शवदाहगृह फीडर से विद्युत आपूर्ति होने से कुछ हद तक ठिक चल रहा था
बीहट में अलग फीडर नहीं होने के बावजूद विभाग द्वारा तैनात है कनिय अभियंता
डीएनबी भारत डेस्क
बेगूसराय/बीहट-चिराग़ तले अंधेरा केवल कहावत तक ही सीमित नहीं है बल्कि बीहट क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति को लेकर इन दिनों काफ़ी हद तक यह सत्य साबित हो रहा है । कब बिजली आएगी और कितनी कटौती कर विद्युत आपूर्ति किया जाएगा, इसका कोई मानक तय नहीं है। कभी लोड शेडिंग तो केवल पंक्चर तो कभी फेज या जमफर उड़ जाने की बात बताई जाती है उपभोक्ताओं को। इतनी घनी आबादी वाले क्षेत्रों में आजादी काल से लेकर अबतक विद्युत आपूर्ति के लिए अलग से फीडर नहीं स्थापित किया गया जो अपने आप में काफी बड़ी सवाल है।
यहां तक प्रमाण के साथ कहा जाता है कि घर में पहले बीटीपीएस हुआ करता था जब मुख्यमंत्री बिहार पुरुष श्रीकृष्ण सिंह हुआ करते थे। आज़ विकास पुरुष नीतीश कुमार मुख्यमंत्री हैं और यहां अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस एनटीपीसी बरौनी स्थापित है फिर भी विद्युत आपूर्ति को लेकर एक फीडर नहीं है। यह क्षेत्र विगत 2011 में ही ग्रामीण क्षेत्रों से उपर उठकर शहरी कल्चर को अपनाते हुए नगर परिषद बन तो गया लेकिन कुछ भी सुविधा उपलब्ध नहीं हो पा रहा है तब से विद्युत क्षेत्र में।
तथा जर्जर सभी तारों को तत्काल प्रभाव से बदला जाए और उसके स्थान पर केवल दिया जाए और जहां हाई वोल्टेज तार है उसके नीचे गार्ड लगाया जाए। हर पोल पर रौशनी को लेकर बल्ब लगाया जाए। जिससे जान-माल सहित सभी प्रकार के नुकसानों को होने की सम्भावना को कम किया जा सके। बताते चलें कि बीहट प्रशाखा के लिए पूर्व से कनिय अभियंता स्तर के पद सृजित हैं और उस पर वर्तमान में भी कनिय अभियंता के रूप में एक पदाधिकारी कार्यरत भी हैं।
बताते चलें कि कई ऐसे फीडर हैं जिसकी एक दूसरे के बीच दो -ढाई किलोमीटर की भी दुरी से कम है। पर यहां आजादी काल से अबतक विद्युत फीडर नहीं लग पाया है जो काफी खेदजनक बात है। लोगों का मानना है कि बिजली की छोटी -छोटी समस्याओं को लेकर हाल में भी स्थानीय विधायक राम रतन सिंह द्वारा कार्यपालक अभियंता विद्युत आपूर्ति प्रमंडल बरौनी का घेराव कर धरना-प्रदर्शन किया गया था। पर उसका साकारात्मक प्रभाव का प्रकाश अभी बीहट क्षेत्र में आने में दिल्ली दूर है।
इसके लिए सबसे पहले स्थानीय लोगों, सक्रिय उपभोक्ताओं, स्थानीय विधायक तथा नगर प्रशासन एवं नगर निकाय के जनप्रतिनिधियों द्वारा संयुक्त रूप से पहल करते हुए स्थानीय स्तर से लेकर राज्य सरकार तक पहूंचाना होगा तभी यह कार्य सफल हो सकता है। इस अत्यंत ज्वलनशील मुद्दों पर सदन में बहस होनी चाहिए।
बेगूसराय बीहट संवाददाता धरमवीर कुमार की रिपोर्ट