आधुनिकता के दौड़ में हमने प्रकृति प्रदत्त समनो का उपयोग छोड़ दिया,जिससे 90 फीसदी लोग बीमार – स्वामी धर्मदास उदासीन

बेगूसराय जिला के खोदावंदपुर प्रखण्ड में बरियारपुर पश्चिमी नागाधाम में स्वास्थ्य साधना शिविर का किया गया आयोजन, वक्ताओं ने कहा मोटे अनाज का सेवन और प्राकृतिक चिकित्सा सर्वोत्तम उपाय।

बेगूसराय जिला के खोदावंदपुर प्रखण्ड में बरियारपुर पश्चिमी नागाधाम में स्वास्थ्य साधना शिविर का किया गया आयोजन, वक्ताओं ने कहा मोटे अनाज का सेवन और प्राकृतिक चिकित्सा सर्वोत्तम उपाय।

डीएनबी भारत डेस्क 

आधुनिकता के दौड़ में प्रकृति प्रदत्त अनमोल उपहारों से हमलोग दूर होते जा रहे हैं। अत्यधिक भागम भाग, शहरीकरण, सीमेंट कंक्रीट से बनी गगनचुम्बी इमारतें और पेड़ो की अंधाधुंध कटाई लोगों को प्रकृति प्रदत्त उपहारों से वंचित करने में अहम भूमिका अदा कर रही है। इसका जिम्मेदार कोई और नहीं हम तमाम लोग हैं। जिसका परिणाम है कि वर्तमान में 90 फीसदी लोग किसी न किसी रोग से ग्रसित हैं गंभीर रूप से बीमार है।

 

इसका इलाज सिर्फ और सिर्फ प्रकृति प्रदत्त सामग्रियों को संरक्षित कर उसका उपयोग करने से होगा। उक्त बातें बरियारपुर पश्चिमी पंचायत के नागाधाम में बुधवार की देर शाम स्वास्थ्य आंदोलन मिशन के तहत चार दिवसीय स्वास्थ्य साधना शिविर को संबोधित करते हुए नागाधाम के महंत स्वामी धर्मदास उदासीन ने कहा।

उन्होंने कहा कि इसके लिए हमलोगों को प्रकृति की ओर लौटना होगा, साधना करना होगा। अनाज का सेवन करना होगा। यह तभी सम्भव है जब हमलोग मोटे अनाज का उत्पादन करेंगे, पेड़ संरक्षित कर व्यापक पैमाने पर उसे लगाएंगे। उन्होंने बताया कि भोजन से ज्यादा खर्च इलाज पर होता है। इसलिए खानपान में आधुनिकता को छोड़कर पुराने पद्धति को अपनाएं।

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फिलवक्त देश में लोगो की औसतन आयु 70 वर्ष हो गया है। जबकि लोगों की स्वाभाविक आयु 100 वर्ष है। इस शिविर का मूल उद्देश्य बढ़ते रोगों के बारे में जानकारी प्राप्त कर उसका सामाधान करना है। उन्होंने कहा कि इस शिविर में हर तरह के साध्य और असाध्य रोगी, प्राकृतिक, योग चिकित्सा आदि सीखने के इच्छुक तथा ध्यान की विधियां सीखने के जिज्ञासु स्त्री पुरुष भाग ले सकते हैं।

इस शिविर में मधुमेह, उच्चरक्तचाप, थायराइड, पेट रोग, सांस रोग, चर्म रोग, गुप्त रोग, विभिन्न दर्द रोग, सूजन, कैंसर, गिल्टी, पथरी, हृदयरोग, रक्तरोग, एलर्जी जैसे असाध्य स्तर के रोगों के प्राकृतिक, यौगिक, वैकल्पिक एवं वनौषधीय उपचार के तरीके सिखाया जाएगा। जिज्ञासु लोग इसे सीखकर अभ्यास करते रहेंगे तो निश्चित रूप से रोग से मुक्ति मिलेगी।

उन्होने बताया कि साधना शिविर में मुख्य चिकित्सक डॉ सुरेंद्र राय भाग ले रहे हैं, जो बिहार के प्रख्यात प्लास्टिक सर्जन हैं। डॉ सुरेंद्र राय एलोपैथ चिकित्सक होने साथ-साथ योग, नेचुरोपैथी, वैकल्पिक चिकित्सा, वनौषधि, आध्यात्मिक चिकित्सा आदि के भी अच्छे जानकार हैं। इस शिविर के आयोजन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के आरोग्य भारती संस्था का भी सराहनीय योगदान है।

कार्यक्रम का उद्घाटन नागाधाम के महंत स्वामी धर्मदास उदासीन, योगाचार्य चंदनदेव महाराज, सरपंच नवीन प्रसाद यादव, शिक्षाविद रामकृष्ण, डॉ रामस्वार्थ देव, सेवानिवृत्त शिक्षक नरेन्द्र प्रसाद सैनी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता सुधीर प्रसाद व मंच संचालन रोहित कुमार के द्वारा किया गया। मंच संचलन करते हुए रोहित कुमार ने बताया कि साधना शिविर का आयोजन 20 से 24 सितंबर तक किया गया है। जिस दौरान विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया जायेगा।

उन्होंने बताया कि जल संरक्षण, हरा भरा गांव कैसे हो, पंचगव्य से औषधि निर्माण कैसे हो, जैविक खाद का निर्माण कैसे हो, जैसे महत्वपूर्ण स्वास्थ्य से संबंधित विषयों पर प्रतिदिन संध्या चार बजे से साढ़े पांच बजे तक सेमिनार आयोजित किया जाएगा। वहीं नागाधाम के व्यवस्थापक भवानी दास ने बताया कि शिविर में लोगों के रहने की भी व्यवस्था की गयी है, ताकि दूर दराज से रोगी रोग ठीक होने की आश लगायें यहां पहुंच रहे हैं। रोगियों के ठहरने, चिकित्सा एवं प्रशिक्षण आदि बिल्कुल निःशुल्क दिया जा रहा है। मौके पर बरियारपुर पश्चिमी, फफौत एवं बरियारपुर पूर्वी पंचायतों के सैकड़ों ग्रामीण मौजूद थे।

बेगूसराय खोदावंदपुर संवाददाता नीतेश कुमार गौतम 

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