डीएनबी भारत डेस्क
अपराध की दुनिया में सुर्खियां बटोरते बिहार के बेगूसराय में इन दिनों अपराधियों के हौसले इस कदर बुलंद हो गए हैं कि अब वे सारी हदें पार करते नजर आ रहे हैं। आम तौर पर बदमाशों द्वारा समाज में अशांति पैदा करना, विधि व्यवस्था की धज्जियां उड़ाना, कानून से बैखौफ होकर दिन दहाड़े हत्या, छिनतई एवं लूट के मामले सामने आते रहे जिससे लोगों में हड़कंप मचा रहा। लेकिन होश उड़ा देने वाली सनसनीखेज ख़बर सामने आई है जहां न्यायपालिका भी अब बदमाशों के निशाने पर नज़र आ रही है।
घोर अपराध के इस ताजा कड़ी में गैर ज़मानती वारंट जारी किए जाने से आग बबूला हो कर अपराधियों ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी को ही जान मारने की धमकी दे डाली है। इस बात की भनक लगते ही जिले में सनसनी फ़ैल गई। अधिकारियों सहित वकील, पब्लिक प्रॉसिक्यूटर के तमाम सरकारी अधिकारियों के ललाट पर चिंता की लकीरें देखी जा रही है। बताया जाता है कि धमकी बंद लिफाफे में डाक के माध्यम से भेजी गई और मामले की गंभीरता भांपते देर नही लगी और व्यवहार न्यायालय के जी आर कलर्क नागेश मोहन सिन्हा ने एसपी योगेन्द्र कुमार को मामले की जानकारी देते हुए धमकी प्रेषक आरोपी शालिग्राम कनौजिया केयर ऑफ रामाशीष दास के खिलाफ़ नगर थाने में लिखित सूचना देते हुए मामले दर्ज करने की बात साझा की गई है।
आवेदन में बताया गया है कि बीते 22 नवंबर को डाक विभाग के माध्यम से एक लिफाफा प्राप्त हुआ जिसमें एक पत्र के माध्यम से आरोपी द्वारा मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी को गैर ज़मानती वारंट जारी करने पर जान मारने की धमकी दी गई है। आवेदन में बताया गया है कि वर्तमान परिस्थिति में मामले की गंभीरता को देखते हुए प्राथमिकी दर्ज कर अग्रेतर कार्रवाई की जाय। इस घटना को लेकर न्यायिक अधिकारी स्तब्ध रह गए। लोक अभियोजक मो सैयद मंसूर आलम ने बताया कि इस बात की जानकारी मिलते ही सकते में पड़ गए। उन्होंने सारे प्रोस्क्यूटर की ओर से इस घृणित कार्य की घोर निन्दा की है। अभियोजक ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए बताया कि बीते लंबे समय तक कार्यावधि में इस तरह का मामला कभी भी नहीं देखा।
उन्होंने एसपी से अपेक्षा की है कि सूक्ष्मतापूर्वक जांच कर सभी साक्ष्य संग्रह कर आरोपी के खिलाफ समर्पित करें ताकि अभियोजक अपना दायित्व निर्वाहन करेगी और ऐसे घृणित कार्य करने वाले आरोपी को सजा दिलाई जा सकें।
बेगूसराय से सुमित कुमार (बबलू)