भगवानपुर प्रखंड में प्रमुख के निरीक्षण के दौरान बाल विकास परियोजना कार्यालय में लटका मिला ताला, जिलाधिकारी से की शिकायत
कार्यालय में सीडीपीओ व कर्मी के बारे में जानकारी नहीं प्राप्त होने के पर प्रमुख ने जताई नाराजगी
डीएनबी भारत डेस्क
बेगूसराय जिले के भगवानपुर प्रखंड मुख्यालय स्थित बाल विकास परियोजना कार्यालय का बुधवार को औचक निरीक्षण करने पहुंचे प्रखंड प्रमुख तो कार्यालय में ताला बंद देखकर आगबबूला हो गये. और आस पास के लोगों से कार्यालय के बारे में जानकारी लेना चाहें। लेकिन कार्यालय में सीडीपीओ व कर्मी के बारे में जानकारी नहीं प्राप्त होने के कारण नाराजगी जाहिर करते हुए जिलाधिकारी से शिकायत की।
प्रखंड प्रमुख इन्द्रजीत कुमार ने बताया कि आम लोगों के द्वारा शिकायत मिल रहा है कि बाल विकास परियोजना कार्यालय में पदाधिकारी समेत कर्मी हमेशा लेट से आते हैं,और समय से पहले ही कार्यालय बंद कर चल देते हैं। जिस कारण किसी काम से कार्यालय आने वाले लोगों को समय से कोई भी काम नहीं हो पाता है। उन्होंने बताया कि आम लोगों की शिकायत पर जब बुधवार को लगभग दस बजे बाल विकास परियोजना कार्यालय निरिक्षण करने पहुंचे तो कार्यालय में ताला हुआ था।
कार्यालय के आस पास कोई कर्मी भी मौजूद नहीं थे। उन्होंने कहा कि कार्यालय बंद रहने के कारण बाल विकास परियोजना कार्यालय के पदाधिकारी समेत कर्मी की शिकायत जिलाधिकारी समेत जिला बाल विकास परियोजना पदाधिकारी से करते हुए सीडीपीओ व कर्मी पर कार्यवाही करने की मांग की। उन्होंने बताया कि जब बाल विकास परियोजना कार्यालय ही बंद रहता है तो विभिन्न पंचायत में आंगनबाड़ी केन्द्र कितना चलता होगा और लोगों को सुविधा मिल रहा होगा की नहीं या फिर कागज पर ही आंगनवाड़ी चल रहा है उसका पता चलता है।
उन्होंने कहा कि विभिन्न पंचायत में चल रहे आंगनवाड़ी केन्द्र का जल्द ही निरिक्षण कर आंगनवाड़ी की लिखित शिकायत जिलाधिकारी समेत संबंधित पदाधिकारी से करुंगा। उन्होंने कहा कि सीडीपीओ के द्वारा आंगनवाड़ी केन्द्र का निरिक्षण नहीं किया जाता है जिससे आंगनवाड़ी केन्द्र में कार्यरत सेविका व सहायिका के द्वारा अपने पोषण क्षेत्र में पोषाहार समेत अन्य सुविधा से वंचित रखा जाता है।
आम लोगों ने शिकायत किया है कि आंगनबाड़ी केन्द्र में अध्ययनरत बच्चों के बीच पोषाहार समेत दुध व टेक होम राशन नही दिया जाता है, और सेविका के द्वारा कागजी खानापूर्ति किया जाता है। इसके बदले सेविका के द्वारा नजराना दिया जाता है जिस कारण सीडीपीओ केन्द्र पर नहीं पहुंचते हैं। उन्होंने कहा कि आम लोगों की शिकायत के बाद जांचोपरांत बाल विकास परियोजना पदाधिकारी समेत सेविका सहायिका के खिलाफ कार्यवाही को जिलाधिकारी ही नहीं बल्कि मुख्यमंत्री को लिखेंगे।
बेगूसराय भगवानपुर संवाददाता गणेश प्रसाद की रिपोर्ट