बेगूसराय में नशेड़ियों ने पवित्र मंदिर को बनाया बिहार में प्रतिबंधित शराब पीने का अड्डा, ग्रामीणों में आक्रोश

बेगूसराय जिला के बखरी थाना क्षेत्र वैष्णवी दुर्गा स्थान परिसर से बरामद की गई आपत्तिनजक समान, छानबीन में जुटी बखरी पुलिस।

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बेगूसराय जिला के बखरी थाना क्षेत्र वैष्णवी दुर्गा स्थान परिसर से बरामद की गई आपत्तिनजक समान, छानबीन में जुटी बखरी पुलिस।

डीएनबी भारत डेस्क 

बिहार में लागू शराबबंदी के बीच शराब पीने के लिए लोग आस्था के पवित्र स्थल को भी नहीं बख्श रहे हैं और इसे शराब पार्टी के लिए मंदिर परिसर को ही सुरक्षित जोन बना रहे हैं। आखिर सरकार का तंत्र शराब बंदी कानून में हर तरीके से बिफल होता नजर आ रहा है। ताजा मामला बखरी थाना क्षेत्र के वैष्णबी दुर्गा स्थान से जुड़ा हुआ प्रकाश में आया है। यूं तो वैष्णवी दुर्गा स्थान पर लोगों की असीम आस्था है और बड़ी संख्या में श्रद्धालु रोज यहां पूजा पाठ करने आते हैं।

इसी का फायदा उठाते हुए क्षेत्र के शराबियों ने शराब पार्टी के लिए मंदिर का पवित्र स्थल को ही सुरक्षित स्थान बना लिया है। भ्रष्ट बुद्धिहीन शराबियों ने पूरे बेगूसराय जिला में मनोकामना मंदिर के नाम से इलाके का प्रसिद्ध मां वैष्णवी दुर्गा स्थान को अपवित्र कर दिया। और बीती रात शराबियों ने यहां चिकन और शराब पार्टी का आयोजन कर डाला।

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हलांकि इस बात की भनक लगते ही ग्रामीण और श्रद्धालु आक्रोशित हो गए और पूजा समिति के पदाधिकारियों के साथ-साथ बखरी पुलिस को भी इस घटना की सूचना दी। पुलिस और ग्रामीण के आने की आवाज सुनकर मंदिर परिसर से सभी नशेरी युवक शराब एवं चिकन को छोड़कर फरार हो गए। लेकिन इसी बीच लोगों ने उक्त मामले का वीडियो भी बना लिया।

लोगों का आरोप है कि मक्खाचक के कुछ असामाजिक युवकों द्वारा मंदिर परिसर में पार्टी का आयोजन किया गया था। मामला सामने आने के बाद लोग आक्रोशित हो गए और बखरी पुलिस के खिलाफ नारेबाजी के साथ आरोपियों की अविलंब गिरफ्तारी की मांग करने लगे। फिलहाल बखरी पुलिस ने सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

लेकिन यह कहा जा सकता है कि शराबबंदी वाले बिहार में अब लोगों की आस्था पर शराबियो के मंसूबे भारी पड़ रहे हैं। चाहे वह शराब का बड़ी खेप का सड़क मार्ग से बिहार के हरेक जिलों में जाने की बात हो या जहड़ीली शराब से मौत के आकड़े हों या पंचायत या वार्ड स्तर पर होम डिलीवरी की डात हो या फिर शाराब कारोबार में बढ़ते वर्चस्व को लेकर हत्या की घटनाएं हों।

जानकारों की मानें तो शराब बंदी कानून पर हर तरफ से सरकार फेल और विफल है। साथ ही बिहार आर्थिकी रूप से तो पिछड़ा है। बेरोजगारी बढ़ी है। शराबबंदी कानून के बाद बिहार में किसी भी बड़ी कंपनियों के सेमिनार नहीं हुए हैं। होटल और रेस्टोरेंट व्यवसाय बुरे दौर से गुजर रहा है। जो सर्वे का विषय है एवं सरकार के लिए शराब बंदी कानून में सुधार चिंतन का भी विषय है।

बेगूसराय संवाददाता सुमित कुमार बबलू 

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