भारत दुनियां के लिए शिक्षा और ज्ञान का केंद्र बनेगा, भारत की पहचान दुनिया के ज्ञान के केंद्र के रूप में उभरे यही हमारा उद्देश्य है:- नरेन्द्र मोदी

 

नालंदा विश्वविद्यालय का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्घाटन किया, कहा- नालंदा सिर्फ बिहार ही नहीं पूरे भारत वर्ष के लिए गौरव की बात है।

डीएनबी भारत डेस्क

नालंदा विश्वविद्यालय का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्घाटन किया। उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि नालंदा सिर्फ बिहार ही नहीं पूरे भारत वर्ष के लिए गौरव की बात है। एक विश्वविद्यालय के उद्घाटन में इतने देशों का उपस्थित होना एक गौरव की बात है। अपने विरासत को वापस लाने के लिए भारत जिस गति से आगे बढ़ रहा है नालंदा विश्वविद्यालय का यह कैंपस उसी का एक हिस्सा है।

नालंदा विश्वविद्यालय एक समय में ज्ञान और शिक्षा के दान का अविरल प्रवाह की भूमि रही है। शिक्षा सीमाओं से परे है। शिक्षा ही हमें गढ़ती है, विचार देती है। प्राचीन नालंदा में बच्चों का नामांकन उनकी पहचान, उनकी राष्ट्रीयता को देख नहीं होता था। हर देश हर वर्ग के युवा यहां आते थे। इस विश्वविद्यालय के कैंपस में हमें फिर से उसी व्यवस्था को आधुनिक रूप देनी है। हमें ख़ुशी है कि दुनिया के कई देश से विद्यार्थी यहां आने लगे हैं। आज 20 से अधिक देश के छात्र यहां पढ़ रहे हैं।

कल्चरल एक्सचेंज का प्रमुख सेंटर बनेगी

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आने वाले समय में यह विश्वविद्यालय एक बार हमारे कल्चरल एक्सचेंज का प्रमुख सेंटर बनेगी। इतने कम समय में कई ग्लोबल लीडिंग इंस्टीटूशन्स यहाँ आए। हमारे साझा प्रयास, हमारी साझी प्रगति को ऊर्जा देंगी। भारत में शिक्षा मानवता के लिए हमारे योगदान के लिए एक माध्यम मानी जाती है। आप देखिये अभी दो दिन बाद ही 21 जून को अंतररास्ट्रीय योग दिवस है। आज देश में सैकड़ों योग मौजूद है। आज पूरा विश्व योग को अपना रहा है, योग दिवस एक वैश्विक उत्सव बन गया है। हमने अपने आयुर्वेद को भी विश्व के साथ साझा किया।

कैंपस मानवता को नया रास्ता दिखायेगा

आयुर्वेद आज स्वस्थ विश्व के लिए माना जा रहा है। हम प्रगति और पर्यावरण को एक साथ लेकर चले हैं। भारत ने विश्व को मिशन लाइफ जैसा मानवीय विज़न दिया है। यह देश का पहला कैंपस है जो नेट जीरो एनर्जी, नेट जीरो एमिशन मॉडल पर काम करेगा। यह कैंपस मानवता को नया रास्ता दिखायेगा। शिक्षा के विकास से अर्थव्यवस्था की जड़ें मजबूत होती है। आज दुनिया के विद्यार्थी उन देशों में जा कर पढ़ना चाहते हैं जहां बेहतर शिक्षा व्यवस्था है। कभी यही स्थिति हमारे नालंदा में हुआ करती थी।

भारत दुनिया के लिए शिक्षा और ज्ञान का केंद्र बनेगा

जब भारत शिक्षा में आगे था तो उसका आर्थिक सामर्थ्य भी आगे था। इस लिए 2047 तक विकसित होने के लक्ष्य पर काम कर रहा भारत शिक्षा व्यवस्था का कायाकल्प कर रहा है। भारत दुनिया के लिए शिक्षा और ज्ञान का केंद्र बनेगा। भारत की पहचान दुनिया के ज्ञान के केंद्र के रूप में उभरे यही हमारा उद्देश्य है। हमारा प्रयास है कि भारत में दुनिया का सबसे कंप्रिहेंसिव सिस्टम और दुनिया का एडवांस्ड हायर एजुकेशन सिस्टम हो।

भारतीय विश्वविद्यालय ग्लोबल रैंकिंग में पहले से बेहतर प्रदर्शन करना शुरू किया है। नालंदा की यह धरती विश्व बंधुत्व की भावना को नया आयाम दे सकती है। अमृतकाल के 25 वर्ष भारत के युवाओं के लिए अहम है, यह नालंदा के लिए भी महत्वपूर्ण है। नालंदा का गौरव हमारे भारत का गौरव आपकी सफलता से तय होगा। आपके ज्ञान से मानवता को दिशा मिलेगा। हमारे युवा आने वाले समय में विश्व को नेतृत्व देंगे।

डीएनबी भारत डेस्क

 

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