बेगूसराय में अजीबो-गरीब मां की ममता देखने को मिला,जहां तीन दिन पुर्व बच्चे की मौत के बाद भी मां अपने बच्चों को सीने से लगाकर रखा था

अस्पताल प्रबंधक स्वास्थ्य कर्मीयों के सहयोग से मां के बच्चों को छीनकर अन्तिम संस्कार किया

डीएनबी भारत डेस्क

बेगूसराय जिले में मां की ममता की अजीबो-गरीब बाते सामने आयी। माँ जैसी भी हो ममता की मूरत होती हैँ. उसके लिए उसका बच्चा दो जहांन होता हैँ. माँ की ममता से जुडी आज एक ऐसी ही कहानी बेगूसराय मे सामने आई हैँ जिसे सुनकर हर कोई भाबुक हो जाएगा.

दरअसल बेगूसराय मे तीन दिन पहले एक मासूम बच्चे की मौत हो जाती हैँ पर उसकी माँ को यह एकिन ही नहीं होता की उसका बच्चा अब इस दुनिया मे नहीं हैँ. माँ उस बच्चे को जिंदा समझती हैँ और उसे अपने कलेजे मे लगाए इधर से उधर भटकती फिरती हैँ. इस दौरान माँ कभी बच्चे को अपना दूध पिलाने की कोशिश करती हैँ तो कभी उसे बाहों मे झूलाती हैँ.

रोंगटे खड़ी करने वाली इस तस्वीर को देखकर हर किसी का कलेजा पसिज जाता हैँ और लोग उस माँ को यह समझाने की कोशिश करते हैँ की उसका बच्चा अब इस दुनिया मे नहीं हैँ. पर माँ माँ होती हैँ उसे लोगो की बातो पर यकीन नहीं होता. घंटों बाद लोगो ने उस बच्चे को कफन डालकर उसके अंतिम संस्कार कराते है..

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,इस कहानी का सबसे दुखद पहलू यह है कि लोग उस मां को बिछिप्त मानते हैँ. जरा इस तस्वीर को देखिए यह तस्वीर है बेगूसराय सदर अस्पताल की जहाँ एक महिला अपनी बाहों में एक मासूम से बच्चे को खिलाती हुई दिख रही हैँ. महिला कभी अपने बच्चों को दूध पिलाती हुई नजर आती है तो कभी उसे बाहों में झूलाती हुई नजर आती है.

कौन समझ पाएगा कि यह माँ वावरी है और उसका बच्चा मरा हुआ हैँ. पीपल की छांव के तले बैठी यह माँ कभी बच्चों को निहारती तो कभी बच्चों को दूध पिलाती तो कभी उसे अपने गले से लगाती. आते जाते लोग बच्चे को जिंदा समझ रहे थे और बच्चे पर ममता लुटाती उसकी माँ को देखकर आगे बढ़ जाते थे. इसी बीच सदर अस्पताल के एक स्वास्थ्य कर्मी की नजर जब उस बच्चे पर परी तो वह सन्न रह गया.

बच्चों के मरे होने पर यकीन होते ही उन्होंने इस बात की सूचना अस्पताल प्रबंधन को दी. अपने आप में अजीबोगरीब इस मामले को सुनकर अस्पताल प्रबंधन की मानवता जाग उठी और वह फौरन उस माँ के पास पहुंचे तो उसकी आँख फटी की फटी रह गयी. देखते ही देखते इस बात की चर्चा पूरे अस्पताल में होने लगी.

जिसके बाद मौके पर दर्जनों महिलाएं पहुंचकर उस मां को या यकीन दिलाने की कोशिश की कि उनका बच्चा अब इस दुनिया में नहीं है बावजूद इसके वह मां इस बात को मारने को तैयार नहीं हुई. बाद में अस्पताल प्रबंधन के द्वारा स्वास्थ्य कर्मियों के सहयोग से बच्चे का हिंदू रीति रिवाज के साथ दफन कराया और और उस महिला की आर्थिक मदद कर उसे वहाँ से विदा किया.

हृदय बिदारक यह घटना आज सदर अस्पताल के हर किसी के जुबान पर है. हालांकि मैनेजर का कहना है की प्रथम दृष्टि यह महिला मानसिक रूप से विक्षिप्त जान पड़ती है.

बेगूसराय संवादाता सुमित कुमार बबलु की रिपोर्टर

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