मोटरी चोटरी बांएंध क जाय छी, माय गंगा एत स जाबहक मन केकरो न करैईअ – मासिक कल्पवासी
डीएनबी भारत डेस्क
बेगूसराय/बीहट-दुधिया रोशनी और कल्पवासियों से कार्तिक महिने रहने भर गुलजार रहने वाली पतित पावनी उत्तर वाहिनी गंगा तट सिमरिया धाम में आए कल्पवासियों के जाते समय नीर नयनों से छमाछम बह चला। उन्होंने ऐसा तब कहा जब घड़ी था मोटरी चोटरी बांधकर जाने की। कल्पवासियों ने एक स्वर में मोटरी चोटरी बांएंध क जाय छी माय गंगा एत स जाबहक मन ने करैइअ।
दरभंगा जिला के बहेरी निवासी कल्पवासी विजय लक्ष्मी, प्राण देवी, सोशीला देवी, मोती दाय देवी, रामदाय देवी ने कहा कि अपने अपने नगर छोड़कर हम सब यहां पर एक परिवार बनकर मासिक कल्पवास करने आते हैं। यहां का हर कुटिया मंदिर जैसा होता है और हर साधक संत वृंद होते हैं। आगे उन्होंने कहा यहां हम-सब गंगा और भक्ति रस दोनों में गोता लगाते हैं।
यहां गंगा सेवन, गंगा तट सेवन, भजन,संध्या,आरती,संकृतन,साधना व जप-तप और पुण्य तथा परमार्थ का कार्य करते हैं।यह सभी पुण्य अक्षर होता है। इससे हमें, हमारे आने वाले पीढीयों , मातृ कूल,पितृ कूल सभी का कल्याण होता है। यहां हम-सब दृढ़ संकल्प लेकर नियम व्रत करते हैं और परिक्रमा कर पुण्य का भागी बनते हैं और कल्पवास का साक्षी बनते हैं।
हमारी संस्कृति हमारी संस्कार, सौराष्ट्र,प्रकृति, पर्यावरण संरक्षण जल संरक्षण की अक्षुण्णता बनीं रहेगा और इससे विश्व का कल्याण होगा। हमें गर्व है कि हम भारतीय हैं और सनातनी हैं। उन्होंने कहा यहां सबसे ज्यादा जिम्मेदार सुरक्षा बल और स्वास्थ कर्मी पाए गए।जो निरंतर सेवा में लगे हुए थे। सभी ने सबका सहयोग कर हम-सब का दिल जीत लिया।
बेगूसराय बीहट संवाददाता धरमवीर कुमार की रिपोर्ट