बछवाड़ा प्रखंड चमथा कल्पवास मेला के आठ दिन बाद भी सरकारी सुविधा वंचित,शौचालय,सुरक्षा,पेय जल समेत सरकारी व्यवस्था नगण्य

 

डीएनबी भारत डेस्क

बेगूसराय जिले के बछवाड़ा प्रखंड क्षेत्र के ऐतिहासिक चमथा कल्पवास मेला में पदाधिकारियों के उदासीनता का भेंट चढ़ रही हैं. कल्पवास मेला में सुविधाओं का अभाव के कारण दुर दराज से कल्पवास मेला में आए हुए श्रद्धालुओं को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.

चमथा कल्पवास मेला में सरकार के स्वच्छ भारत अभियान का पोल खोल रहा है, ना तो शौचालय और ना ही पेय जल की सुविधा है, कल्पवास मेला को लेकर विशनपुर पंचायत के पुर्व मुखिया श्रीराम राय व वर्तमान सरपंच चिंता देवी के द्वारा वरीय पदाधिकारी को आवेदन देकर मेला में समुचित व्यवस्था करने की मांग की गई बावजूद कल्पवास मेला शुरू होने के आठ दिन बाद भी मेला स्थल पर कोई सुविधा उपलब्ध नहीं कराया गया है.

मेला स्थल पर शौचालय,पेय जल,सुरक्षा बल व कर्मचारी समेत अन्य व्यवस्था के लिए एक सप्ताह का समय मांगा जा रहा है, उन्होंने बताया कि कहीं ऐसा ना हो कि स्थानीय प्रशासन के द्वारा श्रद्धालुओं के लिए समुचित व्यवस्था करते करते कल्पवास मेला ही ना समाप्त हो जाय.

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बताते चलें कि दो दर्जन के करीब विभिन्न राज्य से महात्मा पहुंचकर अपना खालसा का निर्माण कर पुजा पाठ में लीन हो चुके हैं. विभिन्न खालसा में सुबह शाम प्रवचन होने से पुरा कल्पवास मेला समेत दियारा क्षेत्र भक्तिमय बना हुआ है. चमथा कल्पवास मेला मूल भूत व्यवस्था से उपेक्षित, मेला के आरंभ हुए आठ दिन बीत जाने के बाद भी कल्पवास स्थल पर मुल भुत सुविधाओं से श्रद्धालु वंचित हैं.

मिथिलांचल इलाके के प्रसिद्ध चमथा गंगा तट पर एक माह तक चलने वाली कल्पवास मेला के आठ दिन बीत जाने के बावजूद ना तो मेला स्थल पर सुरक्षा व्यवस्था है और ना ही शौचालय व शुद्ध पेय जल की व्यवस्था है. जबकि कल्पवास मेले में देश के विभिन्न राज्यों समेत नेपाल की तराई क्षेत्र के सैकड़ों की संख्या में कल्पवासी अपनी पर्ण कुटिर बना कर रहना आंरम्भ कर दिए हैं.

साथ ही करीब डेढ़ दर्जन महात्माओं के द्वारा सुविधा के अभाव में भी खालसा बनाकर सुबह शाम प्रवचन व भंडारा किया जा रहा है.मेले में अयोध्या से पधारे आचार्य संत सत्य नारायण दास जी महराज ने बताया की साधु, संत, महात्माओं एवं कल्वासियों के लिए स्थानीय पदाधिकारियों के द्वारा ना तो शौचालय का निर्माण कराया गया है और ना ही पेय जल की व्यवस्था की गई है, कल्पवास में पधारे श्रद्धालु, चाहे वह महिला हो या पुरूष सभी श्रद्धालुओं को खुले में शौच करने को विवश होना पड़ रहा है.

उन्होने कहा कि चमथा कल्पवास मेले के लिए हर साल सरकार राशियों का फंडिंग करती आ रही है. जिससे कल्पवास में आए हुए श्रद्धालु को समुचित सुविधा उपलब्ध कराई जाती है. प्रत्येक वर्ष कल्पवास मेला में जिलाधिकारी व स्थानीय पदाधिकारीयों के द्वारा अस्थाई शौचालय ,पेयजल समेत सुरक्षा व्यवस्था हेतु भरपूर महिला एवं पुरूष पुलिस बल तैनात किए जाते रहे हैं.

मगर इस वर्ष कल्पवास मेले के आठ दिन गुजरने को है,लेकिन सरकारी सुविधा नदारथ है. जिस कारण श्रद्वालुओं में मायूसी देखी जा रही है. अंचलाधिकारी दीपक कुमार ने कल्पवास मेला को लेकर बताया कि वरीय पदाधिकारी से बात हुआ है एक सप्ताह में कल्पवासियों के लिए समुचित सुविधा उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाएगा.

डीएनबी भारत डेस्क बछ्वाड़ा

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