भव्य कलश शोभा यात्रा के साथ प्रारंभ हुआ मां विषहरी मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा सत चंडी महायज्ञ

 

लगभग 100 वर्षों से अधिक समय से यहां पर पूजा हो रही है।

डीएनबी भारत डेस्क

तेघड़ा नगर परिषद के बजलपुरा गांव में शताब्दियों से स्थापित मां विषहरी की मंदिर आस्था का अदभुत केंद्र है। वर्षों से मान्यता है कि,इस क्षेत्र के जो लोग सर्प दंश या विषधर जीव दंश का शिकार हो जाते हैं या अन्य छोटे-मोटे जादू टोना का शिकार होते हैं,तो वह यहां आते हैं, प्रसाद यहां से पाते हैं और वह ठीक हो जाते हैं ,ऐसी मान्यता है ।

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अति प्राचीन एक मूर्ति जो पिंडी के रूप में स्थापित थी और लगभग 100 वर्षों से अधिक समय से उसकी यहां पर पूजा हो रही है।पिछले 5 वर्षों से यहां के स्थानीय लोगों ने भव्य मंदिर का निर्माण किया। तदोपरांत उस मंदिर में विधिवत रूप से मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा को लेकर भव्य कार्यक्रम आयोजित की गई। जिसमें मां विषहरी के प्रतिमा प्राण प्रतिष्ठा और सत चंडी महायज्ञ का आयोजन किया गया।

इस कार्यक्रम के अनुरूप आयोजन समिति के द्वारा बुधवार के अहले सुबह बजलपुरा गंगा घाट से भव्य कलश शोभा यात्रा निकाला गया।जिसमें हजारों की संख्या में कुमारी कन्या,श्रद्धालु और स्थानीय समाजसेवी गन्यमान लोग शामिल हुए। जानकारी देते हुए आयोजन समिति के संयोजक सत्येंद्र प्रसाद सुधांशु जिन्होंने बताया कि पौराणिक मान्यता और व्यवस्थाओं को जीवंत बनाते हुए सौ वर्ष प्राचीन मंदिर जो काफी पुराना हो गया था।

जिसे नया बनाया गया है और उसमें मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा को लेकर यज्ञ का आयोजन किया गया है। यह पांच दिवसीय आयोजन है जो आज से प्रारंभ हुआ है। काशी के विद्वान पंडितों के द्वारा यज्ञ संपन्न कराया जाएगा। संगीतमय सांस्कृतिक कार्यक्रम है इसमें प्रसिद्ध गजल गायक धीरज कांत एवं उनके अन्य मंडली के लोग रहेंगे तथा सु मधुर सत्संग का भी आयोजन किया गया है।

बेगूसराय तेघरा संवाददाता शशिभूषण भारदुवाज

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