बेगूसराय के चमथा गंगा घाट कल्पवास का अपना एक खास महत्व है श्रद्धालुओं के लिए बना है आस्था का केंद्र
भगवान भोलेनाथ उगना के रूप में कविवर विद्यापति के यहां उनके चाकर बनकर रहते थे
डीएनबी भारत डेस्क
यूं तो कार्तिक मास सनातन धर्म के हिसाब से सबसे पवित्र मास माना जाता है और कार्तिक मास में देश के विभिन्न हिस्सों में गंगा किनारे लोग एक माह तक कल्पवास में रहते हैं। लेकिन बेगूसराय जिले के सुदूर इलाके में अवस्थित चमथा गंगा घाट का अपना ही एक खास महत्व है। और श्रद्धालुओं के लिए यह आस्था का केंद्र भी बना रहता है। हजारों की संख्या में श्रद्धालु एवं साधु संत यहां पर गंगा किनारे कुटिया बनाकर रहते हैं एवं एक माह तक वातावरण भक्ति मय बना रहता है ।
साधु संतों के अनुसार चमथा चार जिलों की संगम स्थल है तो वहीं चमथा का इतिहास राजा जनक एवं उगना महादेव तथा कविवर विद्यापति से जुड़ा हुआ है।दरअसल बेगूसराय जिला का चमथा गंगा घाट जहां प्रत्येक वर्ष की भांति इस बार भी हजारों की संख्या में श्रद्धालु एवं साधु संत पहुंचे हैं और पूरे एक माह तक गंगा की पूजा अर्चना के साथ-साथ विभिन्न तरीकों से श्रद्धालु भक्ति भाव में लीन रहते हैं । इस दौरान कुटिया बनाकर श्रद्धालु भगवान की पूजा अर्चना करते हैं पूरे एक माह तक यहां की छटा बिल्कुल ही निराली बनी रहती है ।
चमथा घाट पर आए श्रद्धालु ननकी बाबा कहते हैं कि पिछले 45 वर्षों से हुआ इस घाट पर कार्तिक मास में कल्पवास में आते हैं इनसे पहले उनको उनके गुरु भी यहीं पर कल्पवास करते थे ।उन्होंने बताया कि जब भगवान भोलेनाथ उगना के रूप में कविवर विद्यापति के यहां उनके चाकर बनकर रहते थे और कविवर विद्यापति ने एक बार उगना के समक्ष गंगा स्नान की इच्छा जाहिर की थी और चलकर यहां आए थे और गंगा से महज 2 किलोमीटर की दूरी पर थे तब उन्होंने उगाना से कहा था कि अब वह थक गए हैं।
जब गंगा स्नान के लिए वह इतनी दूर चलकर आए हैं तो क्या गंगा थोड़ी दूर नहीं आ सकती। कहा जाता है उसी वक्त गंगा की मुख्य धारा से एक धारा चमथा की ओर प्रवाहित हुई और कविवर विद्यापति ने वहां स्नान किया था।गंगा की वह धारा आज भी वहां पर अवस्थित है। वही मान्यताओं के अनुसार विदेह राज राजा जनक भी यहां गंगा स्नान किया करते थे । हालांकि लोगों की आस्था का केंद्र होने के बावजूद भी उपयुक्त सुख सुविधाओं का यहां घोर अभाव है।
साधु संतों की माने तो प्रशासन के द्वारा इस गंगा घाट के महत्व की अनदेखी की जा रही है जिससे यह पूरी तरह प्रचलित नहीं हो सकी है।वही तेघरा के एसडीएम राकेश कुमार एवं डीएसपी डॉक्टर रविंद्र मोहन ने श्रद्धालुओं को आस्वस्त किया है कि यहां सुरक्षा एवं सुख सुविधाओं का पूरा ख्याल रखा जाएगा । दीपावली के बाद यहां भारी भीड़ जुटने की संभावना है। इसके मद्देनजर प्रशासन के द्वारा भी पूरी तैयारी की जा रही है ।
डीएनबी भारत डेस्क