मुख्यमंत्री ने समाधान यात्रा के क्रम में भोजपुर जिले की जीविका दीदियों के साथ किया संवाद

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डीएनबी भारत डेस्क 

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज समाधान यात्रा के क्रम में भोजपुर जिले की जीविका दीदियों के साथ संवाद कार्यक्रम में शामिल हुए। नागरी प्रचारिणी, आरा में आयोजित इस कार्यक्रम में सैकड़ों की संख्या में जीविका दीदियों ने हिस्सा लिया। संवाद कार्यक्रम में जीविका समूह के माध्यम से उत्कृष्ट कार्य करने वाली 7 जीविका दीदियों ने अपने-अपने अनुभव साझा किये। सभी ने जीविका समूह से जुड़ने के बाद जीवन स्तर में हुए बदलाव को मुख्यमंत्री के समक्ष रखा। मुख्यमंत्री से संवाद के दौरान जीविका दीदी मंजू कुमारी ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि मेरे घर की स्थिति बहुत खराब थी। दो वक्त की रोटी भी नहीं मिल पा रही थी लेकिन जीविका से जुड़ने के बाद मेरी जिंदगी में बदलाव आया। शुरू में समूह से 1000 रुपये कर्ज लेकर हथौड़ी, आरी, बसूली खरीदकर खुरपा हंसुआ बनाकर बेचने लगी, उसके बाद फिर समूह से 5000 रुपये ली, इससे साइकिल की पंक्चर बनानेवाली दुकान खोली। 15 हजार रुपये लेकर आटा चक्की का भी काम शुरू की और मिल चलाने लगी, उसके बाद 50 हजार रुपये समूह से कर्ज लेकर बेल्डिंग मशीन और ग्रिल मशीन बनाने का काम करने लगी। हमारी अच्छी आमदनी हो रही है। बच्चे-बच्चियां पढ़ रही हैं। हमारी बच्ची ने इंटर पास की और उसे मुख्यमंत्री बालिका प्रोत्साहन योजना के तहत 25 हजार रुपये भी मिला है। मुख्यमंत्री जी को बहुत – बहुत धन्यवाद देते हैं।

जीविका दीदी मनसा कुमारी ने कहा कि आज बहुत खुशी हो रही है कि नीतीश भईया से हम बात कर रहे हैं। आप हम सभी बहनों की सुरक्षा में खड़े हैं। हमारी जो खुशी है वो आपने दी है। मेरे पति का देहांत वर्ष 2009 में हो गया था। वर्ष 2016 में जब जीविका समूह से जुड़ी तो उसके बाद समूह से 5 हजार रुपये का कर्ज लेकर बटाई खेती करने लगी। फिर 30 हजार रुपये कर्ज लेकर गाय खरीदी और डेयरी में दूध पहुंचाने लगी। खेती और गाय पालन से फायदा हुआ तो एक गाय से तीन गाय हमने कर ली। हमलोग जीविका दीदियां मिलकर शराब पीनेवाले लोगों को समझाते हैं और उन्हें शराब नहीं पीने के लिए समझाते हैं, वे मान भी जाते हैं। हम उन्हें कहते हैं कि दारू में जो पैसा खर्च कर रहे हैं उसकी जगह पर दूध पीजिए। बाल विवाह नहीं करने के लिए घर-घर जाकर हमलोग लोगों को समझाते हैं, उन्हें बताते हैं कि बाल विवाह अपराध । 18 वर्ष से कम उम्र में शादी न करें। हम सब गरीब खुशहाल हैं। हमलोगों का आपने जीवन बना दिया। आपको जितना धन्यवाद देंगे वो कम है।

