यूसीसी पर पीके का बयान, कहा ‘यह एक राज्य नहीं पूरे देश पर डालेगा प्रभाव, परिणाम या दुष्परिणाम होगा बड़ा’

यूसीसी पर प्रशांत किशोर का बड़ा बयान, बोले- यूनिफॉर्म सिविल कोड धारा- 370 से अलग है। 370 एक राज्य का मामला था, यूसीसी पूरे देश पर प्रभाव डालेगा। अगर लागू हुआ तो इसके परिणाम व दुष्परिणाम उतने ही बड़े हो सकते हैं: प्रशांत किशोर

 

डीएनबी भारत डेस्क 

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देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लेकर तरह-तरह की बहस छिड़ी हुई है। सभी राजनीतिक दलों के नेताओं की अलग-अलग प्रतिक्रियाएं भी सामने आ रही हैं। इस बीच, जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने मंगलवार को यूनिफॉर्म सिविल कोड पर बड़ा बयान दिया। प्रशांत किशोर ने कहा कि भाजपा के घोषणा पत्र में राम मंदिर, धारा 370 और यूनिफॉर्म सिविल कोड आज से नहीं, पिछले 20 से 25 सालों से हैं। दो को उन्होंने लागू कर दिया, तो स्वाभाविक तौर पर उनकी बहुमत है और देश में उनकी बड़ी ताकत भी है इसलिए तीसरे मुद्दे को भी उठाएंगे। इस मुद्दे पर बात-विवाद होगा, चर्चा होने दीजिए। भाजपा की सरकार यदि रहेगी, आज रहे, ये अगली सरकार चुनकर अगर आ जाती है और लोगों ने उसी पक्ष में मेंडेट दिया तो उनके जो घोषणापत्र में है, उसे लागू करेंगे ही करेंगे। जब तक उनको जनता ने आशीर्वाद नहीं दिया था तब ये मुद्दे उनके घोषणापत्र में था, लागू नहीं हुआ था। अब जनता जो वोट करके उन्हें सरकार में ला रही है, तो स्वाभाविक है कि लागू करने का प्रयास करेंगे।

यूसीसी पर संघ के संस्थापक रहे बड़े नेताओं का भी तो बयान देख लीजिए: प्रशांत किशोर
बिहार के समस्तीपुर जिले के मोरवा प्रखंड में पत्रकारों से बातचीत में प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि यूसीसी पर संघ के बड़े नेताओं यानी संस्थापक सदस्यों में से एक रहे नेताओं के बयान या इंटरव्यू भी तो देख लीजिए हकीकत सामने आ जाएगी। प्रशांत किशोर ने कहा कि यूसीसी लागू करना इतना आसान नहीं है, क्योंकि जो देश की विविधता है उसे देखते हुए देश में यूसीसी लागू करना इतना आसान है नहीं जितना लग रहा है। धारा-370 ये कश्मीर से जुड़ा हुआ मामला था। भारत के एक भू-भाग को प्रभावित करता था। हालांकि, मानसिक तौर पर भले ही वो पूरे देश से जुड़ा मामला हो। लेकिन सीधे तौर पर जो लोग उससे प्रभावित हुए, वो एक राज्य के लोग थे। राम मंदिर बना, उससे भी पूरे देश की जनता प्रभावित नहीं होती है। जो उसकी भावना से जुड़ा है उसके पक्ष और विपक्ष में थे, वो लोग प्रभावित हुए। लेकिन यूसीसी जो मुद्दा है वो पूरे देश की जनता को प्रभावित करता है सीधे तौर पर। तो ये लागू करना ज्यादा कठिन है। यूसीसी अगर देश में लागू होता है तो इसके परिणाम या दुष्परिणाम भी उतने ही बड़े हो सकते हैं।

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