डीएनबी भारत डेस्क
इंडियन रेलवे सर्विस ऑफ इलेक्ट्रिकल इंजीनियर्स अधिकारी विनीत कुमार ने 21 नवंबर, 2022 को खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के मुम्बई स्थित केंद्रीय कार्यालय में मुख्य कार्यकारी अधिकारी का पदभार संभाल लिया। उन्हें सूक्ष्म, लघु और मध्यम उपक्रम मंत्रालय के अधीन खादी और ग्रामोद्योग आयोग, मुम्बई का सीईओ नियुक्त किया गया है। केवीआईसी के मुम्बई स्थित केंद्रीय कार्यालय में केवीआईसी के अध्यक्ष मनोज कुमार ने उनका स्वागत किया।
विनीत कुमार 1993 बैच के आईआरएसईई अधिकारी हैं। वे खादी और ग्रामोद्योग आयोग का सीईओ नियुक्त होने के पहले श्यामा प्रसाद मुखर्जी पोर्ट, कोलकाता के अध्यक्ष थे। उन्होंने मुम्बई रेल विकास निगम, लिमिटेड में चीफ इलेक्ट्रिकल इंजीनियर के रूप में भी सेवायें दी हैं। वे कीवीआईसी के सीईओ का पदभार संभालने के पहले विश्व बैंक द्वारा वित्तपोषित एमयूटीपी परियोजना की देखरेख करते थे। कुमार ने मध्य रेलवे के सचिव के प्रशासनिक पद पर काम करते हुये सामान्य प्रशासनिक कामकाज का भी अनुभव प्राप्त किया है। वे मुम्बई में मध्य रेलवे की उपनगरीय रेल व्यवस्था में भी काम कर चुके हैं। यह उपनगरीय रेल रखरखाव, गाड़ियों के परिचालन और ट्रैक्शन इंस्टालेशन में दुनिया की सबसे सघन उपनगरीय प्रणाली है। पुणे और नागपुर में कुमार के पास ट्रैक्शन और लोकोमोटिव वर्कशॉप का स्वतंत्र प्रभार भी था।
श्यामा प्रसाद मुखर्जी पोर्ट, कोलकाता के अध्यक्ष के रूप में कुमार के नेतृत्व में वर्ष 2018-19 और 2019-20 में, यानी लगातार दो वर्षों तक बंदरगाह ने सबसे अधिक सामान की संभाल की। इस कार्य में कुमार ने केंद्रीय और सक्रिय भूमिका निभाई थी। इस तरह उनके समय में जो रिकॉर्ड बना, उसने बंदरगाह की 150 वर्षीय इतिहास को पीछे छोड़ दिया था। माल-सामान की संभाल के अलावा, बंदरगाह ने कुमार की दूरगामी सोच और उनके ऊर्जावान नेतृत्व में 150 वर्षों में पहली बार 60 करोड़ रुपये का लाभ अर्जित किया था। उनके शानदार कार्यकाल में ही प्रधानमंत्री ने 11 जनवरी, 2020 को कोलकाता बंदरगाह की 150वीं वर्षगांठ के भव्य समारोह का उद्घाटन किया था।
बंदरगाह सेक्टर में शामिल होने के समय से ही कुमार अवसंरचना विकास और क्षमता बढ़ाने में प्रमुख भूमिका निभाते रहे हैं। उनके नेतृत्व में एसएमपी कोलकाता ने गहरे पानी स्थित गोदियों में माल-लदाई के जरिये केप-साइज जहाजों को संभाला। कुमार ने पड़ोसी देशों और पूर्वोत्तर क्षेत्र के बीच क्षेत्रीय कनेक्टिविटी के विकास में केंद्रीय भूमिका निभाई है। उन्होंने विभिन्न रणनीतिक पहलों के जरिये बांग्लादेश, नेपाल, भूटान, म्यांमार और थाईलैंड के साथ व्यापारिक रिश्ते बढ़ाने पर पूरा ध्यान दिया था।