स्थानीय प्रतिभागी और विभिन्न राज्यों के आए कलाकारों ने शास्त्रीय संगीत, कथक, भारत नाट्यम, ओडिसी, भाव नृत्य, लोक गायन के माध्यम से भारतीय कला व संस्कृति को समृद्ध किया।
डीएनबी भारत डेस्क
समस्तीपुर युवा कलाश्रम की ओर से आयोजित चार दिवसीय बाबा थानेश्वर नृत्य महोत्सव के अवसर पर शनिवार को तीसरे दिन नृत्य यात्रा का आयोजन किया गया। इसमें युवा कलाश्रम के बच्चे, स्थानीय प्रतिभागी और विभिन्न राज्यों के आए कलाकारों ने शास्त्रीय संगीत, कथक, भारत नाट्यम, ओडिसी, भाव नृत्य, लोक गायन के माध्यम से भारतीय कला व संस्कृति को समृद्ध किया।
कथक नृत्य की एकल प्रस्तुति में नीतू, रंजीता, निखिल, विकास और रमन ने दर्शकों से खूब वाहवाही बटोरी। वहीं गुजराती, राजस्थानी फोक डांस और बिहार के लोकनृत्य में स्थानीय प्रतिभागियों ने खूब मनोरंजन किया। हर प्रस्तुति पर दर्शकों ने तालियां बजाकर कलाकारों का उत्साहवर्द्धन किया। नृत्य, संगीत, गायन, वादन का सिलसिला देर शाम तक दर्शकों को आनंदित करता रहा।कार्यक्रम के संयोजक लक्ष्मण कुमार ने कहा कि शास्त्रीय संगीत व लोकगीत हमारी संस्कृति व परंपरा की पहचान है।
आज आधुनिक संगीत से शास्त्रीय संगीत और लोकगीत को आम जनमानस से दूर कर दिया है। ऐसे में युवाओं को अपनी परंपराओं को संजोने की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि मिथिला में हमारी संस्कृति की देशभर में अलग पहचान है। युवा कलाश्रम उसे प्रोत्साहित कर रही है। कार्यक्रम का उद्देश्य जिले में विलुप्त कला और संस्कृति को नया आयाम देना और मिथिला की संस्कृति, परंपरा और पर्यटन को मजबूत बनाना है।
आज शाम साढे चार बजे से शहर के पटेल मैदान में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। इसमें अंतरराष्ट्रीय स्तर के कलाकार सितार वादक संदीप विश्नोई, तबला वादक सुवीर ठाकुर, लोकगायक प्रदीप बनर्जी, लोकगायिका कल्पना पटवारी, कथक नृत्य के कलाकार सौरभ राय, रुपेश गुप्ता, राघवेन्द्र सिंह समेत रंगमंच के कई अन्य कलाकार शिरकत करेंगे। मौके पर शिव शंकर महतो, शंकर प्रसाद साह, महेश प्रसाद सिंह, चंदन कुमार आदि मौजूद रहे।
समस्तीपुर संवाददाता अफरोज आलम की रिपोर्ट