नप बीहट की सामान्य बोर्ड की बैठक बिना एजेंडा के स्थगित, बोर्ड की बैठक में दिया गया था एजेंडा

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नप बीहट की सामान्य बोर्ड की बैठक बिना एजेंडा के स्थगित, बोर्ड की बैठक में दिया गया था एजेंडा

 

डीएनबी भारत डेस्क

बेगूसराय, बीहट :मंगलवार को नप बीहट के तीसरे कार्यकाल की पहली सामान्य बोर्ड की बैठक नगर परिषद बीहट कार्यालय में आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता मुख्य पार्षद बबीता देवी ने किया। हालांकि सामान्य बोर्ड की बैठक में कोई भी एजेंडा शामिल नहीं था। जिस पर सदन में दो पूर्व मुख्य पार्षद सह वार्ड पार्षद राजेश कुमार टूना एवं अशोक कुमार सिंह ने मुखर होकर कहा कि बैठक में जब मुख्य पार्षद के द्वारा कोई एजेंडा नहीं दिया गया है । तो इसीलिए बिना एजेंडा का बैठक में किसी भी मुद्दे पर चर्चा नहीं होगी। उन्होंने कहा कि बैठक में मुख्य पार्षद को एजेंडा देना चाहिए था। जबकि मुख्य पार्षद के द्वारा सशक्त स्थायी समिति में बजट पर चर्चा की गई थी। लेकिन सामान्य बोर्ड की बैठक में बजट सहित कई अन्य योजना की जानकारी नहीं दी गई। बिना एजेंडा के बैठक में सभी वार्ड पार्षद एक दूसरे से परिचय करते हुए बैठक को समाप्त कर दिया ।

 

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वहीं इस संबंध में मुख्य पार्षद बबीता देवी ने कहा कि बजट सहित अन्य प्रमुख मुद्दों को लेकर जल्द ही नप बीहट के सामान्य बोर्ड की विशेष बैठक आहूत की जायेगी। साथ ही बैठक में नप बीहट क्षेत्र के विकास को लेकर सभी वार्ड पार्षद कृत संकल्पित दिखें। मौके पर उप मुख्य पार्षद ऋषिकेश कुमार, कार्यपालक पदाधिकारी मो नसीमुद्दीन खान, सांसद प्रतिनिधि सुनील कुमार सिंह, वार्ड पार्षद आशा कुमारी, रुन्नी कुमारी,उषा देवी, प्रजा देवी, नीलम देवी,नेहा पटेल, अशोक कुमार सिंह, प्रवीण कुमार, मनोज सिंह, दीपक कुमार मिश्रा, पीताम्बर मिश्रा, रेणु देवी, प्रमिला देवी, खुशबू देवी, प्रधान लिपिक राजकुमार सहित अन्य वार्ड पार्षद मौजूद थे।

 

कार्यालय जाने में वार्ड पार्षद को परेशानी —  नप बीहट का वर्तमान कार्यकाल जहां दो मंजिला इमारत पर है और कार्यालय जाने वाले सीढ़ी काफी संकीर्ण और अंधेरा होने की वजह से महिला वार्ड पार्षद जो चलने से लाचार है। उन लोगों को कार्यालय जाने आने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।आज की सामान्य बोर्ड की बैठक में वार्ड संख्या -26 की वार्ड पार्षद प्रजा देवी मीटिंग हाॅल तक नहीं पहुंच सकी। कुछ वार्ड पार्षद काफी मशक्कत के बाद मीटिंग में शामिल हो सके। ऐसी परेशानी आम बुजुर्ग महिला पुरुष लोगों को भी उठाना पड़ रहा है जबकि विकलांग लोग तो कार्यालय जा भी नहीं सकते हैं।

 बेगूसराय, बीहट से  धरमवीर कुमार 

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