दोपहर चिलचिलाती धूप में विद्यालय से छुट्टी के बाद घर जाने से परेशान है, बच्चे

विद्यालय के वर्तमान टाइम टेबल से छात्र शिक्षक अभिभागवक तीनों है परेशान।विभाग संवेदनहीन

डीएनबी भारत डेस्क

बेगूसराय खोदावंदपुर शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव द्वारा प्रातः कालीन विद्यालय संचालन के टाइम टेबल से पूरे प्रदेश के छात्र शिक्षक और अभिभावक तीनों परेशान हैं,लेकिन इन बच्चों की परेशानी को कोई सुनने वाला नहीं है। मालूम पड़ता है,बिहार की सरकार और शिक्षा विभाग संवेदनहीन हो चली है। शिक्षा विभाग के इस फरमान को लेकर छात्र शिक्षक और अभिभावक तीनों में उबाल है।

जो संभवत देश में चुनाव के चलते लागू आदर्श आचार संहिता के समापन के पश्चात कभी भी विस्फोटक रूप ले सकता है।बताते चले की शिक्षा विभाग ने प्रदेश के सभी सरकारी विद्यालयों का प्रातः कालीन टाइम टेबल सुबह 6:30 बजे से लेकर दोपहर 12:30 बजे तक निर्धारित कर रखा है। इतना ही नहीं 12:30 से 1:30 तक शिक्षकों को कमजोर बच्चों के लिए दक्ष क्लास का संचालन करना है।

और वैसे बच्चे जो दक्ष क्लास में शामिल है उनको एक 3:00 बजे छुट्टी मिलेगा। उसके बाद ही शिक्षक भी अपने घर को जा सकेंगे।इतना ही नहीं 6:30 बजे विद्यालय आने पर शिक्षकों को 6:15 तक सामूहिक रूप से सेल्फी फोटो विभाग को भेजना होता है। अन्यथा उन्हें अनुपस्थित माना जाएगा। और एक दिन अनुपस्थित रहने पर 7 दिन का वेतन काटा जाएगा।विभाग के इस फरमान से शिक्षकों में तो आक्रोश है ही। जनता में भी उबाल है।

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6:30 बजे विद्यालय पहुंचने के लिए बच्चों को भूखे पेट स्कूल आना पड़ता है।सुबह-सुबह उनके माता-पिता उनके लिए नाश्ता तैयार नहीं कर पाते हैं।तो दूसरी ओर शिक्षक शिक्षिकाएं 3:00 बजे सुबह में भी जागती है।नींद पूरा नहीं हो पाता।जैसे-तैसे तैयार होकर भागे-भागे विद्यालय आते हैं।जिससे उनका स्वभाव चिड़चिड़ा हो गया है। बच्चों में भी मानसिक परेशानी की सिकायतें आने लगी हैं। विभिन्न तरह की बीमारियों के शिकार हो जा रहे हैं ।रोज-रोज इस तरह की खबरें समाचार पत्रों तथा विभिन्न टीवी चैनलों पर देखने सुनने को मिल रहे हैं। लेकिन विभाग सुनने के लिए तैयार नहीं है।

विभाग के कान पर जून नहीं रेंगता। आज शुक्रवार को जागरण संवाददाता ने खोदावंदपुर प्रखंड मुख्यालय स्थित विद्यालयों का जब जायजा लिया तो हम देखते हैं कि 12:30 बजे छुट्टी होने के पश्चात प्रखंड कॉलोनी के यह छोटे-छोटे बच्चे चिलचिलाती धूप में अपने घर को हताश और परेशान होकर जा रहे हैं।आज शुक्रवार का दिन था तापमान 39 डिग्री सेल्सियस था और बच्चे इस धूप में वृक्ष की छाया का ओट लेते जैसे तैसे अपने घर को जा रहे थे।जो काफी परेशान दिख रहे थे।
कहते हैं ग्रामीण:- शिक्षा विभाग को हठ धर्मिता त्याग कर छात्र हित में समय में परिवर्तन करना चाहिए। विद्यालय का संचालन प्रातः 7:00 बजे से 10:30 तक किया जाना चाहिए। रामकृष्ण पोद्दार ।अवकाश प्राप्त शिक्षक। स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन का निवास करता है। स्वस्थ शरीर जब रहेगा जब उसे संपूर्ण नींद मिले। समय पर संतुलित आहार मिले और आराम मिले। लेकिन वर्तमान में जो विद्यालय संचालन का विभाग ने कार्यकाल तय कर रखा है।

इसमें ना तो बच्चों का नींद पूरा हो रहा है ना तो उनको समय पर भोजन मिल रहा है। ना तो उनको आराम मिल रहा है। ऐसे में वह बीमार हो रहे हैं ।बीमार बच्चे कभी भी ठीक से पढ़ाई नहीं कर सकते ।इसलिए शिक्षा विभाग को अपने विद्यालय संचालन के समय सारणी में अभिलंब संशोधन करना चाहिए । टिंकू राय ग्रामीण।6:00 बजे से 1:30 तक प्राथमिक और मध्य विद्यालयों के संचालन का समय सारणी बेतुका है।इसे कहीं से भी तार्किक और सही नहीं कहा जा सकता।इससे शिक्षक छात्र अभिभावक सब के सब परेशान है।

विभाग को बिना देर किए विद्यालय के संचालन संबंधी समय सारणी में संशोधन करना चाहिए। किसलय कुमार छात्र नेता। 12:30 प्राथमिक और मध्य विद्यालय में छुट्टी होने से चिलचिलाती धूप में बच्चे और बच्चियों घर को जाते हैं।जिससे उनका लगातार स्वास्थ्य गिर रहा है। मुरझा आ रहा है। बीमार हो रहे हैं।बीमार बच्चे कभी भी ठीक से पढ़ाई नहीं कर सकते ।शिक्षा विभाग को अपना तुगल की फरमान जनहित में अभिलंब वापस लेना चाहिए। डॉक्टर राम सोगार्थ महतो ग्रामीण।

बेगूसराय खोदावंदपुर संवाददाता नितेश कुमार की रिपोर्ट

 

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