डीएनबी भारत डेस्क
समस्तीपुर/विश्व एड्स दिवस को मनाने का उद्देश्य आम जनमानस के बीच एचआईवी एड्स के जागरूकता, नियंत्रण एवं रोकथाम हेतु प्रचार प्रसार करना है। एचआईवी/एड्स पीड़ित व्यक्तियों के मानसिक स्वास्थ्य एवं शारीरिक स्वास्थ्य का देखभाल और सामाजिक जन कल्याणकारी योजनाओं से उनको अंशादित करना है। यह केंद्रीय परियोजना ,राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण समिति, नई दिल्ली के निर्देशानुसार राज्य स्तर पर स्वास्थ्य विभाग (बिहार सरकार) के अधीन बिहार राज्य एड्स नियंत्रण समिति,पटना के द्वारा परियोजना निदेशक के निर्देशानुसार पदाधिकारी एवं क्षेत्रीय स्तर पर कार्यरत संविदागत पदों पर कार्यरत कर्मियों के द्वारा किया जाता है।
बिहार राज्य सरकार के अधीन कार्यरत यह संविदा कर्मी सरकार की उदासीनता और ठोस मानव नीति के कारण उपेक्षा का दशं झेल रहे हैं। यह विगत 24 वर्षों से निष्ठापूर्वक एचआईवी/एड्स के जागरूकता, रोकथाम एवं नियंत्रण में लगे हुए हैं, परंतु सरकार के द्वारा इन संविदा के आधार पर कार्यरत कर्मियों को अल्प मानदेय के अतिरिक्त अन्य किसी तरह का लाभांश,सुविधा, सामाजिक, स्वास्थ्य सुरक्षा जैसे जन कल्याणकारी योजनाओं से वंचित रखा गया है ।सरकार के स्तर पर संविदागत कर्मियों के लिए कई घोषणा एवं समितियो का गठन किया गया है। पर एड्स नियंत्रण समिति में कार्यरत संविदागत कर्मियों को किसी भी योजनाओं का लाभ अभी तक प्राप्त नहीं हुआ।
इस बाबत बिहार राज्य एड्स नियंत्रण कर्मचारी संघ के प्रतिनिधियों के द्वारा केंद्र एवं राज्य स्तर पर कई बार वार्ता की गई है पर राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण समिति इन संविदागत कर्मियों के लिए किसी भी नीति निर्माण के लिए राज्य सरकार को जवाबदेह बताती है, वही राज्य सरकार केंद्रीय परियोजना का हवाला देते हुए केंद्र सरकार को इन संविदागत कर्मियों के लिए निर्णय लेने का जवाबदेह बताती है ।ऐसे में भला इन संविदागत कर्मियों के दिन कब बहूरेगे , इस आशा में संविदा गत पदों पर कार्यरत कर्मी स्वयं कई तरह के मानसिक दंश को झेल रहे हैं।
जिन संविदागत कर्मियों के ऊपर एचआईवी से ग्रसित रोगियों के मानसिक स्वास्थ्य को दुरुस्त रखने की जवाबदेही है वह स्वयं मानसिक रूप से प्रताड़ित होते जा रहे हैं। सबसे बड़ी समस्या अल्प मानदेय एवं रोजगार की सुरक्षा को लेकर है, कि न जाने आगे भी कितने वर्ष तक ऐसे ही संविदा एवं अल्प मानदेय के साथ अपने परिवार का भरण पोषण एवं बाल बच्चों की शिक्षा-दीक्षा कैसे करेंगे।
समस्तीपुर संवाददाता अफरोज आलम की रिपोर्ट