जेम विक्रेता संवाद में लघु उद्यमियों ने कहा, छोटे उद्यमियों के लिए सबसे बढ़िया प्लेटफॉर्म

पटना में जेम विक्रेता संवाद का आयोजन। बिहार सरकार के विभिन्न विभागों के द्वारा जेम से अबतक 41 सौ करोड़ से ज्यादा की हुई खरीदारी। देशभर में अबतक जेम पोर्टल के माध्यम से 3.02 लाख करोड़ रुपये से अधिक मूल्य का हुआ व्यापारिक लेनदेन  

 

 

डीएनबी भारत डेस्क

देश का राष्ट्रीय सार्वजनिक खरीद पोर्टल, गवर्नमेंट ई मार्केटप्लेस (जेम) वस्तुओं और सेवाओं की खरीद के मामले में बिहार सरकार के विभिन्न विभागों के द्वारा 2017 से अबतक 41 सौ करोड़ से ज्यादा की खरीदारी हो चुकी है। पटना में आज ‘जेम विक्रेता संवाद’ के दौरान ये जानकारी अमरदीप गुप्ता, निदेशक, गवर्मेंट-इ-मार्किटप्लेस (जेम), वाणिज्य एवं उद्धोग मंत्रालय, भारत सरकार ने दी। उन्होंने बताया कि जेम एक प्रारंभ से अन्त तक ऑनलाइन मार्केटप्लेस है। इसे 9 अगस्त 2016 को प्रधानमंत्री के विजन के रूप में लॉन्च किया गया था। जेम पोर्टल का एक मुख्य उदेश्य देश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम व्यवसायियों को एक ऑनलाइन मार्किट प्लेस उपलब्ध करना है जिससे वो सरकारी खरीदारी में भाग लेकर अपने व्यापर को बढ़ा सके।

जेम विक्रेताओं के साथ बातचीत करने और उन्हें नई जेम सुविधाओं के बारे में जागरूक करने के लिए पत्र सूचना कार्यालय के सहयोग से राष्ट्रीय ‘विक्रेता संवाद’ आयोजन के तहत आज पटना में ‘जेम विक्रेता संवाद’ का आयोजन किया। मौके पर इम्तियाज़ अंसारी एवं विनीत झा, छेत्रिय प्रबंधक, जेम, और संजय कुमार, सहायक निदेशक, पीआईबी पटना उपस्थित रहें। जेम विक्रेता संवाद के अवसर पर जेम के निदेशक अमरदीप गुप्ता ने कहा कि जेम को सार्वजनिक खरीद को पुनः परिभाषित करने के लिए जाना जाता है और यह सरकारी खरीदारों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों द्वारा खरीद के तरीके में आमूल-चूल परिवर्तन लाने में सक्षम है। जेम संपर्क विहीन, पेपरलेस और कैशलेस है और यह तीन स्तंभों दक्षता, पारदर्शिता और समावेशिता पर खड़ा है।

उल्लेखनीय है कि वित्त वर्ष ही 21-22 में जेम पोर्टल के माध्यम से एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के ऑर्डर विभिन्न सरकारी विभागों द्वारा सम्पादित किये गए। कुल मिलाकर, जेम ने अब तक 3.02 लाख करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के व्यापारिक लेनदेन के आकड़े को पार कर लिया है। यह पूरे देश में खरीदारों और विक्रेताओं सहित सभी हितधारकों के समर्थन से ही संभव हुआ है। जेम पर पंजीकृत सरकारी विभागों एवं विक्रेता के सम्बन्ध में अमरदीप गुप्ता ने बताया कि, जेम के खरीदार आधार में केंद्र और राज्य सरकार के सभी विभाग, सहकारी समितियां और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम शामिल हैं। बड़ी कंपनियों और समूहों से शुरू होकर, विक्रेता आधार में देश भर से महिला उद्यमी, स्वयं सहायता समूह और एमएसएमई विक्रेता शामिल हैं। जेम के विक्रेता आधार की विषम प्रकृति स्पष्ट रूप से ‘समावेशीता’ के संस्थापक स्तंभ को दर्शाती है। इसके अलावा, एमएसएमई और स्वयं सहायता समूहों के लिए सहज ऑनबोर्डिंग अनुभव सुनिश्चित करने के लिए जेम पोर्टल पर विशेष प्रावधान किए गए हैं। गौरतलब है कि 62 हजार सरकारी खरीदार और 50.90 लाख विक्रेता और सेवा प्रदाता जेम पोर्टल पर पंजीकृत हैं ।

मौके पर गुप्ता ने जेम विक्रेताओं को आगे आ कर अपने अनुभव साझा करने का अनुरोध किया। आयोजन के दौरान बिहार राज्य के विक्रेताओं ने जेम पोर्टल के विषय में अपने अनुभव एवं सुझाव व्यक्त किये। उदहारण के लिए जेम पोर्टल पर व्यापर करने वाले बिहार के एक लघु उद्यमी रिलाएबल इंटरप्राइजेज के अन्तेष झा ने अपना अनुभव साझा करते हुए बताया की जेम पोर्टल की वजह से उनके व्यापार करने की लागत में काफी कमी आयी है जिससे उनका व्यापार करना ज्यादा सुगम हुआ है। ऑनलाइन पोर्टल होने की वजह से उन्हें अब व्यापार करने के लिए पूरे देश में यात्रा करने की आवस्यकता नहीं रह गयी है अब वो बड़ी आसानी से बिहार में रह कर ही झारखण्ड, ओडिशा इत्यादि के सरकारी विभागों के निविदा में भाग ले पातें हैं और अपना सामान भी बड़ी आसानी से सप्लाई कर पातें है।

बिहार की एक महिला उद्ययमी उषा झा ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा की जब उन्हें पहली बार जेम पोर्टल के माध्यम से सरकारी आर्डर मिला तो ये उनकी संस्था पेटल क्राफ्ट के लिए अत्यंत उत्साह वर्धक था।साथ ही उन्हों ने जेम पोर्टल को महिला उद्यमियों के लिए एक वरदान बताया क्यूंकि ये उनको एक राष्ट्रीय सत्तर का बाजार उपलब्ध करता है। स्टार्ट उप इंडिया से मान्यता प्राप्त BIRO POWER के सीईओ रजनीश कुमार ने बताया की जेम पोर्टल ने भारत सरकार की उन सारी नीतियों को समाहित किया है जो स्टार्ट अप एवं एमएसएमई को लाभ पहुँचाने के लिए बनायीं गयीं हैं , जैसे की टर्नओवर एवं अनुभव जैसी शर्तों में छूट इत्यादि।

बिहार के अन्य विक्रेता अनैशा इंटरप्राइजेज ने अपने अनुभव शेयर करते हुआ बताया की जेम पोर्टल के मध्यम से उनकी पहुँच केंद्रीय विभागों तक भी हो गयी है, उनका जेम पर पहला आर्डर ही एएआई -इंदौर से था। उन्हों ने जेम पोर्टल के आने से सरकारी खरीदारी में जो पारदर्शिता आयी है उसकी भी जोरदार प्रशंसा की। कार्यकर्म के अंत में अमरदीप गुप्ता, ने धन्यवाद् ज्ञापन देते हुए सभी विक्रेताओं को सभा में आने के लिए आभार वयक्त किया एवं उन्हें जेम पोर्टल को और अधिक उपयोग करने के लिए आग्रह किया ताकि वो सरकारी खरीदारी में अपनी भागीदारी और बढ़ा सके।

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