समस्तीपुर: शेल्टर होम में बच्चियों की मौत पर जन सुराज के वर्किंग कमिटी के सदस्य सह युवा नेता जमशेद आदिल सोनू ने सरकारी व्यवस्था पर उठाये सवाल
नाक के नीचे शेल्टर होम में चल रही मौत का सिलसिला एक बार फिर सरकारी व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी है। एक सप्ताह में तीन बच्चियों की मौत हो चुकी है। दस बच्चियां हॉस्पिटल में भर्ती है
डीएनबी भारत डेस्क
समस्तीपुर:राजधानी पटना में सरकार के नाक के नीचे शेल्टर होम में चल रही मौत का सिलसिला एक बार फिर सरकारी व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी है। एक सप्ताह में तीन बच्चियों की मौत हो चुकी है। दस बच्चियां हॉस्पिटल में है जिनमें कई काफी गंभीर है. इनका इलाज ICU में चल रहा है। बच्चियों की मौत को अधिकारी इसे फूड प्वाइजनिंग बता रहे हैं। ये बाते वारिसनगर विधानसभा छेत्र के मथुरापुर निवासी जन सुराज के वर्किंग कमिटी के सदस्य सह युवा नेता जमशेद आदिल सोनू ने एक प्रेस वार्ता कर बताई।उन्होंने कहा कि पटना में मुख्यमंत्री आवास एवं सचिवालय से महज 1 किलोमीटर की दूरी पर बेली रोड के किनारे बिहार सरकार का आसरा शेल्टर होम है।
जहां सामाजिक कल्याण विभाग की ओर से भूली-भटकी बच्चियों की देखभाल की जाती है। इसके लिए शेल्टर होम के अधीक्षक सहित कई अधिकारी, कर्मचारी नियुक्त हैं। शेल्टर होम की व्यवस्था काफी दयनीय बतायी जा रही है। खान-पान में पौष्टिक आहार और स्वच्छता की खांमियां सामने आयी है। 07 नवम्बर से बच्चियों के बीमार होने का सिलसिला शुरु हुआ। जिनमें कुल 13 लड़कियां बीमार हो गयी। 14 नवम्बर को हुई फिर एक मौत को मिलाकर अब तक तीन बच्चियों की मौत हो चुकी। दस बच्चियां PMCH में इलाजरत है जिनमें कई गंभीर है। PMCH के उपाअधीक्षक ने बताया कि दो लड़कियों की मौत हुई है और सात का इलाज चल रहा है जबकि दो स्वस्थ हो चुकी है।
जमशेद आदिल ने कहा कि हलांकि शेल्टर होम में इतनी तादाद में बच्चियों के बीमार होने और तीन की मौत हो जाने के बाद भी सरकार की तरफ से कोई बयान नही आया है।जबकि पटना के जिलाधिकारी इस मामले की जांच कर इसके बाद सामने आने वाली खामियों पर कार्रवाई करने की बात कह रहे हैं।वही जमशेद आदिल ने कहा कि पटना के आसरा शेल्टर होम में मौतों का यह मामला व्यवस्था की लापरवाही है या अनियमितता या फिर कुछ और यह तो जांच के बाद ही सामने आएगा पर जिस तरह बिहार के करीब-करीब सभी शेल्टर होम रह-रहकर अपने कारनामें से लोगों को विस्मित करते रही है ऐसे में सरकार की नीति और कारवायी को अछूता मानना भूल होगी।उन्होंने कहा कि इस मामले की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए
समस्तीपुर संवाददाता अफरोज आलम की रिपोर्ट