कुंभ भारतीय संस्कृति और परंपरा का अमृत पर्व है – अंतरराष्ट्रीय साहित्यकार डॉ बुद्धिनाथ मिश्र

सिमरिया धाम सर्वमंगला अध्यात्म योगपीठ आश्रम में आयोजित कार्यक्रम में विद्वतजनों ने कहा राष्ट्र की एकता और समग्रता का पर्याय है कुंभ पर्व।

सिमरिया धाम सर्वमंगला अध्यात्म योगपीठ आश्रम में आयोजित कार्यक्रम में विद्वतजनों ने कहा राष्ट्र की एकता और समग्रता का पर्याय है कुंभ पर्व।

डीएनबी भारत डेस्क 

कुंभ भारतीय संस्कृति और परंपरा का अमृत पर्व है। हमें सिमरिया धाम के पूज्य स्वामी चिदात्मन जी के प्रति आभारी होना चाहिए कि उन्होंने प्रचलित चार कुंभों की जगह बारह राशियों के आधार पर द्वादश कुंभ की पुर्नस्थापना की। वहीं राष्ट्र की एकता और समग्रता का पर्याय है कुंभ पर्व।

सिमरिया धाम का आदिकुंभ और भारत के विभिन्न स्थलों पर द्वादश कुंभ आयोजित करने की प्रेरणा पूज्य स्वामी चिदात्मन जी ने दी है। उक्त बातें सर्वमंगला सिमरिया धाम स्थित सिद्धाश्रम सिद्धि पीठ कालीधाम में आयोजित तीन दिवसीय संगोष्ठी के समापन समारोह की अध्यक्षता करते हुए अपने अध्यक्षीय संबोधन में अंतरराष्ट्रीय साहित्यकार डॉ बुद्धिनाथ मिश्र ने व्यक्त किए।

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अंतरराष्ट्रीय साहित्यकार डॉ मिश्र ने कहा कि सिमरिया धाम में 2017 में ऐतिहासिक पूर्ण कुंभ लगा था। जिसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी नैतिक समर्थन दिया था। आगे उन्होंने कहा कि सिमरिया में पक्के घाट बन जाने के बाद यहां पूर्ण कुंभ का राष्ट्रीय स्तर पर विकास होगा। गंगा के घाटों का विकास होने के बाद जब अगला कुंभ लगेगा। वह प्रयाग राज की भांति ही व्यापक होगा।

कुंभ भारत की संस्कृति और समावेशी प्रवृत्ति का प्रतीक है। शाही स्नान प्रयाग राज में बादशाह अकबर ने कुंभ के विराट रुप को देखकर शुरू किया था। वहीं मुख्य अतिथि संपादक अमर उजाला उदय कुमार सिन्हा ने कहा कि सिमरिया धाम की अपनी अलग पहचान देश स्तर पर है। बस सिमरिया धाम को धार्मिक व पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की जरूरत है।अब सिमरिया धाम का विकास होना तय है।

विशिष्ट अतिथि नीलमणि सिन्हा, श्याम किशोर सिन्हा लोकसभा टीवी ने कहा कि भारत वह शब्द है जो ज्ञान प्रकाश में जो शब्द है वह है भारत। इस भुमि की महिमा शास्त्र और पुराणों में तथा अध्यात्म में की गई है। उन्होंने कहा कि हमारे जीवन में एक ऐसे गुरु मिले जिनके सानिध्य प्राप्त होते ही जन्म और जीवन दोनों धन्य हो गया। आज़ हम जो भी हैं उनके आशीर्वाद से ही हैं।

वहीं सम्मानित अतिथि डा शारदेन्दु झा, डा जनार्दन चौधरी चन्द्रशेखर सहित अन्य वक्ताओं ने भी संबोधित किया। वहीं स्वागत भाषण विजय कुमार सिंह, विषय प्रवेश उषा रानी ने किया। वहीं संचालन डा घनश्याम झा प्रो प्रेम कुमार झा। वहीं आगत अतिथियों का सम्मान रविन्द्र ब्रह्मचारी जी, डाॅ विजय कुमार झा, सुशील कुमार के द्वारा चादर, पाग और माला पहनाकर स्वागत किया। मौके पर मीडिया प्रभारी नीलमणि रंजन, राम, लक्ष्मण, श्याम, नागेन्द्र, नवीण कुमार, राजकिशोर प्रसाद सिंह, सदानंद, राजीव, सुशील, विनय कुमार झा सहित अन्य मौजूद थे।

बेगूसराय बीहट संवाददाता धर्मवीर कुमार 

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