नालंदा : विलुप्त परंपरा को पुनर्जीवित करने की कोशिश, विजयदशमी के दिन नालंदा नाट्य संघ के द्वारा किया गया नाटक

विलुप्त हो रहे नाटक परंपरा को 1955 से नालंदा नाट्य संघ के कलाकारों ने जिंदा रखने का कर रही है प्रयास।

डीएनबी भारत डेस्क

हर साल विजयदशमी दशमी के मौके पर नालंदा नाट्य संघ के द्वारा दो दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। इस कार्यक्रम का उद्घाटन समाजसेवी अरविंद कुमार सिन्हा के द्वारा किया गया।

नालंदा नाटक संघ के कलाकारों के द्वारा राजनीति भक्ति एवं अन्य विषयों पर एक से बढ़कर एक प्रस्तुति देकर दर्शकों का मन मोह लिया। दर्शकों ने तालिया की गड़गड़ाहट से कलाकारों के हौसले को बढ़ाने का काम किया।

नाट्य संघ के कलाकारों ने बताया कि 1955 ई से लगातार नालंदा नाट्य संघ के द्वारा बिहार शरीफ के मोगलकुआं डाक बंगला मोड पर विजयादशमी के मौके पर एक से बढ़कर एक नाटक का मंचन किया जाता है। कला के माध्यम से संस्कृति और नाट्य कला को जिंदा रखना का प्रयास किया जा रहा है।

नाट्य कला माध्यम से युवाओं को जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। आज हमारे देश में नाटक कला विलुप्त होता जा रहा है इसी विलुप्त हो रहे नाटक कला को जीवंत रखने के उद्देश्य से हर साल दो दिवसीय नाटक मंचन का कार्यक्रम किया जाता हैं।

अपने धरोहर जैसी संस्कृति को बचाने के उद्देश्य से हम लोग युवाओं को इस संस्थान से जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं।

डीएनबी भारत डेस्क