मैं और मेरा बचपन नाटक की प्रस्तुति में दिखा कैसे मोबाइल बच्चों को कर रहा है अकेला…
पंछी जैसे पिंजड़े में कैद हो गया है बचपन, मोबाइल बच्चों को कर रहा है अकेला
पंछी जैसे पिंजड़े में कैद हो गया है बचपन, मोबाइल बच्चों को कर रहा है अकेला
डीएनबी भारत डेस्क
सद्भावना कला परिषद राजवाड़ा के द्वारा एक दिवसीय नाट्य मंचन का आयोजन किया गया। आयोजन में पंछी जैसे पिंजड़े में कैद हो गया बच्चों का बचपन, मोबाइल ने छिन लिया सभी का बचपन आज के ज़माने में हर इंसान मोबाइल फ़ोन को ही अपना जीवन मान लिया है।
गुरुवार की शाम बाल रंगमंच आर्ट एण्ड कल्चरल सोसाइटी के कलाकारों के द्वारा सिकंदर कुमार द्वारा लिखित और वरिष्ठ रंगकर्मी ऋषिकेश कुमार व सिकंदर कुमार द्वारा निर्देशित नाटक मैं और मेरा बचपन की प्रस्तुति की गई । जिसमें ये दिखाया गया की आज के समय में कैसे बच्चों पर मोबाइल का दुष्प्रभाव पर रहा है, कैसे पचास पहले अपने साथियों के साथ बच्चें झूमा करते थे लेकिन जब से मोबाइल आया है तब से हम सब का बचपन ही सिमट कर इसमें आ गया है।
जहां पहले बच्चें अपनी दादी नानी से कहानी सुनते थे वहीं आज के समय में बच्चे, युवा यहां तक कि बुर्जुग भी सिर्फ़ फ़ोन या मैसेज में न रहकर व्हाट्सएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम, फ्री फायर अन्य तरह के मोबाइल गेम में फंस चुके हैं, जब कि पहले एक साथ डाक घर से चिट्ठी आई, कौआ उड़, घो–घो रानी और कब्बड्डी जैसे खेलों में उछल पड़ते थे।
जैसे किसी तोते को लोग पिंजरे में बंद करके रखते हैं ठीक उसी प्रकार इस मोबाइल फ़ोन ने हम सभी इंसानों को अपनी मुठ्ठी में कैद करके रखा है , जिसका परिणाम यह है कि बच्चों का बचपन ही छिन गया है जिससे बच्चे अलग–अलग दिशा में भटकने लगते हैं, लेकिन अंत में हमें फिर से वही पुराना खेल कब्बड्डी और पेड़ की छांव में ही सुकून मिलता है।
नाटक के लेखक और निर्देशक ये समझाने में सफल रहे की कैसे हम इस मोबाइल फोन का सदुपयोग करके हम अपने आने वाले पीढ़ी को बच्चा सकते हैं। नाटक में सूत्रधार की भूमिका में विशाल कुमार, हवा मिठाई वाला की भूमिका में आकाश कुमार, मां की भूमिका में राज लक्ष्मी, पिता की भूमिका में सौरभ कुमार, बेटा की भूमिका में राजेश कुमार, बेटी की भूमिका में रिया, फ्री फायर गेम खेलने की भूमिका धर्मवीर कुमार, पब्जी ऋषि कुमार, इंस्टाग्राम सौरभ कुमार, फेसबुक आनंद कुमार, बंगा रूई वाला शिवम कुमार, शिक्षक रोहित कुमार, विद्यार्थी प्रियंका, ऋषभ, अंकित, आयुष, रिया, कंचन,आर्यन इत्यादि बच्चों ने अहम भूमिका निभाई।