राष्ट्रकवि दिनकर राष्ट्रवाद के सबसे बड़े पुरोधा,शोषण के विरूद्ध उनकी कविता आज भी है धारदार हथियार – आनंद रमण।

राष्ट्रकवि दिनकर की 114 वीं जयंती के छठे दिन कार्यक्रम में स्कूली बच्चों ने की भागीदारी।

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डीएनबी भारत डेस्क 

 

 

बेगूसराय- राष्ट्रकवि दिनकर स्मृति विकास समिति के तत्वावधान में नौ दिवसीय 114वीं दिनकर जयंती समारोह के छठे दिन बुधवार को अद्यतन दिनकर इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल सिमरिया में दिनकर जयंती समारोह का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि साहित्यकार आनंद रमण ने कहा कि दिनकर राष्ट्रवाद के सबसे बड़े पुरोधा थे। दिनकर हमेशा शोषण विरूद्ध कविता के माध्यम से प्रतिकार करते रहे जो बहुत ही कम कवियों में दिखती है। सिमरिया के बच्चे दिनकर की विरासत को संभालने का काम कर रहे हैं।

 

वहीं युवा साहित्यकार डॉ अभिषेक कुमार ने कहा कि दिनकर की कविताएं हमें उर्जा देती है। युवा पीढ़ी को दिनकर की कविताएं आत्मसात करने की जरूरत। उन्होंने कई बाल कविताओं का पाठ किया। उन्होंने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा दिनकर बच्चों के लिए भी ढेर सारी कविताएं लिखी हैं जिससे प्रेरित होकर बच्चे अपनी मंजिल को पा सकते हैं। दिनकर पुस्तकालय के अध्यक्ष विश्वंभर सिंह ने कहा कि दिनकर स्मृति विकास समिति का यह आयोजन अनूठा है। इससे बच्चों में दिनकर के प्रति जागरूकता आएगी।

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कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए समिति के अध्यक्ष कृष्ण कुमार शर्मा ने कहा कि मेहनत करने से हमारे बच्चे आने वाले समय में दिनकर बन सकते हैं। केवल प्रयास करने की जरूरत है। इस आयोजन से लगभग एक हजार बच्चे जुड़े जिन्होंने दिनकर के व्यक्तित्व व कृतित्व को जानने की कोशिश की जो दिनकर स्मृति समिति की सफलता के रूप में देख सकते हैं।

 

पत्रकार प्रवीण प्रियदर्शी ने कहा कि दिनकर की कविताओं का अनूठा प्रयोग बच्चे कर रहे हैं। काव्य नाटिका व अंत्याक्षरी तैयार कर बच्चों ने लोगों का मन मोह लिया। जरूरत है कि दिनकर की कविताओं को बच्चे जीवन में उतारें। कार्यक्रम का संचालन विद्यालय के शिक्षक चिंटू कुमार एवं धन्यवाद ज्ञापन प्राचार्य लवकुश सिंह ने किया। कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथियों ने दिनकर के तैल्य चित्र पर माल्यार्पण किया एवं दीप प्रज्ज्वलित किया। कार्यक्रम के प्रारंभ ने स्कूल की छात्रा धृति, कंचन व रिया ने स्वागत गान प्रस्तुत किया।

 

मौके पर कार्यक्रम संयोजक लक्ष्मणदेव कुमार, दीनबंधु कुमार, एके मनीष, गुलशन कुमार, राजेन्द्र राय नेताजी, ललन कुमार, विनोद बिहारी एवं स्कूल के शिक्षक दयानंद कुमार, वर्षा कुमारी, दीपा कुमारी, पूजा कुमारी, सृष्टि कुमारी आदि मौजूद थे।

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