतरण तथा उसके लाभों के बारे में बतायेंगे और अपने अनुभव साझा करेंगे। इसके अलावा एसजीटीपीए के अध्यक्ष श्री जितेन्द्र वखारिया उद्योग जगत के दृष्टिकोण से अपने विचार व्यक्त करेंगे। यह कार्यशाला डब्ल्यू आर आई इंडिया द्वारा एरिस चैरिटेबल फाउंडेशन के क्लाइमेट रेजीलिएंट एम्प्लॉईज फॉर ए सस्टेनेबल टुमॉरो (क्रेस्ट) के सहयोग से शुरू की गयी पहल राइज (रेजीलिएंट, इंक्लूसिव एण्ड सस्टेनेबल एंटरप्राइजेज) सूरत का एक प्रमुख अंग है। पिछले साल 28 अगस्त को शुरू की गयी ‘राइज सूरत’ का प्राथमिक उद्देश्य सूरत के कपड़ा उद्योग क्षेत्र से जुड़ी कम से कम 50 एमएसएमई और 500 कामगारों को भारत में कम कार्बन उत्सर्जन वाले औद्योगिक विकास के लिये जरूरी जानकारी, क्षमता और उपकरणों से लैस करना है।
इससे पहले, मार्च में अहमदाबाद में इन्वेस्टमेंट बाजार कार्यशाला का आयोजन किया गया था। इसमें 65 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया था। सूरत में 27 जून को होने वाली कार्यशाला का उद्देश्य एमएसएमई इकाइयों को ऊर्जा दक्षता प्रौद्योगिकी के प्रमुख प्रदाताओं और वित्तीय एजेंसियों से मिलवाकर इस सिलसिले को बनाये रखना है। डब्ल्यू आर आई इंडिया ने जीपीसीबी और एसजीटीपीए के साथ मिलकर ‘राइज सूरत’ कार्यक्रम के सभी चार मूलभूत स्तम्भों- जलवायु के प्रति अनुकूलन, डीकार्बनाइजेशन, क्षमता विकास और वित्तपोषण- के क्षेत्र में प्रशिक्षण कार्यक्रम पहले ही शुरू कर दिये हैं। ऐसे में सूरत में ‘ऊर्जा दक्षता एवं वित्त कार्यशाला’ के आयोजन से एमएसएमई को कम कार्बन उत्सर्जन करने वाले उद्योगों में रूपांतरित करने के लिये जरूरी सहयोग मिलेगा।इस कार्यशाला की सहयोगी संस्था जेडा डब्ल्यू आर आई इंडिया के साथ मिलकर इच्छुक एमएसएमई इकाइयों को ऊर्जा-दक्षता प्रौद्योगिकी प्रदाताओं और वित्तपोषण एजेंसियों के साथ जुड़ने में मदद करेगी। साथ ही सहयोग के अन्य क्षेत्रों की पहचान भी करेगी।
डीएनबी भारत डेस्क