एम्बुलेंस कर्मियों को श्रम अधिनियम के तहत दी जाने वाली सुविधाएं देना होगा – संघ

 

तीसरे दिन भी एम्बूलैंस कर्मियों ने बेमियादी हड़ताल रखा जारी

डीएनबी भारत डेस्क

समुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बरौनी का एम्बुलेंस सेवा व्यवस्था चरमरा गई है। यह मंगलवार की आधी रात से बरौनी में संचालित 102 एम्बुलेंस सेवा मंगलवार की आधी रात से ठप हो जाने से हुआ है। वहीं एम्बुलेंस सेवा व्यवस्था चरमरा जाने से बरौनी प्रखण्ड एवं नगर परिषद बीहट क्षेत्र सहित रेल हादसा, सड़क हादसा, आगजनी, गोलीकांडों, फूड प्वाइजनिंग, डायरिया, नार्मल डिलीवरी पैसेंट सहित सभी को स्थानीय सरकारी अस्पताल आने में केवल काफ़ी कठिनाइयों का ही नहीं सामना करना पड़ता है बल्कि इसके बदले में उन्हें एक मोटी रकम भी खर्च करनी पड़ रही है। इसपर भी ससमय सेवा उपलब्ध नहीं हो पा रही है।

ऐसा स्थिति उत्पन्न होने से अस्पताल में दाखिल होने वाले इमरजेंसी एवं डिलीवरी पेसेंटों की संख्या में काफ़ी गिरावट आई है। तथा संस्थागत प्रसव में भी काफ़ी गिरावट आई है और होम डिलीवरी या प्राईवेट अस्पतालों में पेसेंटों को इलाज़ कराकर नुक्सान सहना पड़ रहा है। वहीं एम्बुलेंस कर्मियों द्वारा किए जा रहे बेमियादी हड़ताल के संबंध में जानकारी देते हुए एम्बुलेंस संघ के जिलाध्यक्ष रामानन्द कुमार ने बताया कि एम्बुलेंस कर्मियों को श्रम अधिनियम द्वारा निर्धारित दर पर मानदेय का भुगतान नहीं किया जाता है। श्रम अधिनियम के तहत एम्बुलेंस कर्मियों में ईएमटी को अति कुशल, चालक व हेल्पर को कुशल श्रेणी का मानदेय देना है।अति कुशल,कुशल तो दूर सही अकुशल श्रमिकों का भी मानदेय नहीं दिया जाता है।

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उन्होंने कहा कि श्रम अधिनियम के तहत कर्मियों को दी जाने वाली कोई सुविधाएं अबतक नहीं मिला है। ना ही नियुक्ति पत्र, परिचय पत्र दिया गया है और ना ही भुगतैय मानदेय का स्लीप दिया जाता है।बताते चलें कि बरौनी प्रखण्ड में तीन एम्बुलेंस कार्यरत है जिस पर 6 चालक,6 ईएमटी रेगुलर तथा 1 चालक एवं 1 ईएमटी रिलीवर कार्यरत है। इस तरह से बरौनी प्रखण्ड में 14 एम्बुलेंस कर्मी कार्यरत हैं। वहीं अन्य एम्बुलेंस कर्मियों ने बताया कि एम्बुलेंस सेवा का संचालन विगत 2018 से ही पीडीपीएल करती आ रही है और यह अबतक कोई भी सुविधा कर्मियों को देना मुनासिब नहीं समझता है।

पिछले वर्ष भी एम्बुलेंस कर्मियों द्वारा पूरजोर तरीके से कम्पनी के विरोध में बेगूसराय संघ ने आवाजें उठाई थी।उस समय त्रिपक्षीय वार्ता में समझौता हुआ की बेमियादी हड़ताल समाप्त कर दिया जाए हम श्रम अधिनियम के तहत कर्मियों को कुशल श्रमिक का मानदेय देंगें। और अन्य सभी सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएगी। पर एक वर्ष बीत जाने के बाद भी कम्पनी के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी। तब उब चुके एम्बुलेंस कर्मियों ने फिर से बेमियादी हड़ताल करने का निर्णय लिया और इस निर्णयों से अस्पताल के अधिकारी, सिविल सर्जन, जिला प्रशासन तथा एम्बुलेंस सेवा संचालकों को अवगत कराया गया था।

पर इसे अनसुना कर उन्होंने भगवान भरोसे बेगूसराय की स्वास्थ्य व्यवस्था की लाइफ लाइन कही जाने वाली एम्बुलेंस सेवा व्यवस्था को छोड़ दिया। इससे मरीजों को ही नहीं अपितु मरने के बाद शवों को भी पीडीपीएल भगवान भरोसे बेगूसराय में छोड़ दिया है। वहीं इस मौके पर समुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बरौनी के तीन एम्बुलेंस के कर्मियों द्वारा पूरजोर तरीके से कम्पनी के विरोध में प्रदर्शन जारी रखा है।

मौके पर चालक रीतेश कुमार, मुकेश कुमार सिंह, मुकेश पासवान, चिरंजीवी महाराज, गोपाल पासवान, ईएमटी रामप्रीत कुमार, मनोज कुमार एवं धर्मवीर कुमार , मो अरशद,मो चांद बाबू सहित अन्य थे। वहीं एम्बुलेंस कर्मियों को श्रम अधिनियम के तहत मानदेय सहित सभी सुविधाएं देने से कम्पनी पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा इसलिए कम्पनी ने समस्याओं और विसंगतियों को दूर करने के लिए तत्पर रहने की बात कहते हुए संघ एवं जिला स्वास्थ्य समिति बेगूसराय से पत्राचार किया है। वहीं समाचार संकलन तक एम्बुलेंस कर्मियों का बेमियादी हड़ताल जारी था।

बेगूसराय बीहट संवाददाता धरमवीर कुमार की रिपोर्ट

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