मेघौल पंचायत में पेयजल के लिए हाहाकार, पम्प संचालकों ने ठप किया पेयजलापूर्ति कार्य
बेगूसराय जिला के खोदावंदपुर प्रखण्ड क्षेत्र के 35 माह का बकाया पारिश्रमिक राशि के भुगतान की मांग को लेकर पेयजलापूर्ति पंप संचालकों ने किया बन्द।
बेगूसराय जिला के खोदावंदपुर प्रखण्ड क्षेत्र के 35 माह का बकाया पारिश्रमिक राशि के भुगतान की मांग को लेकर पेयजलापूर्ति पंप संचालकों ने किया बन्द।
डीएनबी भारत डेस्क
बेगूसराय जिला के खोदावंदपुर प्रखण्ड क्षेत्र अंतर्गत मेघौल पंचायत के कुल 14 वार्डों के सैकड़ों परिवारों में पेयजल के लिए हाहाकार मच गया है। मुख्यमंत्री नल जल योजना से जुड़े पम्प संचालकों ने पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत अपने पारिश्रमिक की मांग को लेकर मंगलवार की सुबह से ही पेयजलापूर्ति कार्य ठप कर दिया है।
पीने एवं अन्य कार्यों के लिए पानी नहीं मिलने से इस पंचायत के लोगों के समक्ष भीषण संकट खड़ा हो गया है। लोग पानी के लिए त्राहि त्राहि कर रहे हैं।
क्या है मामला
प्राप्त जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री नल जल योजना के पम्प संचालकों ने अपने 35 माह के बकाया पारिश्रमिक राशि के भुगतान की मांग को लेकर पेयजलापूर्ति बन्द कर दिया है। जिससे मेघौल पंचायत के बिदुलिया, मेघौल एवं मलमल्ला गांव के लोग पानी के लिए दर दर भटक रहे हैं।
मुख्यमंत्री नल जल योजना से जुड़े पम्प संचालकों कन्हैया दास , राजाराम महतो, शुभम कुमार, गोविंद प्रसाद सिंह, धीरज कुमार, सानिया कुमारी, सौरभ कुमार, प्रमोद कुमार, राजेश कुमार, जागो पासवान, संतोष कुमार, इन्द्रकांत मिश्र, चंदन कुमार सिंह, विनय कुमार, गुंजन कुमारी, राम शंकर महतो, मानस कुमार एवं राजा कुमार ने बताया कि वे लोग वर्ष 2020 में अपनी जमीन देकर मुख्यमंत्री नल जल योजना में नलकूप एवं पानी टंकी निर्माण में सहयोग किया था।
इसके एवज में उनलोगों को 3 हजार रुपया मासिक पारिश्रमिक राशि पर पम्प संचालन का कार्य सौंपा गया था। तब से वह लोग नियमित रूप से सुबह और शाम के ससमय पम्प चलाकर अपने अपने वार्ड क्षेत्र के सभी परिवारों को पेयजल उपलब्ध करवा रहे हैं। पम्प संचालकों ने बताया कि पेयजलापूर्ति कार्य की मॉनिटरिंग पीएचईडी द्वारा की जा रही है।
इस योजना से जुड़े ठीकेदार के द्वारा पम्प संचालकों को हर महीने पारिश्रमिक राशि भुगतान करने का प्रावधान है। परन्तु ठीकेदार ने अबतक उनलोगों को मात्र 7 महीने की पारश्रमिक राशि का ही भुगतान किया है। उनलोगों को अबतक मात्र 21 हजार रुपया ही मिला है। जबकि पिछले 35 महीने की पारिश्रमिक राशि का भुगतान कार्य ठीकेदार द्वारा लंबित है। पम्प संचालकों ने बताया कि पारिश्रमिक राशि मांगने पर ठीकेदार द्वारा टालमटोल किया जा रहा है।
बकाया परिश्रमिक राशि नहीं मिलने से उनके तथा उनके परिजनों के सामने भुखमरी की स्थिति उतपन्न हो गई है। पम्प संचालकों ने बताया कि बकाया पारिश्रमिक राशि के भुगतान की मांग को लेकर उनलोगों ने पिछले दिसम्बर महीने में भी पेयजलापूर्ति का कार्य ठप कर विरोध जताया था। पेयजलापूर्ति ठप हो जाने पर विभाग के ठीकेदार ने उनलोगों को जल्द ही बकाया राशि के भुगतान का भरोसा दिया था। पीएचईडी के पदाधिकारी भी जल्द से जल्द इस समस्या के निराकरण का आश्वासन दिया था।
विभाग के अधिकारी के आश्वासन पर उनलोगों ने फिर से पेयजलापूर्ति का कार्य शुरू किया था। पम्प संचालकों का कहना है कि विभाग के अधिकारियों एवं ठीकेदार के द्वारा राशि के भुगतान का दिया गया आश्वासन महज खोखला साबित हुआ। बकाया पारिश्रमिक राशि का भुगतान नहीं हुआ। जिसके चलते विवश होकर उनलोगों ने मंगलवार से पेयजलापूर्ति का कार्य ठप कर दिया है। पम्प संचालकों ने बताया कि बकाया राशि के भुगतान होने तक वे लोग अपने अपने वार्ड में पम्प संचालन का कार्य ठप रखेंगे।
बेगूसराय खोदावंदपुर संवाददाता नीतेश कुमार गौतम