डीएनबी भारत डेस्क
बदलते समय के साथ साइबर ठग,ठगी के नए-नए पैंतरे अपना रहे हैं। उन पैतरो मे अंजान लिंक पर क्लिक ओर बैंक खाते से पैसे गायब शामिल है।
# तू डाल-डाल, तो मैं पात-पात.साइबर क्राइम का जाल इस तरह फैल रहा है कि धोखाधड़ी के नए-नए
पैतरो के चक्कर में पढ़े-लिखे लोग भी फंस जा रहे हैं।
# ऐसा ही कुछ मामला खगड़िया टाउन थाना मथुरापुर की पीड़िता का मामला है जो मुंगरे जमालपुर अपने मायके गई थी जहाँ पर ये घटना हुई ।जहाँ अंजान लिंक पर क्लिक करते ही आदर्श थाना जमालपुर अंतर्गत जगदीशपुर की ANM के बैंक खाते से चार किस्तों मे एक लाख रुपए गायब हो गए।
# यही नहीं ठगी होने के बाद भी साइबर ठगों द्वारा पीड़िता को फोन कर कहा गया कि आप भेजे गए लिंक पर क्लिक करें आपका पैसा वापस हो जाएगा।
# इस संबंध में पीड़िता ने बताया कि वह अपने परिजन को यूपीआई कर रही थी इसी दौरान साइबर ठगों द्वारा फोन कर कहा गया कि यूपीआई कंपनी से बोल रहा हूं सर्विस टैक्स के रूप में कटे 3694 रूपए वापस हुए होंगे। भेजे गए लिंक को क्लिक कर पैसे रिसीव कर ले। उसके बाद पीड़िता ने जैसे ही भेजे गए लिंक पर क्लिक किया तो उसके चार किस्तों में एक लाख रुपए गायब हो गए।
# मामले को लेकर पीड़िता द्वारा साइबर थाना मुंगेर मे आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई गई है।
# आपको बतादे आम लोगो की सुविधा की चीज साइबर ठगों के लिए बड़ी सुविधा साबित हो रही है। अब अधिकांश साइबर ठग यूनीफाइड पेमेंट इंटरफेस(यूपीआई) का इस्तेमाल कर रहे हैं।
# साइबर ठग दूसरों के नाम-पते वाले मोबाइल सिम का इस्तेमाल कर ठगी करने के बाद सिम बंद कर देते हैं।
# हलाकि साइबर ठगी को लेकर पुलिस समय-समय पर लोगों को जागरूक करती रहती है. फिर भी आए दिन साइबर ठगी के मामले सामने आ रहे है।
# डिजिटल दौर में ऑनलाइन ठगी को लेकर लोगा को सजग रहने की जरूरत है।
खगड़िया संवाददाता राजीव कुमार की रिपोर्ट