निजी जमीन में बनाया गया था डाइवर्जन सड़क, पथ निर्माण विभाग ने बना दिया मुख्य सड़क

1969 में निजी जमीन में डाइवर्जन सड़क का निर्माण किया गया था उसे पथ निर्माण विभाग ने बना दिया सड़क लेकिन भू- स्वामियों को नहीं मिली मुआवजा

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1969 में निजी जमीन में डाइवर्जन सड़क का निर्माण किया गया था उसे पथ निर्माण विभाग ने बना दिया सड़क लेकिन भू- स्वामियों को नहीं मिली मुआवजा

डीएनबी भारत डेस्क 

बेगूसराय के मानसूरचक प्रखंड क्षेत्र की मुख्य सड़क दलसिंहसराय- मंसूरचक- कादराबाद- मालती- पिपड़ा सड़क चौड़ीकरण को लेकर राजनीति गलियारों से लेकर आमजनों सहित विधायकों द्वारा सदन में भी सवाल उठाया जाता रहा है। इधर जमीनी हकीकत कुछ और ही है। बताया जाता है कि पहले सड़क कहीं और था किसी कारण से यहां डायवर्सन सड़क बनाया गया जिसे बाद में पथ निर्माण विभाग ने मुख्य सड़क बना दिया और आश्वासन के बावजूद भू – स्वामियों का इसका मुआवजा आज तक नहीं मिला। भू -स्वामी सुनील कुमार ईश्वर, अर्जुन ईश्वर, विजय कुमार गुप्ता सहित अन्य ने बताया कि विभाग ने मुआवजा देने की बात कही थी। भू – स्वामियों ने विभाग के पास मुआवजा के लिए आवेदन भी दिया था, लेकिन उसके बाद भी मुआवजा की राशि नहीं दी गई।

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विभाग के द्वारा मुख्य अभियंता के कार्यालय ने भी पथ निर्माण विभाग पटना के पत्रांक 2752 दिनांक 14/10/19 के द्वारा सरकार का ध्यान दिलाया था लेकिन विभाग अभी तक चुप्पी साधे हुए हैं। भू – स्वामियों ने बाध्य होकर पटना उच्च न्यायालय में सीडबल्यूडबल्यू जेई 1353/2017 दायर किया लेकिन फिर भी अभी तक अनसुना ही है। भू – स्वामी सुनील कुमार ईश्वर ने बताया कि हमारी जमीन 9 कट्ठा 3 धूर है और वही गुप्ता परिवार का भी 8 कट्ठा जमीन है। कुल मिलाकर पथ निर्माण विभाग ने बगैर मुआवजे का 17 कट्ठा जमीन अतिक्रमण कर लिया है। जबकि भू-स्वामियों की जमीन सड़क में आ जाने से भू – स्वामी के बीच भूखमरी की नौबत है।

सुनील कुमार ईश्वर ने बताया कि अगर सरकार उचित मुआवजा नहीं देती है तो बाध्य होकर विभाग के विरुद्ध एकजुट होकर आंदोलन किया जायेगा। जबकि पथ निर्माण विभाग ने तत्काल प्रभाव से चौड़ीकरण स्थगित कर दिया है और भू अर्जन विभाग ने पत्रांक 1282 दिनांक 24/9/19 द्वारा अवगत कराते हुए और भू अर्जन का मामला पुराना बताया है। कार्यालय के अनुसार मामला 1968 का है। भू-अर्जन प्रस्ताव के दौरान 1,36,65,242 रुपए प्रदान करते हुए प्रशासनिक स्वीकृति कर अग्रेतर कार्रवाई हेतु समर्पित किया था। लेकिन उसके बाद भी मुआवजा नहीं दिया गया और जमीन पर सड़क रहने के साथ बार बार चौड़ीकरण की आवाज उठाने से भूस्वामी में भय व्याप्त हो गया है।

मंसूरचक, बेगूसराय से आशीष भूषण

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