दुनिया में एक दूसरे की वेदना से जुड़ने पर संवेदना उपजती है- सच्चिदानंद पाठक

जनकवि रामावतार यादव शक्र की 109 वीं जयंती के अवसर पर कार्यक्रम आयोजित

डीएनबी भारत डेस्क

बेगूसराय- दुनिया में एक दूसरे की वेदना से जुड़ने पर संवेदना उपजती है। आज सामाजिक संवेदना मरती जा रही है। अगर संवेदना मर गई तो राष्ट्र भी मर जाएगा। जहां संवेदना जीवित रहेगी, वही समाज जिंदा रहेगा।आज के अंधकारमय समय में जनकवि शक्र की रचना मशाल बनकर जन समुदाय की राह को प्रकाशित करने का काम करेगी।

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उक्त बातें मुख्य वक्ता वरिष्ठ साहित्यकार सच्चिदानंद पाठक ने जनकवि रामावतार यादव शक्र की 109वीं जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा।आयोजन के अंत में लोक गायक सच्चिदानंद पाठक और गायक आनंद कुमार ने गीतों को प्रस्तुत कर स्रोतों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

मौके पर पूर्व पंसस सुरेंद्र दास, अशोक पासवान, चंद्रेश कुमार, दीपक रजक, राकेश कुमार राम, राजकुमार यादव, जीतन पासवान, शत्रुघ्न पासवान, मधुसूदन दास, राजेंद्र दास, संजीव कुमार, गंगाधर रजक सहित सैकड़ो ग्रामीण उपस्थित थे।

बेगूसराय बीहट संवाददाता धरमवीर कुमार की रिपोर्ट

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