संत पॉल पब्लिक स्कूल तेघड़ा ग्रीष्मावकाश में स्कूल में कमजोर बच्चों के लिए समर कैंप का आयोजन

 

डीएनबी भारत डेस्क

संत पॉल पब्लिक स्कूल तेघड़ा में 20 मई 2024 से ग्रीष्मावकाश शुरू हुआ I इस ग्रीष्मावकाश में विद्यालय के कक्षा षष्ठम से दशम के मध्यम एवं कमजोर बच्चों के लिए दिनांक : 21.05.2024 से दिनांक : 02.06.2024 तक विद्यालय में ही समर कैम्प आयोजित किया गया I इस समर कैम्प को चुनिंदा बच्चों के लिए विद्यालय के प्राचार्य डॉ विनय ओझा द्वारा इंग्लिश स्पोकेन क्लासेज के रूप तब्दील कर दिया गया I

बताते चलें कि संत पॉल पब्लिक स्कूल तेघड़ा ऐसे क्षेत्र में अवस्थित है जिस क्षेत्र में हिंदी और क्षेत्रीय भाषा बोलने, लिखने, समझने और उसे अनुकरण करने का प्रचलन है I ऐसे क्षेत्र में बच्चों को अँग्रेजी बोलना, लिखना, समझना और उसे अनुकरण करने लायक बना देना बहुत ही सराहनीय प्रयास और कार्य है और इस कार्य को अंजाम तक पहुचाने का कार्य किए – विद्यालय के प्राचार्य डॉ विनय ओझा ने  बता दूँ कि जिस प्रकार मरुस्थल में जल निकालना कठिन होता है I

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ठीक उसी प्रकार जिस क्षेत्र में हिंदी और क्षेत्रीय भाषाओं का सर्वाधिक प्रचलन हो, उस क्षेत्र में अँग्रेजी बोलना, लिखना, समझना और उसे उपयोग लाना – सीखा देना बहुत ही कठिन है I और इस चुनौती को स्वीकार किया विद्यालय के प्राचार्य डॉ विनय ओझा और संत पॉलियन तेघड़ा ने I प्राचार्य की ऐसी सोच, बच्चों को दी गई ऐसी प्रेरणा और उनमें जागृत की गई चेतनाओं और बच्चों द्वारा किया गया सकारात्मक प्रयास एक दिन निश्चित रूप से कारवाँ का रूप लेगा I

आज के दिन विद्यालय में आयोजित समर कैंप के रुप में इंग्लिश स्पोकेन क्लासेज के माध्यम से एक ऐसी टोली तैयार की गई, जिससे विद्यालय में निश्चित रूप से अँग्रेजी मीडियम का माहौल बनेगा, अन्य बच्चे भी प्रेरित होकर उसे आसानी अनुकरण कर सफल होंगे I 12 दिनों में बच्चे इस काबिल हो चुके हैं कि वे धारा-प्रवाह अंगेजी में स्टेज पर बोलने लगे हैं I जिससे बच्चे काफ़ी उत्साहित हैं I इस क्षेत्र के लिए इस तरह का क्रिया-कलाप – एक नया सोच और छोटा सा प्रयास है I

विद्यालय के प्राचार्य के शब्दों में – यह यात्रा तो अभी शुरु ही हुई है, मंजिल तक का सफ़र पूरा करना है I उन्होंने कहा कि कोशिश करना नहीं छोड़ना है क्योंकि गुच्छे की आखिरी चाबी भी ताला खोल सकती हैं I और जीतने वाले वो लोग नहीं होते जो कभी फेल नहीं हुए, ये वो लोग भी होते हैं जो हारने के बाद भी दुबारा शुरुआत करते हैं |विद्यालय के प्रबंधक सुनील कुमार सिंह ने कहा – आशा और उम्मीद के साथ इस तरह के कार्य को निरंतर आगे बढ़ाते रहना है I

और बच्चों द्वारा किए गए प्रयास उनके जीवन को निश्चित रूप से एक दिन रंगीन बना देगा, जिसके लिए बच्चों के माता-पिता और अभिभावक अपेक्षित हैं I उन्होंने कहा – जीतने वाले अलग चीजें नहीं करते, वो उन चीजों को अलग तरह से करते हैं और मंजिल को प्राप्त करते हैं I इस समर कैंप में प्राचार्य महोदय को सहयोगी के रूप में साथ मिला – विद्यालय के समन्वयक राम कुमार मिश्रा, अकाउंटेंट राम पुनीत राय, अविनाश कुमार, ऑफिस असिस्टैंट श्रीमती कंचन कुमारी और श्रीमती प्रेम माधुरी आदि का ।

डीएनबी भारत डेस्क

 

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