संक्रांति स्नान के उपरांत वीरान लगने लगा सिमरिया का गंगा घाट

बिहार के विभिन्न जिलों के अलावे उत्तर प्रदेश,मध्य प्रदेश तथा पड़ोसी देश नेपाल व भूटान से पहुंचे थे सिमरिया घाट कल्पवास मेला में।

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बिहार के विभिन्न जिलों के अलावे उत्तर प्रदेश,मध्य प्रदेश तथा पड़ोसी देश नेपाल व भूटान से पहुंचे थे सिमरिया घाट कल्पवास मेला में।

डीएनबी भारत डेस्क 
संक्रांति से संक्रांति तक कल्पवास करने वाले कल्पवासी गुरुवार एवं शुक्रवार को संक्रांति स्नान और ध्वज उखड़ने के उपरांत अपने-अपने घरों के लिए प्रस्थान कर गये। इस दौरान कल्पवास पूरा करने के बाद घर लौटने के वक्त अन्य कल्पवासियों से बिछड़ने का गम उनके चेहरों पर परिलक्षित हो रहा था। कल्पवास में अधिकांशतः महिला व पुरूष बुजुर्गों के शामिल होने से सभी एक-दूसरे के सुख-दुःख के साथी बन गये थे।

विदित हो कि बिहार के विभिन्न जिलों के अलावे उत्तर प्रदेश,मध्य प्रदेश तथा पड़ोसी देश नेपाल व भूटान से सिमरिया राजकीय कल्पवास मेला में लाखों की संख्या में पहुंचे श्रद्धालु भगवत भक्ति में लीन रहे। इस दौरान विभिन्न जगहों से आये कल्पवासी आपस में इतने घुल-मिल गये थे कि कम अवधि में कब एक-दूसरे के सुख-दुःख के साथी बन गये,पता ही नहीं चला। कार्तिक माह में ब्रह्ममुहूर्त में जगना और फिर मां गंगा की जयकारा,स्नान,तुलसी चौरा में दीपदान,परिक्रमा,आरती,सत्संग व प्रवचन में शामिल होना ही कल्पवासियों की दिनचर्या बनी रही। इस दौरान घर व देश-दुनिया की कोई सुधि नहीं रही। देखते ही देखते एक माह कब बीत गया,उन्हें पता ही नहीं चला।

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गंगा स्नान से मिट जाते हैं सारे पाप—-

बाबूबरही से कल्पवास कर घर लौट रही लगभग 80  वर्षीया दायवति देवी ने कहा उनका 30 सालों से सिमरियाधाम कल्पवास में आना होता है। ब्रह्म मुहूर्त में गंगा स्नान और जप-तप से जीवन धन्य हो गया। उन्होंने कहा इस पावन धाम में कल्पवास करना किसी सूरत में छोड़ना नहीं चाहती हूं। वहीं रामनिहोरा खालसा के संत मिथलेश दास उर्फ बौआ हनुमान जी महाराज ने कहा साधु-संतों के लिए तो कल्पवास एक तप है। जहां एक माह तक कल्पवासी व श्रद्धालु गंगा स्नान कर मोह माया से दूर जप-तप में लीन रहते हैं। वहीं इस कल्पवास में प्रेम दास सहित कई संत महात्माओं को खालसा का दायित्व देकर श्री महंत बनाया गया है।

इस पावन अवसर पर खालसा अध्यक्ष संत महंत विषणुदेवाचार्य जी महाराज, महामंडलेश्वर राम उदित दास उर्फ मौनी बाबा, मिथलेश दास उर्फ बौवा हनुमानजी महाराज, राम किशोर शरण, अवधेश दास, अवध दास, श्याम सुन्दर दास, रामसुंदर दास, लाल बाबा, रामकृपाली दास, जगतपति देवी, महारानी देवी, द्रोपदी देवी, सीता देवी, रामप्यारी देवी सुलेखा देवी, सुनैना देवी, कौशल्या देवी सहित अन्य श्रद्धालुओं ने गंगा नदी तट पर विगत 09 अक्टूबर को शुरू हुए कल्पवास में ज्ञान और आनन्द को बांटा तथा शिष्यों को दिक्षा दिया।

साथ उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, राज्य सरकार की महकमा, जिला प्रशासन, पुलिस पदाधिकारी, चिकित्सा शिविर, नियंत्रण कक्ष, खोया पाया केन्द्र, नागरिक सुरक्षा, एसडीआरएफ एवं डीडीआरएफ गंगा महाआरती कुम्भ सेवा समिति, बरौनी बीडीओ वीरेंद्र कुमार सिंह,सीओ सुजीत सुमन, थानाध्यक्ष चकिया ओपी दिवाकर प्रसाद सिंह को खासकर मेला को व्यवस्थित करने के लिए साधुवाद दिया।

बेगूसराय बीहट संवाददाता धर्मवीर कुमार 

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