हमारे देश की परंपरा कभी आक्रमणकारी नहीं रहा। हम शस्त्र नहीं बल्कि शास्त्र पर विश्वास रखते है – राज्यपाल, राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर

 

राजगीर के नालंदा विश्वविद्यालय में आयोजित हुआ  बोधगया ग्लोबल डायलॉग

डीएनबी भारत डेस्क

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नालंदा विश्वविद्यालय राजगीर में बोधगया डायलॉग के छठे संस्करण का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्घाटन राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। इस मौके पर राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि बोधगया और नालंदा वह भूमि है, जहां शस्त्र की तुलना में शास्त्रों को प्राथमिकता दी गई है।

दुनिया को आज भारत के करुणा और अहिंसा के संदेश की आवश्यकता है। भारत के उसे प्राचीन गौरव को पुनर्स्थापित करने की आवश्यकता है। नालंदा की भूमि से निकला ज्ञानोदय का संदेश सदैव अहिंसा का ही रहा है। इस देश की परंपरा कभी के दूसरे के ऊपर आक्रमण करने की नहीं रही है। भगवान बुद्ध के विचार कभी भी आक्रमकारी नहीं रहें हैं।

हमने शस्त्र के ज़्यादा शास्त्र पर ज़ोर दिया। राज्यपाल ने कहा कि हमारे सनातन विचारधारा से ही सभी आएं हुए हैं। इसमें सभी धर्म के लोगों को समाहित करने की ज़रूरत है। वही कार्यक्रम के अंत में इमेजिन बोधगया पुस्तक का भी विमोचन किया गया।

डीएनबी भारत डेस्क

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