डीएनबी भारत डेस्क
भाद्र पद शुक्ल तृतीया तिथि को मनाएं जाने वाली तीज व्रत के अवसर पर प्रखंड क्षेत्र के नौला, डीह, भवानंदपुर, वीरपुर पूर्वी, वीरपुर पश्चिम, गेंन्हरपुर, जगदर, पर्रा पंचायत समेत आस-पास के गांवों में नव विवाहिता समेत सुहागिन महिलाओं ने बालुका मई शिव पार्वती जी की प्रतिमा को स्थापित कर हर्षोल्लास के साथ निराहार रहकर अपने सौभाग्य और सुख समृद्धि के लिए पुजा अर्चना की।
इस दौरान पंडितों ने बताया कि इस व्रत का नाम हरि तालिका है। शास्त्रों में वर्णन है कि पार्वती जी शिवजी से शादी करना चाहती थी। उनके पिता के द्वारा पार्वती जी के इच्छा के विरुद्ध भगवान विष्णु से शादी करने की बात सामने आते ही वे अपना प्राण त्याग करने के लिए तैयार हो गई थी। ऐसा नहीं करने से मना कर सखियां हर कर उन्हें जंगल में ले गई और भाद्र शुक्ल पक्ष तृतीया हस्त नक्षत्र से युक्त तिथि को वहीं जंगल में ही पार्वती जी के द्वारा बालुका मई शिव जी की पुजा अर्चना किया गया। तब से हीं यह सुहागिन महिलाएं हरि तालिका व्रत करती हैं।
बीरपुर, बेगूसराय से गोपल्लव झा