डीएनबी भारत डेस्क
बेगूसराय/बीहट-सबकी आंखें नम थी, शिक्षक शिक्षक से मिल रहे थे। छात्र अपने सहपाठी से मिले थे और गुरु अपने शिष्य मिल रहे थे। यह दृश्य 32 वर्षों बाद राजकीयकृत मध्य विद्यालय बीहट लौटा था। मौका था राजकीयकृत मध्य विद्यालय बीहट के 90 वें स्थापना दिवस पर सत्र 1990-92 के छात्रों द्वारा आयोजित गुरु दक्षिणा सह पूर्व छात्र समागम का। इस अवसर पर लगभग 50 की संख्या में जुटे पूर्ववर्ती छात्रों द्वारा अपने समय के कुल 25 शिक्षकों का सम्मान किया गया। जिसमें 7 दिवंगत शिक्षकों के परिवार को भी सम्मानित किया गया।
इसके पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ राजकीयकृत मध्य विद्यालय बीहट के छात्र-छात्राओं द्वारा विद्यालय आए अवकाश प्राप्त शिक्षकों का स्वागत चन्दन, आरती और स्वस्तिवाचन और शंख ध्वनि से किया गया। वहीं कार्यालय से लेकर मुख्य मंच तक छात्र-छात्राओं द्वारा पुष्प वर्षा करते हुए उनका अभिनंदन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलित कर अवकाश प्राप्त शिक्षकों सहित विद्यालय के पूर्ववर्ती छात्र व तेघरा विधायक रामरतन सिंह के द्वारा किया गया। मौके पर सभी शिक्षकों का सम्मान प्रशस्ति सह सम्मान पत्र, अंग वस्त्र, रामचरितमानस और औषधीय पौधा भेंट कर किया गया।
अलग-अलग क्षेत्रों में काम कर रहे पूर्ववर्ती छात्रों द्वारा जहां शिक्षकों का सम्मान करते हुए मन गदगद हो रहा था वहीं दूसरी तरफ हर शिक्षकों की आंखें नम थी। वह अपने छात्रों के प्रति बार-बार कृतज्ञता अर्पित कर रहे थे। मौके पर स्वागत भाषण करते हुए पूर्ववर्ती छात्र मनीष कुमार ने कहा कि हम इस योग्य नहीं है की गुरु को दक्षिणा दे सकते हैं बल्कि हम केवल और केवल गुरु वंदना ही कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि हम सब के लिए यह अवस्मरणीय यह पल है जिसको हम एक बार फिर से जी रहे हैं। वहीं विद्यालय प्रधान रंजन कुमार ने कहा की विद्यालय का अतीत इतना समृद्ध था कि उसने ऐसे छात्रों को तैयार किया जो आज फिर से 32 वर्ष बाद अपने विद्यालय को देखने पहुंचे हैं।
उन्होंने कहा कि आने वाली पीढ़ियां इस गुरु दक्षिणा कार्यक्रम को सदैव याद रखेगी। उन्होंने अपने शिक्षकों से भी छात्रों को इस रूप में तैयार करने की अपील की। अवकाश प्राप्त शिक्षक केशव प्रसाद सिंह ने कहा कि हम सबके लिए फक्र का दिन है कि हमारे शिष्यों ने हमें एक बार फिर से याद किया है। शिक्षक राम बहादुर शर्मा ने कहा की यह गुरु शिष्य की परंपरा को जीवंत करने वाला कार्यक्रम है। छात्रों ने आज जो सम्मान दिया है वह अनंत काल तक याद किए जाते रहेंगे। शिक्षक रामकिशोर सिंह ने कहा की आज अपने छात्रों पर हमें खुद को अभिमान है कि हमने इस रूप में अपने शिष्यों को तैयार किया है। शिक्षक केशवेंद्र राय ने अपनी स्वरचित कविताओं से सभी छात्रों और अतिथियों का मन मोह लिया।
विद्यालय की पूर्व प्रधानाध्यापिका निराला कुमारी ने कहा की जीवन में शायद ही यह पल फिर से लौट पाएगा छात्रों की यह परिकल्पना अवर्णीय है। शिक्षिका मंजू कुमारी ने कहा कि कार्यक्रम चिरकाल तक अमर रहेगा। शिक्षिका कल्याणी देवी ने कहा कि युगों युगों तक हम अपने छात्रों को याद करते रहेंगे। कार्यक्रम का संयोजन कर रहे हैं डॉ कुंदन कुमार ने कहा की हम सभी पूर्ववर्ती छात्रों का यह दायित्व बनता है कि हम उस विद्यालय और उन शिक्षकों के प्रति अनुगृहीत हों जिन्होंने हमें इस रूप में तैयार किया। कहा कि सभी पूर्ववर्ती छात्र मिलकर विद्यालय के सतत विकास के लिए मिलकर काम करेंगे।
इस अवसर पर अवकाश प्राप्त शिक्षक स्मृतिशेष रामाधार कुंवर, स्मृति शेष चंद्रशेखर झा, स्मृति शेष नागेश्वर राय, स्मृति शेष रामाकांत कुंवर, स्मृति शेष आशा सिंह, स्मृतिशेष रामबालक सिंह, शिक्षक विष्णुदेव चौधरी, केशव प्रसाद सिंह, केशवेंद्र राय, राम बहादुर शर्मा, रामकिशोर सिंह, शिव शंकर मिश्र, निराला कुमारी, बच्ची देवी, प्रतिभा कुमारी, प्रतिभा देवी, उषा कुमारी, मंजू कुमारी, मीना कुमारी, वीणा कुमारी, कल्याणी देवी, स्मृतिशेष रामेश्वर साह का सम्मान किया गया।मौके पर मध्य विद्यालय रतौली के प्रधान धनंजय कुमार, उमेश प्रसाद सिंह, अनुपमा सिंह, रामानन्द सिंह, उपमुख्य पार्षद ऋषिकेश कुमार, पूर्व मुख्य पार्षद अशोक कुमार सिंह, पूर्ववर्ती छात्र अजीत कुमार, रौशन कुमार, विकास, राजेश, राजीव, बिपिन, मानस रंजन, मुकेश, बेबी, ममता, रश्मि, गुंजन, सुमन, कृष्ण कुमार, मनीष, सुरेश, ललन, रंजीत, दीपक, राजेश, पंकज, अमित, राजा, अजय सहित अन्य उपस्थित थे। इस अवसर विद्यालय के बच्चों को भी उपहार भेंट किया गया।
बेगूसराय बीहट संवाददाता धरमवीर कुमार की रिपोर्ट