घटना लोहिया नगर रेलवे गुमटी के समीप की है।
डीएनबी भारत डेस्क
बेगूसराय में जाबांज तीन मासूम बच्चों ने जिंदादिली और साहस का परिचय देते हुए ना सिर्फ एक व्यक्ति की जान बचाई बल्की कंधे पर लाद कर घायल को घर पहुंचाया और बाद में उसे इलाज के लिए सदर अस्पताल में भी भर्ती कराया। बच्चो के इस साहस ने ना सिर्फ मानवता की मिसाल पेश की बल्की समाज के सामने एक उदाहरण भी पेश किया है । दरअसल तीन मासूम बच्चों ने यह कारनामा उस वक्त कर दिखाया जब एक व्यक्ति ट्रेन की ठोकर से गंभीर रूप से घायल हो गया।
मौके पर दर्जनों लोग तमाशबीन बने रहें तब इस तीन मासूम बच्चों ने अपना फर्ज निभाते हुए घायल को कंधे पर लाद कर घायल को उसके घर पहुंचाया और बाद में ई रिक्शा पर लाद कर घायल को ईलाज के लिए सदर अस्पताल पहुंचाया। घटना लोहिया नगर रेलवे गुमटी के समीप की है। घटता के संबंध में बताया जा रहा है की लोहियानगर मुहल्ला में किराए के मकान में रहने वाले संतोष चौधरी के पुत्र चंदन चौधरी घर से सब्जी लेने के लिए घर से निकला था।
रेल पटरी के पास से गुजरने के दौरान वह किसी तरह ट्रेन की चपेट में आ गया और बुरी तरीके से घायल हो गया। घटना के बाद मौके पर मौजुद दर्जनों लोग घायल को अस्पताल ले जानें के बदले तमाशा देखते रहें। इसी बीच घर से खाना खाकर बाहर निकले बच्चों ने भीड़ भाड़ देखकर मौके पर पहुंचे और दो बच्चें ने घायल को जैसे तैसे कंधे पर लादकर उसको घर तक पहुंचाया और बाद में घर वालो के सहयोग से ई रिक्शा ठीक कर उसे इलाज के लिए सदर अस्पताल ले कर पहुंचे।
घायल के पत्नी ने बच्चो की तारीफ करते बताया की अगर इन बच्चो ने साहस और मानवता नही दिखाया होता तो आज उसके पति की जान नही बच पाती। घायल के लिए भगवान के रूप में सामने आए सोनू , जियाउल और शिवा आपस में दोस्त है। जिसकी उम्र सात साल से नौ साल के बीच की है। पूछे जानें पर बच्चो ने बताया की उन्होंने मोबाईल पर कही देखा था की दूसरो की मदद करना इंसान का फर्ज होता है इसी से प्रेरित होकर उन लोगो ने घायल की जान बचाया।
ऐसा कर वो काफ़ी खुश है अगर वो लोग मौके पर नही पहुंचते तो घायल की जान जा सकती थीं। फिलहाल बच्चो के इस साहस से ना सिर्फ घायल के परिवार खुश है बल्की घटना को जानने वाले लोग भी बच्चो के इस कारनामे पर उसकी प्रशंसा करते नही थक रहें है।
डीएनबी भारत डेस्क