जीविका दीदी गुड़िया देवी ने कहा कि हमारी स्थिति पहले बहुत खराब थी, खाने को भी नहीं था। जीविका से जुड़ने के बाद हमने लोन लिया और किराने की दूकान खोली। दूकान अच्छी चलने लगी तो बाद में और लोन लेकर भैंस पालन और बकरी पालन करने लगी अब हमलोग खुशहाल हैं और नीतीश भईया को बहुत धन्यवाद देते हैं। जीविका दीदी साधना देवी ने बताया कि हमारे परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत खराब थी। हमलोग कैसे जीवन यापन करें, समझ में नहीं आ रहा था। वर्ष 2019 में जीविका से जुड़ने के बाद हमारे जीवन में बदलाव आया। समूह से लोन लेकर सिलाई मशीन खरीदी। उससे आमदनी होने लगी तो परिवार अच्छे से चलने लगा। फिर डेढ़ लाख रुपये का ऋण लेकर ग्राहक सेवा केंद्र खोली। जो हमको पहले देखना नहीं पसंद करते थे वो आज हमारे दरवाजे पर आकर इज्जत से बात करते हैं और पैसा निकालते हैं। जीविका से जुड़ने के बाद हमारी आर्थिक स्थिति तो मजबूत हुई ही है, सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ी है और मानसिक मजबूती मिली है। हमारे जीवन में इतने बड़े बदलाव के लिए जीविका का बड़ा योगदान है। नीतीश भईया मजबूती से हम सभी जीविका दीदियों के पीछे खड़े हैं। इससे हमलोगों को बहुत बल मिलता है।

जीविका दीदी सबीला खातून ने बताया कि मेरे पति की आंख का नस सूख गया था। मेरे तीन बच्चे हैं। कोई देखभाल करनेवाला नहीं था। जीविका से जुड़ी तो सहारा मिला। समूह से 30 हजार रुपये का कर्ज लेकर दूकान खोली और सात माह तक एक-एक हजार रुपये की दर से प्रतिमाह जीवन यापन के लिए भी खर्च मिला। जो बचत हुई उससे हमने बकरी खरीदी और अंडा की दुकान खोली। हमारे तीनों बच्चे ठीक से पढ़ रहे हैं। बेटी इंटर पास की है, उसे मुख्यमंत्री इंटरमीडियट प्रोत्साहन योजना के तहत 25 हजार रुपये भी मिला। हमारी जिंदगी पानी डूब रही थी, आपकी बदौलत आज अच्छे से जीवन जी रहे हैं। हमारा रोजगार कार्ड भी बन गया और जीवन बीमा भी हो गया। हम इतना अच्छा जीवन जी रहे हैं इसके लिए आपका लाख लाख शुक्रिया। हम आज कितने खुश हैं यह शब्दों में बयां नहीं कर सकते हैं।

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जीविका दीदी पूनम देवी ने बताया कि जीविका से हम वर्ष 2015 में जुड़े समूह से 5000 रुपये लेकर बकरी पालन शुरू किया। आमदनी अच्छी होने पर 6 बकरी और खरीद ली। मानसिक आरोग्यशाला कोईलवर के सिलाई सेंटर में काम करने लगी। वहां कपड़ा सिलाई करने लगी तो उससे अच्छी आमदनी हो रही है। हमारे बच्चे अच्छे से पढ़ रहे हैं। हमारी बच्ची मैट्रिक पास की तो उसे भी 10 हजार रुपये का लाभ मिला। हम मुख्यमंत्री नीतीश भईया को बहुत धन्यवाद देते हैं। जीविका दीदी संगीता देवी ने बताया कि हमारी स्थिति पहले बहुत खराब थी। पति पागल हो गए थे। हमारे सास-ससुर बूढ़े थे। दूसरे के घरों में चौका-चूल्हा कर जीवन गुजार रही थी। जीविका समूह से जुड़ने के बाद कर्ज लेकर सिलाई मशीन खरीदी। उसके बाद 30 हजार रुपये लेकर दुकान खोली। जीवन यापन के लिए सात माह तक प्रतिमाह एक हजार रुपये मिला। इसके बाद श्रृंगार का सामान भी दूकान में रखने लगी। हमारी अच्छी आमदनी हो रही है। बहुत अच्छे से जीवन जी रहे हैं। परिवार खुशहाल है। नीतीश भईया को बहुत धन्यवाद देते हैं।

संवाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि समाधान यात्रा के दौरान विभिन्न जिलों का दौरा कर रहे हैं। इसी सिलसिले में जीविका दीदियों के साथ मिलने और उनकी बात सुनने का मौका मिला है। मुझे इसके लिए बहुत खुशी हो रही है। हमारा उद्देश्य है कि सभी जगह घूमकर देखें, जो योजनाएं चलाई जा रही हैं उसका लाभ लोगों को कितना मिल रहा है और क्या किए जाने की जरूरत है। आप से जो संवाद हो रहा है उससे कई बातों की जानकारी और मुझे मिल रही है। आपलोगों ने जो कई अच्छे कार्य किए हैं उससे आपके परिवार और समाज में जो बदलाव हो रहा है उसकी भी जानकारी मिली है। हमने वर्ष 2006 में जीविका समूह का गठन किया। स्वयं सहायता समूह का नामकरण ‘जीविका’ किया और हमने ही जीविका दीदी का भी नामकरण किया। उस समय केंद्र सरकार के मंत्री ने आकर जीविका समूह के कामों को देखा और पूरे देश में इसका नामकरण ‘आजीविका’ किया यानि बिहार की जीविका पूरे देश में आ जाए। उन्होंने कहा कि जीविका समूह से एक करोड़ 30 लाख से अधिक महिलायें जुड़ गई हैं। 10 लाख से अधिक स्वयं सहायता समूह का गठन हुआ है। जीविका दीदियां दूसरे राज्यों में भी जाकर ट्रेनिंग देती हैं। अभी संवाद के दौरान जीविका दीदियों ने बताया कि उन्हें इससे कितना फायदा हो रहा है। पहले महिलाएं बोल नहीं पाती थीं और अब कितने अच्छे ढंग से आगे बढ़कर अपनी बातें रख रही हैं और परिवार को भी आगे बढ़ा रही हैं। पहले महिलाएं सिर्फ घर में काम करती थीं, कुछ खेती में मजदूरी का काम करती थीं। अब पुरुष के साथ महिलाएं भी कमा रही हैं जिससे परिवार की अच्छी आमदनी हो रही है। महिलाएं आगे बढ़ेंगी तो समाज आगे बढ़ेगा। हमलोगों ने गरीब परिवार को आगे बढ़ाने के लिए कई काम किए हैं। जीविका दीदी, दीदी की रसोई के माध्यम से अच्छा खाना बनाकर लोगों को खिला रही हैं। आप जीविका दीदियां बेहतर काम कर रही हैं। आपका काम महत्वपूर्ण है। आपके काम से आपके परिवार का हित तो हो ही रहा है। साथ ही पूरा समाज आगे बढ़ रहा है। हम आपके हित में हमेशा काम करते रहे हैं। पहले महिलाएं बोल नहीं पाती थीं और अब आपलोग कितने अच्छे से अपनी बात रख रही हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोगों ने महिलाओं के लिए काफी काम किया है। पंचायती राज संस्थानों एवं नगर निकायों में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत सीट आरक्षित की गई है। पुलिस बल में बड़ी संख्या में महिलाओं की भर्ती हो रही है। बिहार में जितनी महिलाएं पुलिस में हैं उतने दूसरे राज्यों में भी नहीं हैं। बच्चियों को पढ़ाने के लिए पोशाक योजना, साइकिल योजना शुरू की गई। बिहार में इंजीनियरिंग कॉलेज और मेडिकल कॉलेज में नामांकन हेतु एक तिहाई सीट आरक्षित की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2015 के जुलाई महीने में जीविका समूह की एक बैठक में महिलाओं की मांग पर ही शराबबंदी लागू की गई। आप सभी गड़बड़ करने वाले लोगों को समझायें। शराब बुरी चीज है इसका सेवन न करें। कुछ लोगों की जहरीली शराब पीने से मौत हुई है। शराब पीनेवाले ये समझ लें कि शराब पीयेंगे तो मरेंगे। लड़के वाले को दहेज लेने का कोई औचित्य नहीं है, इसके लिये कानून बना हुआ है। समाज में लड़कियों और महिलाओं का काफी महत्व है। आप सभी दहेज प्रथा के खिलाफ निरंतर अभियान चलाते रहिये। दहेज का लेन-देन करने वालों की शादी में शामिल न हों। उन्होंने कहा कि 18 वर्ष की उम्र में लड़की की, जबकि 21 वर्ष की उम्र में लड़के की शादी होनी चाहिये। आप सभी अपने काम के साथ-साथ बाल विवाह के विरुद्ध अभियान भी चलाते रहिये। दहेज प्रथा खत्म होनी चाहिये। लड़के वाले को दहेज लेने का कोई औचित्य नहीं है, इसके लिये कानून बना हुआ है। समाज में लड़कियों और महिलाओं का काफी महत्व है। आप सभी दहेज प्रथा के खिलाफ निरंतर अभियान चलाते रहिये दहेज का लेन-देन करने वालों की शादी में शामिल न हों। उन्होंने कहा कि सरकारी विद्यालयों में ठीक ढंग से पढ़ाई हो, शिक्षक उपस्थित रहें, इस पर आप सभी जीविका दीदियां नजर रखें और जो शिक्षक नहीं पढ़ाएं उसकी जानकारी दें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शराब पीना बुरी बात है। इसके संबंध में हमने बुकलेट भी छपवाई है। और घर-घर इसे पहुंचाया गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने शराब पीने से होनेवाली बीमारी के बारे में 2018 में सर्वे की रिपोर्ट प्रकाशित की। इसमें बताया कि पूरे एक वर्ष में 30 लाख लोगों की मृत्यु हुई जिसमें 5.3 प्रतिशत मौत शराब पीने से हुई। 20 से 39 आयुवर्ग के लोगों में 13.5 प्रतिशत लोगों की मृत्यु शराब पीने के कारण होती है। जितने आत्महत्या के मामले आते हैं उसमें 18 प्रतिशत आत्महत्या शराब पीने के कारण होती है। शराब पीकर गाड़ी चलाने से 27 प्रतिशत सड़क दुर्घटना होती है। शराब पीने से 200 प्रकार की गंभीर बीमारी भी होती है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने देश को आजादी दिलाई थी और उस दौरान बापू ने कहा था कि शराब न सिर्फ आदमियों का पैसा छीन लेती है बल्कि बुद्धि भी हर लेती है। शराब पीनेवाला व्यक्ति हैवान हो जाता है। सभी जीविका दीदियां लोगों को समझाएं और जहां भी जाएं सभी लोगों को बुकलेट दें। उन्होंने कहा कि वर्ष 2018 में सर्वे कराया तो पता चला कि एक करोड़ 64 लाख लोगों ने शराब पीने छोड़ दिया है। फिर सर्वे कराने के लिए कहा है जिसमें और बातें सामने आएंगी। जहरीली शराब पीने से मौत हुई है। शराब पीओगे तो मरोगे। सभी लोग इससे सतर्क हो जाएं। उन्होंने कहा कि हमलोग आपलोगों को बढ़ाना चाहते हैं आपलोग अच्छे ढंग से काम कीजिए। आपलोगों को आगे बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं। जीविका समूह में सभी जाति, सभी धर्म के लोग मिलकर काम कर रहे हैं और सभी आगे बढ़ रहे हैं। आपका काम और बढ़े, आपकी आमदनी बढ़े इसके लिए हम काम करते रहेंगे। समाज में किसी जाति, किसी धर्म के हों सभी आपस में मिल-जुलकर रहें। एक-दूसरे के प्रति अच्छी भावना रखें। इससे समाज, परिवार और देश आगे बढ़ेगा ।

