सिमरिया कल्पवास मेला का प्रथम परिक्रमा में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़..गोविंद हरे.. गोपाल हरे.. से गूंज उठा सिमरिया धाम

सिमराया धाम में परिक्रमा के पग पग पर अश्वमेध यज्ञ,साधु संत व नागा साधु परिक्रमा में शामिल,गंगा अमृत की धारा व स्वर्ग की सीढ़ी है।

सिमराया धाम में परिक्रमा के पग पग पर अश्वमेध यज्ञ,साधु संत व नागा साधु परिक्रमा में शामिल,गंगा अमृत की धारा व स्वर्ग की सीढ़ी है।

डीएनबी भारत डेस्क

बेगूसराय में मंगलवार को सर्वमंगला अध्यात्म योग विद्यापीठ सिमरिया काली धाम से स्वामी चिदात्मन जी महाराज, विभिन्न अखाड़ा के साधु संतों एवं नागा साधुओं की अगुवाई में सिमरिया धाम के कल्पवास मेला एवं अर्द्धकुंभ मेला क्षेत्र का प्रथम वृहत परिक्रमा का भव्य शोभायात्रा यात्रा निकाली गई।हाथी घोड़े बैण्ड बाजे के साथ कई निशान व सर्वमंगला का बड़ा ध्वज लेकर सर्वमंगला परिवार के लोग आगे आगे चल रहे थे। उसके पीछे नागा साधु एवं स्वामी चिदात्मन जी महाराज के साथ सैकड़ों महिला एवं पुरुष श्रद्धालुओं द्वारा हाथ में तील जौ अरवा चावल छीटते हुए, गोविन्द हरे, गोपाल हरे के जयघोष करते बढ़ते रहे।

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परिक्रमा कल्पवास क्षेत्र होते हुए राम घाट के रास्ते सर्वमंगला आश्रम पहुंचा। इस दौरान विधि व्यवस्था को लेकर बरौनी सीओ सुजीत सुमन घोड़े पर सवार होकर आगे आगे चल रहे थे तो साथ में चकिया ओपी प्रभारी दिवाकर प्रसाद सिंह सहित दर्जनों पुलिस बल तैनात थे। सर्वमंगला अध्यात्म योग विद्यापीठ सिमरिया काली धाम में ज्ञान मंच से श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए स्वामी चिदात्मन जी महाराज ने कहा कि परिक्रमा करने वाले श्रद्धालुओं को पग पग पर अश्वमेध यज्ञ का फल प्राप्त होता है। सिमरिया मिथिला,मगध और अंग का त्रिवेणी संगम स्थल है।

उन्होंने कहा कार्तिक मास में जो व्यक्ति गंगा गंगा कहते गंगा स्नान करते हैं उनका दैहिक दैविक भौतिक,कायिक वाचिक पाप धूल जाता है। उन्होंने कहा भारत वासी धर्म के महत्व को समझते हैं।महान देश हमारा भारत और हमारी भारत मां है। उन्होंने कहा गंगा अमृत की धारा और स्वर्ग की सीढ़ी है। भारत वासी सत्य और न्याय की रक्षा करते हैं। प्रत्येक छह वर्ष पर अर्द्धकुंभ एवं बारह वर्षों पर महाकुंभ लगता है।जो कालांतर में विलुप्त हो गया।अब उन कुंभ स्थलों को पुर्नजीवित किया जा रहा है।

सिमरिया धाम पांचवें कुंभ स्थल के रूप में जागृत हो रहा है। उन्होंने दूसरी परिक्रमा 08 नवंबर एवं तृतीय परिक्रमा 16 नवंबर को आहूत है। परिक्रमा के दौरान रविन्द्र ब्रह्मचारी, मीडिया प्रभारी नीलमणि,पंडित राजेश झा,पंडित दिनेश जी,आचार्य नारायण झा,सर्वमंगला के अध्यक्ष सुरेन्द्र चौधरी, सचिव दिनेश प्रसाद सिंह, कोषाध्यक्ष नवीन सिंह, सुशील चौधरी, अमरेंद्र, कौशलेंद्र, तरुण कुमार, रामशंकर झा, बब्लू सिंह, सत्यानंद,

पंडित शंभू झा, पप्पू त्यागी, सदानंद झा, राम झा, लक्ष्मण झा, श्याम झा सहित अन्य मौजूद थे। परिक्रमा के दौरान नागा साधु व संत शामिल राजकीय कल्पवास मेला सह अर्द्धकुंभ मेला के प्रथम परिक्रमा में प्रयाग से पधारे माधवानंद जी महाराज के नेतृत्व में दो दर्जन से अधिक नागा साधु संत महंत ने परिक्रमा में भाग लिया।इस दौरान माधवानंद जी ने बताया कि श्री पंचदशनाम आह्वान अखाड़ा के श्री दिगंबर तुलसी जी महाराज, श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा के विपिन पुरी, जमातिया महंथ गोविंद पुरी, श्री उदासीन पंचायती बड़ा अखाड़ा के सत्येन्द्र मुणि जी महाराज, दण्डी सन्यासी, रामदेव जी, दिनेश जी, सहित अन्य साधु संत महंत शामिल थे। साथ ही करीब 25 नागा संत हरिद्वार, बरेली, बनारस, प्रयाग, चित्रकूट से गुरदीन दास, वावण नागा, सहित अन्य नागा संत अपना करतब दिखाते परिक्रमा में भाग लिया।

बेगूसराय बीहट संवाददाता धर्मवीर कुमार 

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