जब जनता की सरकार बनेगी तब कुछ सुधरेगा, अभी लोगों के पास विकल्प नहीं – प्रशांत किशोर
जन सुराज पदयात्रा का 40वां दिन - प्रशांत किशोर ने कहा- विकल्पहीन राजनीति होने से कभी राजद तो कभी भाजपा को वोट देना पड़ता है
जन सुराज पदयात्रा का 40वां दिन – प्रशांत किशोर ने कहा- विकल्पहीन राजनीति होने से कभी राजद तो कभी भाजपा को वोट देना पड़ता है
डीएनबी भारत डेस्क
जन सुराज पदयात्रा के 40वें दिन आज प्रशांत किशोर सैकड़ों पदयात्रियों के साथ पश्चिम चंपारण जिले के नौतन प्रखंड स्थित पदयात्रा कैंप से चलकर आमवा टोला, सिवालिया टोला, घोटा टोला, मनियारी, फतेहपुर, रेखा सुंदर पट्टी, हरी नगर, जयनगर, बैकुंठवा, कुजलाही, रहीमपुर, नत्तीपतावारा, नुनियारवा , पकौवा, कचहरी टोला, सोफुआ टोला, आशानगर होते हुए देर शाम को बेतिया के एम जे के कॉलेज पहुंचे। पदयात्रियों ने यहां रात्रि भोजन और विश्राम किया। इस दौरान वे और उनके साथ चल रहे सैकड़ों पदयात्रियों ने लगभग 20 किमी का सफर पैदल चलकर तय किया। आज के दिन की शुरुआत नौतन प्रखंड स्थित पदयात्रा कैंप में सर्वधर्म प्रार्थना से हुई।
विकल्पहीनता की वजह से राजद तो कभी भाजपा को वोट देना पड़ता है
जन सुराज पदयात्रा के दौरान पश्चिमी चंपारण के बरदाहा पंचायत के सिवालिया टोला में प्रशांत किशोर ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा, “लोगों ने पहले से पचासों दल बनाकर रखे हैं ,एक दल मैं बना लूंगा उससे कुछ नहीं होने वाला है। सुधार तब होगा जब समाज से व्यक्ति मिलकर दल बनाएंगे। जब जनता की सरकार बनेगी तब कुछ सुधरेगा। इसलिए यह जन सुराज है, ना कि प्रशांत या मोदी, लालू, नीतीश सुराज। आगे उन्होंने कहा कि समाज में अच्छे व्यक्तियों की भी कमी नहीं है। हमें आवश्यकता है ऐसे व्यक्ति को ढूंढ निकालने की जो समाज के लिए कुछ करना चाहता है, जो समाज को ठगे नहीं। हमें विकल्प के अभाव के कारण कभी राजद से डरकर भाजपा को तो कभी भाजपा से डरकर राजद को वोट देना पड़ता है।”
पदयात्रा में सही लोगों को चिन्हित करके बनाया जाएगा नया विकल्प
जनता से सीधा संवाद करते हुए आगे प्रशांत किशोर ने कहा कि हमारे पास दो तरीके हैं एक तो कि मैं स्वयं एक दल बना कर नया विकल्प बना दूं , या पदयात्रा करके लोगों को उनकी सहायता से एक नया विकल्प बनाया जाए। हमारे यहां लोकतंत्र है जो कि जनता की सरकार से चलता है, लेकिन दुर्भाग्यवश किसी नेता या दल के जीतने से जनता की जीत नहीं होती। आपको लगता है कि आपने किसी नेता को जीता या हरा दिया लेकिन ऐसा नहीं है। जीतने पर केवल नेता की स्थिति बदलती है ,आपकी स्थिति में कोई बदला नहीं होता तो नेता की जीत आपकी जीत कैसे हुई? इसलिए मैं किसी नेता या दल के साथ नहीं बल्कि जनता के साथ काम करना चाहता हूं।
13 नवंबर को बेतिया में होगा जन सुराज पदयात्रा का जिला अधिवेशन
जन सुराज पदयात्रा के माध्यम से प्रशांत किशोर सैकड़ों पदयात्रियों के साथ हर रोज लगभग 20 से 25 किमी की दूरी पैदल तय कर रहे हैं। 3-4 दिन पर वो एक दिन रुक कर पदयात्रा के दौरान जिन गांवों और पंचायतों से वो गुजर रहे हैं, वहां की समस्याओं का संकलन करते हैं। 13 नवंबर को जन सुराज अभियान के पश्चिम चंपारण का पदयात्रा जिला अधिवेशन बेतिया में होगा। जहां जिले के जन सुराज अभियान से जुड़े सभी लोग उपस्थित रहेंगे और लोकतांत्रिक तरीके से वोटिंग के माध्यम से तय करेंगे की दल बनना चाहिए या नहीं। साथ ही पश्चिम चंपारण जिले के सभी बड़ी समस्याओं पर भी मंथन कर उसकी प्राथमिकताएं और समाधान पर निर्णय होगा। पंचायत स्तर पर समस्याओं और समाधान का ब्लूप्रिंट भी तैयार किया जाएगा।