केंद्र सरकार से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की कि मांग – अबू तमीम

 

डीएनबी भारत डेस्क

बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी के आह्वाहन पर समस्तीपुर जिला कांग्रेस कमिटी ‌द्वारा आज दिनांक सोमवार को एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। प्रेस को संबोधित करते हुए जिला अध्यक्ष मो० अबू तमीम ने केंद्र सरकार से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की। इस संदर्भ में उन्होंने बताया कि बिहार-झारखंड विभाजन के समय ही तत्कालीन केंद्र सरकार दवारा यह आश्वासन दिया गया था कि बिहार को विशेष श्रेणी में रख कर अधिक से अधिक सहायता दी जाएगी ताकि खनिज संपदा के झारखंड में चले जाने के कारण हुई आर्थिक वाति से बिहार का विकास बाधित न हो।

सन् 2005 में नीतीश सरकार ने केंद्र सरकार से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की, जिस पर तत्कालीन कांग्रेस नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने देश के पिछड़े राज्यों को सहायता देने हेतु रघुराम राजन समिति का गठन कर उसे विभिन्न मापदंडो का इस्तेमाल कर पिछड़े राज्यों की पहचान के लिए तरीके सुझ्झाने को कहा गया था। समिति ने यूपीए सरकार 2 के अंतिम कार्यकाल में अपनी रिपोर्ट दी जिसमें आर्थिक रूप में पिछड़े राज्यों को अतिरिक्त सहायता देने के लिए उन्हें विशेष दर्जा देने वाले पूर्व के मापदंडों को समाप्त कर देश के 28 राज्यों को तीन श्रेणियों में यथा सब से कम विकसित, कम विकसित और अपेक्षाकृत विकसित राज्य की श्रेणी में बाटने का सुझाव दिया था।

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समिति ने धन देने के लिए एक नई प्रणाली सुझाई थी जो बहुआयामी सूचकांक प्रणाली पर आधारित है। इन्हीं सूचकांक के आधार पर ही राज्यों को उपरोक्त तीन श्रेणियों में बांटा गया था। वह सूचकांक राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय द्वारा मापी गई प्रति व्यक्ति खपत और गरीबी अनुपात जैसे मापदंडों पर आधारित था। समिति ने इस सूचकांक पर जिन राज्यों के अंक 0.6 या उससे अधिक ही उन्हें सबसे कम विकसित, 0.6 से कम लेकिन 0.4 से ज्यादा अंक वाले राज्यों को कम विकसित और 0.4 से कम अंक वाले राज्यों को अपेक्षाकृत अधिक विकसित वर्ग में डालने की सिफारिश की थी। परंतु समय अभाव के कारण यूपीए सरकार में उसे लागू नहीं किया जा सका। बाद में आने वाली भाजपा नीत मोदी सरकार ने उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया।

वर्तमान सरकार ने भी अपने पुराने रवैए पर कायम रहते हुए बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने के नीतीश सरकार की मांग को इस आधार पर सिरे से खारिज कर दिया की बिहार इसके लिए आवाशक शर्तें पूरी नहीं करता है। कांग्रेस पार्टी ने यह संकल्प लिया है की इस मु‌द्दे को संसद से सड़क तक उठाने का काम करेगी। इसी के तहत बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी के सम्मानित अध्यक्ष आदरणीय डा० अखिलेश प्रसाद सिंह ने भी इस मुद्दे को संसद में उठाने का काम किया है। अब कांग्रेस पार्टी इस लड़ाई को सड़क तक लड़ने के लिए तैयार है इसी के तहत आगामी 13- 14 अगस्त 2024 को जिले के प्रत्येक प्रखंड के प्रशासनिक मुख्ख्यालों में कांग्रेस के साथी धरना प्रदर्शन का आयोजन करेंगें।

इसके बाद जिला एवं राज्य स्तर पर भी धरना प्रदर्शन का आयोजन किया जाएगा तथा यह संघर्ष बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलने तक जारी रहेगा। इस अवसर पर हम बिहार के सभी राजनीतिक दलों से वह पक्ष अथवा विपक्ष के हो यह आवाहन करना चाहते हैं की वे राजनीति से ऊपर उठ कर इस अभियान को सफल बनाने में एक साथ खड़े हों। प्रेस वार्ता में जिला कांग्रेस कमिटी के उपाध्यक्ष देवेन्द्र नारायण झा, महासचिव मुकेश कुमार चौधरी, महिला कांग्रेस अध्यक्ष देविता कुमारी गुप्ता, युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय संयोजक अबू तनवीर एवं जिला युवा कांग्रेस के अध्यक्ष रितेश कुमार चौधरी भी उपस्थित थे।

 

समस्तीपुर संवाददाता अफरोज आलम की रिपोर्ट

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