बिहारशरीफ में सिखों के पांचवें श्रीगुरु अर्जुन देव जी महाराज का 417 वां शहीदी मनाया गया

नालंदा जिला के बिहारशरीफ शहर के मोगलकुआं स्थित श्री गुरुनानक देव शाही संगत गुरुद्वारा में सिखों के पांचवें गुरु श्रीगुरु अर्जुन देव जी महाराज का 417 वां शहीदी गुरु पर्व श्रद्धा एवं सौहार्द के साथ मनाया गया।

नालंदा जिला के बिहारशरीफ शहर के मोगलकुआं स्थित श्री गुरुनानक देव शाही संगत गुरुद्वारा में सिखों के पांचवें गुरु श्रीगुरु अर्जुन देव जी महाराज का 417 वां शहीदी गुरु पर्व श्रद्धा एवं सौहार्द के साथ मनाया गया।

डीएनबी भारत डेस्क 

नालंदा जिला के बिहारशरीफ शहर के मोगलकुआं स्थित श्री गुरुनानक देव शाही संगत गुरुद्वारा में सिखों के पांचवें गुरु श्रीगुरु अर्जुन देव जी महाराज का 417 वां शहीदी गुरु पर्व श्रद्धा एवं सौहार्द के साथ मनाया गया। गुरुद्वारा में श्री सुखमनी साहिब के पाठों के भोग के बाद धार्मिक दीवान सजाए गए। जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुई।

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मौके पर शंखनाद साहित्यिक मंडली के महासचिव राकेश बिहारी शर्मा ने कहा कि आज समूह मनुष्यता को श्री गुरु अर्जुन देव जी के पवित्र जीवन से सीख लेने की जरूरत है। उन्होंने कहा समाज से सभी लड़ाई झगड़े खत्म हो सकते हैं यदि श्री गुरु अर्जुन देव जी के सहनशीलता के गुण को अपना लिया जाए। उन्होंने कहा- सिख धर्म के इतिहास की यह पहली शहादत थी।

सिखों के पांचवें गुरु के रूप में गुरु अर्जन देव जी ने देश और धर्म के नाम पर बलिदान होने की ऐसी मिसाल पेश की है जो इतिहास के सुनहरे पन्नों और लोगों के दिलों में अंकित है। मानवता की रक्षा और मानवीय मूल्यों की रक्षा के सिलसिले में दी गई पहली शहादत है। इसी कारण श्री गुरु अर्जुन देव जी को शहीदों का सरताज कहा जाता है।

नालंदा संवाददाता ऋषिकेश 

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