बूढ़े एवं दिव्यांग दंपत्ति को अपने ही घर से बेघर किया कलियुगी पुत्र ने, ग्राम कचहरी के फैसला…

 

डीएनबी भारत डेस्क

समस्तीपुर जिला के एक गांव में कलयुगी पुत्र अपने ही बूढ़े व दिव्यांग माता पिता को अपने ही घर में नही रहने से रहा है। मामला जिला के अंगारघाट थाना क्षेत्र के हरपुर रेवाड़ी गांव का है जहां कलयुगी पुत्र अपने दिव्यांग माता पिता को घर में नही रहने नही देता है। हालांकि इस संबंध में ग्राम कचहरी ने दिव्यांग और उसके बेटा के बीच जमीन का बंटवारा भी कर दिया लेकिन इसके बाद भी पुत्र अपने माता पिता को घर में रहने नही दे रहा है।

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मामले में पीड़ित मदन साह ने स्थानीय थाना से लेकर एसपी तक आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई लेकिन इसके बाद भी कोई करवाई नही हुई। पीड़ित मदन साह ने बताया कि वह दस वर्ष तक गुजरात में रहने के बाद कोरोना काल में जब दोनो पति पत्नी वापस लौटे तो उसके बड़े बेटे ने घर में ताला लगा दिया और घर में रहने नही दिया तो दोनो अपने भाई के मकान में रहने लगे। इस दौरान उन्होंने स्थानीय थाना से लेकर एसपी तक को आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई लेकिन कोई करवाई नही हुई और उसे इंसाफ नहीं मिला।

इसके बाद उन्होंने ग्राम कचहरी में आवेदन दिया जहां मामले की सुनवाई के बाद दोनो बेटे को अलग जमीन दिया जबकि पुस्तैनी मकान को बूढ़े माता पिता को देने का फैसला सुनाया लेकिन ग्राम कचहरी के इस आदेश को उसका बड़ा पुत्र संतोष साह मानने को तैयार नहीं हुआ। इसके बाद मदन साह ने घर के बगल में दूसरे प्लॉट में एक घर बनाया तो उसमे भी उसे चैन से रहने नही दिया जा रहा है और घर में जाने के रास्ते को संतोष ने बंद कर दिया है।इस संबंध में सरपंच पति ने बताया की ग्राम कचहरी ने मामले की सुनवाई करते हुए जमीन का बटवारा कर दिया इसके तहत मदन साह की जमीन को दोनो बेटे को दिया जबकि पुस्तैनी मकान को बूढ़े माता पिता को देने का फैसला दिया लेकिन उनका बड़ा पुत्र संतोष मानने को तैयार नहीं है।

समस्तीपुर से अफरोज आलम 

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