जीविका दीदियों ने मुख्यमंत्री को प्रतीक चिह्न और पौधा भेंटकर उनका स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने 2,576 स्वयं सहायता समूह को 58 करोड़ रुपये का सांकेतिक चेक सौंपा। जीविका दीदियों से संवाद कार्यक्रम के पूर्व नागरी प्रचारिणी परिसर में जीविका दीदियों द्वारा कृषि गतिविधि, पशुधन गतिविधि, गैर कृषि गतिविधि से निर्मित उत्पादों की प्रदर्शनी का मुख्यमंत्री ने अवलोकन किया और जीविका दीदियों से बातचीत कर उत्पाद के संबंध में जानकारी ली

इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव, वित्त, वाणिज्य कर एवं संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, जल संसाधन सह सूचना एवं जन-सम्पर्क मंत्री संजय कुमार झा, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमां खान सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ एस सिद्धार्थ, शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, पटना प्रमंडल के आयुक्त कुमार रवि, मुख्यमंत्री के विशेष कार्यपदाधिकारी गोपाल सिंह, मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी, जीविका सह मिशन निदेशक जल- जीवन – हरियाली अभियान राहुल कुमार, पुलिस उप महानिरीक्षक शाहाबाद रेंज नवीन चंद्र झा, भोजपुर के जिलाधिकारी राजकुमार, भोजपुर के पुलिस अधीक्षक प्रमोद कुमार सहित अन्य वरीय अधिकारीगण उपस्थित थे।

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