डीएनबी भारत डेस्क
बेगूसराय के भगवानपुर प्रखंड क्षेत्र में अपनी पति की लंबी उम्र, सुखी दांपत्य जीवन, सुख समृद्धि और स्वस्थ जीवन की कामना लेकर निर्जला व्रत कर मिट्टी से भगवान शिव एवं माता पार्वती की प्रतिमा बनाकर उसे मंत्रो से विधिवत पूजा अर्चना कर पौराणिक कथाओं का श्रवन किया।
तीज के दिन तृतीया एवं चतुर्थी तिथि के युग्म संयोग होने से अति शुभकारी गौरी गणेश योग व मातृत्व योग बन रहा है। तृतीया तिथि के बाद चतुर्थी तिथि का होना उत्तम है इसीलिए व्रती महिलाएं शुक्रवार को पूरे दिन यानि सुबह से लेकर देर रात तक उपवास की।
प्राचीन मान्यता है कि आज के दिन माता पार्वती ने शिव को प्राप्त करने के लिए तीज के दिन निर्जला और निराहार रहकर घनघोर तप किया था। भगवान शंकर पार्वती से प्रसन्न हो जाते हैं और उन्हें अपने जीवन में पत्नी के रूप में स्थान देते हैं। कुंवारी कन्याएं सुयोग्य वर की कामना के लिए उपवास रखती हैं।
भगवानपुर, बेगूसराय से गणेश प्रसाद