अयोध्या प्रसाद सिंह स्मारक महाविद्यालय, बरौनी में ललित नारायण मिश्र की 101वीं जयंती धूमधाम से मनाई गई।

महाविद्यालय राष्ट्रीय सेवा योजना के तत्वावधान में आज यह कार्यक्रम आयोजित किया गया

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अयोध्या प्रसाद सिंह स्मारक महाविद्यालय, बरौनी में ललित नारायण मिश्र की 101वीं जयंती धूमधाम से मनाई गई

डीएनबी भारत डेस्क

आज अयोध्या प्रसाद सिंह स्मारक महाविद्यालय, बरौनी में ललित नारायण मिश्र की 101वीं जयंती धूमधाम से मनाई गई।
महाविद्यालय राष्ट्रीय सेवा योजना के तत्वावधान में आज यह कार्यक्रम आयोजित किया गया। सर्वप्रथम माल्यार्पण, पुष्पार्पण व दीप प्रज्जवलित कर महाविद्यालय प्रधानाचार्य डॉ. मुकेश कुमार ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

तत्पष्चात महाविद्यालय के शिक्षक व शिक्षणेत्तर कर्मियों ने भी पुष्प अर्पित किए। ध्यातव्य हो कि ललित नारायण मिश्र का जन्म बिहार के सहरसा जिले में 2 फरबरी 1923 को हुआ था। वे भारत के रेलमंत्री भी रहे। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय का नामकरण उन्हीं के नाम पर किया गया था।

 

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महाविद्यालय के प्रधानाचार्य ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में ललित नारायण मिश्र के व्यक्तित्व एवं कृतित्व को उजागर करते हुए बताया कि स्वातंत्र्योत्तर भारत मे रेलवे के विकास की व्यापक आधारशिला रखी थी। मिथिलांचल की भूमि स्वर्गीय ललित नारायण मिश्र जैसे अपने सपूत के कारण ही संपूर्ण भारतवर्ष में अपना स्थान बनाने में सक्षम हो सकी है। उनके कारण ही मैथिली भाषा को यूपीएससी परीक्षाओं की चयनित विषयों की सूची में शामिल शामिल किया गया।

सर्वप्रथम 1963_64 में स्वर्गीय ललित बाबू की पहल पर ही प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने मैथिली को साहित्य अकादमी में भारतीय भाषाओं की सूची में सम्मिलित किया। उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन बिहार के पिछड़ेपन को दूर कर राष्ट्रीय मुख्यधारा के समकक्ष लाने के लिए झोंक दिया। अतः ललित बाबू मिथिला की विभूति थे।


धन्यवाद ज्ञापन राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ अनिंद्र शर्मा के द्वारा किया गया एवं मंच संचालन हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ नंदकिशोर पंडित ने किया। इस अवसर पर महाविद्यालय के सभी शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मियों के साथ – साथ भारी संख्या के छात्र व छात्राएँ मौजूद थे।

 

बरौनी  संवाददाता चन्दन कुमार  

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