दिल्ली हादसे के बाद देश भर में कोचिंग संस्थानों की व्यवस्था की जाए कर रही है राज्य प्रशासन
डीएनबी भारत डेस्क
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बीते दिन एक कोचिंग संस्थान के बेसमेंट में बारिश का पानी भरने से तीन छात्रों की मौत हो गई थी। छात्रों की मौत के बाद कोचिंग संस्थानों में सुरक्षा मानकों की अनदेखी का मामला राष्ट्रीय स्तर पर उठने लगा। सुरक्षा मानकों की जांच की मांग पूरे देश में उठने लगी। यह गूंज बिहार तक भी पहुंची और पटना जिलाधिकारी डॉ चंद्रशेखर सिंह के निर्देश पर पटना समेत पूरे जिले में कोचिंग संस्थानों की जांच शुरू कर दी गई है।
जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि अगले 15 दिनों में जिले के सभी कोचिंग संस्थानों की जांच कर रिपोर्ट सौंपे। जांच शुरू होने के पहले ही दिन पटना में हड़कंप मचा रहा और जांच में जो सामने आया बेहद ही चौंकाने वाला दृश्य है। जी सही सुना, अगर कहा जाए तो राजधानी पटना में छात्रों की जान इस प्रकार सांसत में है कि देखने वाले दांतों तले उंगली चबाने को मजबूर हो जाएं।
पहले दिन की जांच में पटना के अधिकतम कोचिंग संस्थान ऐसे मिले जिसका निबंधन तक नहीं करवाया गया न ही वहां अग्निशमन यंत्र की व्यवस्था है। लगभग सभी कोचिंग संस्थानों में क्षमता से अधिक छात्रों को बैठा कर पढ़ाया जाता है तो आपात स्थिति से निपटने की कोई तैयारी भी नहीं है। बात करें मूलभूत सुविधाओं की तो कई ऐसे कोचिंग संस्थान मिले जहां पीने का पानी और शौचालय की भी पर्याप्त सुविधा नहीं है।
हालांकि प्रशासन दावा तो कर रही है कि नियमों का पालन नहीं करने वाले कोचिंग संस्थानों के ऊपर कार्रवाई की जाएगी लेकिन क्या कार्रवाई होगी यह तो आने वाले दिनों में देखा जायेगा। आपको बता दें कि एक ऐसा ही अभियान शुरू किया गया था होटलों की जांच की जब पटना जंक्शन के समीप एक होटल में आग लगने से करीब एक दर्जन लोगों की जान चली गई थी। उस वक्त भी प्रशासन ने दावा किया था कि सुरक्षा मानकों के बगैर संचालित होटलों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी लेकिन मामूली जुर्माना के अलावा आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई।